Saturday 23 December 2017

गोमती चक्र [Gomti Chakra ] के अद्भुत प्रयोग

सुरक्षात्मक प्रयोग 
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अगर कोई व्यक्ति होली के दिन 7 गोमती चक्र को सवा मीटर कपड़े में बांधकर अपने पूरे परिवार के ऊपर से ऊतारकर किसी बहते जल में फेंक दे तो यह एक तरह से परिवार की तांत्रिक रक्षा कवच का कार्य करेगा।
  स्वास्थ्य प्राप्ति हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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.१. गोमती चक्र को साफ जल से धो कर एक लाल वस्त्र बिछा कर उस पर स्थापित करें। सिंदूर लगाएं, देशी घी का दीपक जलाये धुप दें और निम्न मंत्र का ११ माला जप करें
वॉ आरोग्यानिकारी रोगानशेषानंम”
इस प्रकार जब ग्यारह मालाए सम्पन हो जाए तब साधक को वह गोमती चक्र सावधानी पूर्वक एक तरफ रख देना चाहिए वह गोमती चक्र तीन वर्ष तक प्रभावित रहेगा इस का प्रयोग बीमारी पर विशेष रूप से किया जाता है कोई बीमारी हो तो एक साफ गिलास में शुद्ध गंगा जल लेकर उस में यह गोमती चक्र डाल दे और ऊपर लिखे मन्त्र को इक्कीस बार मन ही मन उच्चारण कर उस गोमती चक्र को बाहर निकल दे व् वो पानी रोगी को पिला दें तो वह रोगी जल्दी ही ठीक होने लग जाएगा आश्चर्य कि बात यह है कि ऐसा प्रयोग किसी भी रोगी पर किया जा सकता है चाहे कोई भी रोग क्यों हो
तीन वर्ष के बाद इस प्रकार के गोमती चक्र को पुनः सिद्ध किया जा सकता है।
२.. यदि बीमार ठीक नहीं हो पा रहा हो अथवा दवाइयाँ नही लग रही हों, तो उसके सिरहाने पाँच गोमती चक्र उपरोक्त मंत्र से अभिमंत्रित करके रखें। ऐसा करने से रोगी को शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ होगा।
३. रोग-मुक्ति के लिएः परिवार में यदि कोई असाध्य रोगी है, तो चार गोमती चक्र लाकर उन्हें जल से स्वच्छ करें। डंठल सहित दो पान के पत्ते लें। एक जोड़ा लौंग को घी में डुबोकर पान के पत्तों पर रखें और पान के पत्तों को इस प्रकार लपेट लें कि सारी सामग्री अंदर बंद हो जाए। चाहें तो काले धागे से बांध सकते हैं। अब दाएं हाथ में चार गोमती चक्र तथा बाएं हाथ में पान लेकर होलिका की 11 परिक्रमा करें। प्रत्येक परिक्रमा में रोगी के स्वस्थ होने के बारे में निवेदन करें। होलिका को प्रणाम करें और गोमती चक्र को घर ले आएं। वे चारों गोमती चक्र रोगी के पलंग के चारों पायों में बांध दें। रोगी की जो चिकित्सा चल रही है, उसे चलने दें। रोजाना सुबह उठते ही रोगी के स्वास्थ्य की कामना करें। लाभ मिलेगा।
४. . यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ होता हो, तो चतुर्दशी को ११ अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जप करें पाठ के बाद छह चक्र उठाकर किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें और पीछे देखे बिना वापस जायें बाकि बचे तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम करके घर जायें घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें ।आपका स्वास्थय सुधरने लगेगा |
 5.. चार गोमती चक्र लेकर उपरोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर रोगी के पलंग के चारों पायों में नकले धागे से बांध दें और स्वस्थ होने पर उन्हें पीपल के निचे गाड़ दें या प्रवाहित कर दें।
 ६.. पेट संबंधी रोग होने पर 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल दें तथा सुबह उस पानी को पी लें। इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दूर हो जाते हैं।
 संतान बाधा हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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 १.. महानिशा में माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए एक गोमती चक्र एंव दो कौडी एक लाल कपड़े में बाँधकर गर्भवती महिला की कमर में बाँध दें। ऐसा करने से गर्भ गिरने की आशंका नहीं रहती है।
