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गोमती चक्र से भली-भाँति परिचित हैं। गोमती चक्र समुद्र प्रदत्त चामत्कारिक तंत्रोक्त वस्तु है गोमती चक्र के प्रयोग अन्य तंत्रोक्त साधनाओं एंव प्रयोगों की भाँति कठिन अथवा दुष्कर नहीं हैं।गोमतीचक्र के प्रयोग बड़े ही सरल, किन्तु प्रभावकारी प्रयोग होते है। यह लक्ष्मी जी की प्रिय वस्तुओं में से एक है और इसीलिए लक्ष्मी के आकर्षण और स्थायित्व के लिए प्रयोग किया जाता है। कई लोग इसे दुर्लभ और दुर्लभतम बताते हैं जबकि आज ये देभर में सुलभ है । अन्य तंत्रोक्त
वस्तुओं के समान महंगा न होकर ये काफी सस्ता है और बेहद असरदार भी।गोमती चक्र के लक्ष्मी सम्बंधित कुछ प्रयोग निम्न प्रकार हैं -
आर्थिक बाधा नाश और स्थायी लक्ष्मी हेतु
गोमती चक्र प्रयोग
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1. यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो, तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्रों को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर हल्दी से तिलक करें । फिर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें ।
2 . यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है, भले ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही क्यों न हो, तो शुक्रवार को २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें । अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें । ११ चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें ।लाभ होगा |
3. यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें, परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को २१ अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें । फिर रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र की तीन माला जप करें । इस प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन किसी वृद्ध तथा ९ वर्ष से कम आयु की एक बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें ।
धन प्राप्ति , स्थायित्व एवं समृद्धि हेतु गोमती चक्र प्रयोग
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1.धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें। उनके सामने श्रीं श्रियै नम: का जप करें। इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी।
2 . आठ गोमतीचक्र, आठ कौड़ी एंव आठ लाल गुंजा साथ लेकर उनका पुजन करें। उन्हें दक्षिणावर्ती शंख में थोड़े से चावल डालकर स्थापित कर दें।रात्रि में ही उन्हें लाल कपडे में बाँधकर धर अथवा व्यवसाय स्थल की तिजौरी में स्थापित कर दें। यह प्रयोग आपकी आय में वृद्धि के लिए है।
3 . 11 गोमती चक्र, 11 काली हल्दी, एक सुपारी और एक सिक्का पीले वस्त्र में लपेट कर तिजोरी में रखें तो वर्ष भर तिजोरी भरी रहेगी।
4 . सात गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं।...............................................................हर-हर महादेव
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