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दुनिया में शायद ही कोई होगा जिसे खुशबू नापसन्द होगी । सुवास से न सिर्फ़ तन-मन बल्कि आसपास का माहौल भी महक उठता है । सुगन्धित पदार्थ की एक लम्बी फ़ेहरिस्त है और इसमें लोबान का नाम भी शामिल है । अगरबत्ती, धूप और हवन सामग्री के निर्माण में लोबान का प्रयोग होता है । लोबान का प्रयोग दवा के रूप में भी होता है । इसे सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है । इसका धुआँ सुगन्धित होता है । लोबान दरअसल एक क़िस्म की राल या वृक्ष से निकलने वाला पारदर्शी स्राव है जो सूख कर सफेद या पीली आभा वाले छोटे छोटे पिण्डों में रूपान्तरित हो जाता है । इसे हवन, पूजन के दौरान या अन्य आयोजनों में सुगन्धित वातावरण बनाने के लिए जलाया जाता है । इसके धुएँ से माहौल महक उठता है
लोबान से दर्दनाक गठिया के इलाज में मदद मिल सकती हैं। इसका उपयोग प्रायः सिरदर्द की दवा बनाने में होता रहा है
यदि किसी घर-परिवार में अक्सर परेशानियां बनी रहती हैं। परिवार का कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार या अस्वस्थ रहता है। धन संबंधी परेशानियां बनी रहती है। छोटे-छोटे कार्य भी बड़ी कठिनाई से पूर्ण होते हैं। तब संभव है कि उस घर में कोई वास्तु दोष हो, कोई नकारात्मक शक्ति सक्रिय हो। इस प्रकार के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए यह उपाय अपनाएं। वास्तु संबंधी दोषों को दूर करने और घर के वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा को प्रभावहीन करने के लिए वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाना चाहिए।
इसके लिए सुबह-सुबह अपने घर में —-लोबान, गुग्गल, कपूर, देशी घी एवं चंदन का चूरा एक साथ मिलाकर गाय के कंडे/उपले पर धूनी दें। पूरे घर में इस धूनी का धुआं फैलाएं। इसके प्रभाव से वातावरण में मौजूद नकारात्मक शक्तियां प्रभावहीन हो जाएंगी और सकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ेगा।
लोबान का प्रयोग मुस्लिम tantra में बहुतायत
से होता रहा है और इनकी धूनियों में इसका प्रयोग होता है |हमारे हवं सामग्री में भी इसे मिलाया जाता है
|इसके अन्दर वह गुण होता है की यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है |विषैले तत्वों
को वायु में नष्ट करता है ,हानिकारक बैक्टीरिया ,वायरस को दूर करता है साथ ही घर
को सुगन्धित भी करता है |इसके प्रयोग से घर की दुर्गन्ध दूर होती है और एक विशेष
खुशबु बहुत समय तक बरकरार रहती है |जिससे मन मष्तिष्क पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है |
कार्डिफ
यूनिवसिर्टी में हुए एक ताजा शोध के अनुसार, लोबान तेल भड़काऊ अणुओं का उत्पादन बाधित करने की कुंजी है, इससे कॉटिर्लेंज टिश्यु के टूटने को रोकने के
द्वारा अर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। भारतीय लोबान रुमेटी
गठिया के रोगियों में सूजन और दर्द को कम करने में भी बहुत प्रभावी पाया गया है।
लोबान तेल कुछ अद्भुत प्रकार के चिकित्सा गुण भी प्रदान करता है। घाव के आसपास इस तेल को लगाने घाव जल्दी भरता है। लेकिन इस बात का ध्यान रहें कि घाव को पहले अच्छे से धोने के बाद ही तेल को लगायें।
लोबन तेल ध्यान के सत्र को अच्छी तरह से करने में मददगार होता है। इसके लिए आप भौंहों के बीच में लोबान तेल को लगाकर ध्यान करें। आप इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए अन्य आवश्यक तेलों को भी मिला सकते हैं |.........................................................हर-हर महादेव
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