 २.. अगर संतान कि प्राप्ति में किसी तरह की कोई बाधा रही हो तो यह प्रयोग अवश्य ही करे पाँच सिद्ध गोमती चक्र लेकर किसी नदी या तालाब में पाँच बार यह मन्त्र बोल कर विसर्जित कर दे तो संतान की बाधा समाप्त हो जाएगी मन्त्र इस प्रकार है
ओम गर्भरकक्षांम्बिकाय़ै विद्महे, मंगल देवतायै धीमहि, तन्नौ देवी प्रचोतयात्।
 गृह क्लेश नाश हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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१.. यदि आप गृह क्लेश से पीडित है और आपकी सुख शांति दूर हो गई है, तो 3 गोमती चक्र लेकर एक डिब्बी में पहले सिन्दूर रखकर उसके ऊपर रख देना चाहिए और उस डिब्बी को किसी एकांत स्थान पर रख दें। यह प्रयोग घर में किसी अन्य सदस्य को भी नहीं बताएँ, ऐसा करने से शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
 २. अगर पति पत्नी में रोजाना कोई लड़ाई होती हो या झगड़ा इतना बड़ गया हो कि बात तलाक तक पहुच गयी हो तो ऐसे में तीन सिद्ध किये हुए गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में हलु बलजाद कहकर फेकं दें ऐसा हफ्ते में तीन बार करे परेशानी कम हो जाएगी.
 ३.. ग्यारह गोमती चक्र लेकर लाल सिंदूर की डिब्बी में भरकर अपने घर में रखने से दाम्पत्य प्रेम बढ़ता है।
 नौकरी और कार्य व्यवसाय में सफलता हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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 १.. यदि गोमती चक्र को लकड़ी की डिब्बी में पीले सिंदूर के साथ रख दिया जाए, तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलने लगती है। यदि धनागम के सभी मार्ग अवरूद्ध हो रहे हों तों वह प्रयोग करने से शीघ्र ही धन लाभ प्रराम्भ हो जाता है।.
 २. अगर नोकरी मिल रही हो या नोकरी में कोई तरकी नही हो रही है तो उसे सिद्ध किया हुआ एक गोमती चक्र रोजाना शिव लिंग पर चढ़ाना चाहिए ऐसा इक्कीस दिन लगातार करने पर नोकरी में बन रही कोई भी अड़चन समाप्त हो जाएगी।
 भाग्योदय हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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 . अगर किसी का भाग्य उदय हो रहा हो तो उसे सिद्ध तीन गोमती चक्र का चूर्ण बना कर शुभ महूर्त में अपने घर के बाहर बिखेर देने से दुर्भाग्य समाप्त हो जाता है|
कार्य सिद्धि हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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 यदि किसी व्यक्ति से कोई कार्य सिद्ध करवाना हो, तो उस व्यक्ति के ऊपर से गोमती चक्र पाँच बार बहते हुए जल में डाल दें।.
 विद्यार्थियों में एकाग्रता वृद्धि हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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. यदि किसी व्यक्ति का मन उखडा-उखडा रहता हो, किसी काम में मन नही लगता हो, विधार्थियों को शिक्षा में एकाग्रता मिल रही हो, तो गोमती चक्र को सात बार अपने सिर पर फिराकर खुद ही अपने पीछें दक्षिण दिशा की ओर फेंक देना चाहिए। यह प्रयोग एकांत स्थान पर करना चाहिए तथा प्रयोग के बाद किसी से इनका जिक्र नहीं करना चाहिए।.
 ऊपरी बाधा हेतु /भूत-प्रेत-टोटके से मुक्ति के लिए गोमती चक्र प्रयोग
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१. अगर किसी को भुत प्रेत का उपद्रव हो तो सिद्ध किया हुआ गोमती चक्र दो दाने लेकर उस इन्सान के सर से बार वार कर जलती अग्नि में डाल देने से भुत प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है अगर किसी के घर पर ऐसा हो तो पुरे घर पर या रसोई से वार कर अग्नि में डाल देने से घर का भी दोष समाप्त हो जाता है।

२. अगर किसी पर कोई किया कराये का असर है तो पाँच बुध वार लगातार सिद्ध चार गोमती चक्र अपने सर से वार कर चारो दिशाओ में फ़ेंक दे दोष समाप्त हो जायेगा।.................................................................हर-हर महादेव

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