Sunday, 7 October 2018

कुंडलिनी तंत्र के अनुसार स्त्री के भेद [Types of Female In Tantra]


तंत्र के अनुसार स्त्री के भेद
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जिस प्रकार तंत्र में पुरुष के ६ भेद होते हैं ,उसी प्रकार स्त्री के भी ६ भेद होते हैं --१-पद्मिनी ,२-हस्तिनी ,३-चित्रणी ,४-शंखिनी ,५-बाघी ,६-सिंघनी
- पद्मिनी
======== लंबा सुडौल कद ,तिकोना गोल चेहरा ,पतली ठुड्डी ,पतले होंठ ,सुतवां सुडौल नाक ,चौड़ा ललाट ,सुडौल लम्बी गर्दन ,बड़ी बड़ी सुन्दर अपनत्व से चमकती खुशनुमा आँखें ,चौड़े कंधे ,लम्बी सुडौल बाँहें ,पतली कमर ,पुष्ट चौड़े नितम्बों वाली पद्मिनी की जंघाएँ ,पुष्ट सुडौल टांगें उसी अनुपात में सांचे में ढली लगती हैं |इसके पैरों के तलवों में गहराई होती है |पैरों का पृष्ठ उठा होता है |पारिवारिक दायित्वों का बोध होता है |ये कुशल और श्रेष्ठ जीवन संगिनी होती हैं परन्तु यदि इनका विवाह अश्व या मार्जार पुरुष से होता है ,तो ये भारी कष्ट में पड़ जाती हैं और असमय ही मृत्यु को प्राप्त करती हैं |इनकी योनी की गहराई कम होती है और यह रति में क्रूरता या विकृति पसंद नहीं करती |इनके लिए शशक अथवा मृग पुरुष उत्तम होता है |कोमलता और सौन्दर्य बोध इनका विशेष गुण होता है |
- हस्तिनी
==========  हस्तिनी लम्बे कद ,कठोर ,छरहरे बदन वाली होती है |इसके कंधे पद्मिनी जितने चौड़े नहीं होते |चेहरा अंडाकार होता है और नेत्रों में गहराई भरी कठोरता होती है |इसकी बाहें लम्बी सुडौल होती हैं ,पर इनमे पद्मिनी जैसी कोमलता नहीं होती |उँगलियाँ लम्बी, पतली ,मजबूत होती हैं |इनकी पिंडलियों ,घुटनों, कूल्हों की हड्डियाँ उभरी होती हैं |यह खिलखिलाकर नहीं हसती न ही चंचल होती है |इनकी हंसी में घोड़े जैसी खनक होती है |इनके शरीर पर रोम बड़े बड़े और मोटे होते हैं |योनी की गहराई अधिक होती है और यह रति में कठोरता को पसंद करती है |कोमल प्रकृति के पुरुष इनको नहीं भाते |इस कारण शशक और मृग पुरुष से इनकी नहीं बनती |वृषभ से भी जैसे तैसे तालमेल हो पाता है |उन्हें अश्व पुरुष पसंद आता है |यह सिंह पुरुष से घबराती हैं और मार्जार इनसे भागता है |यदि इनकी शादी मार्जार से हो जाए तो दिन रात कलह होता है |
३- चित्रणी -
=========  पद्मिनी के बाद चित्रणी सबसे श्रेष्ठ स्त्री समझी जाती है |इसके कंधे कम चौड़े होते हैं ,नितम्ब उभरे होते हैं ,पर चौड़ाई कम होती है |इनके हाथ पैर लम्बे ,सुडौल ,मांसल और कोमल होते हैं |इनकी आँखें हिरनी जैसी होती हैं ,चेहरा लम्बाकार या गोल लम्बाकार होता है |ये चलती हैं तो एक तरफ झुकती सी लगती हैं |इनके शरीर पर रोम सामान्य से होते हैं ,न बड़े न छोटे |इनके स्तनों का आकार बड़ा हो सकता है ,पर इनमे कठोरता नहीं होती |योनी की आकृति और गहराई मध्यम होती है |इन्हें संगीत ,कला ,घूमने-फिरने ,सुन्दर स्वादिष्ट खानों एवं अच्छे वस्त्रों में रूचि होती है |ये रतिक्रीड़ा में अच्छी सधी होती हैं ,जीवन संगिनी भी अच्छी होती हैं ,पर इनको बाहरी जीवन पसंद होता है |स्वयं के व्यक्तित्व की भी चाह होती है |मान-सम्मान और विशिष्टता की भी आकांक्षा होती है ,अर्थात महत्वाकांक्षाएं बढ़ी होती है |इनमे चंचलता और उन्मुक्तता अधिक होती है |ये कुशल गृहिणी होती हैं |लेकिन पुरुष से इसका स्वाभिमान टकराता है और दाम्पत्य जीवन में टूट का खतरा हमेशा रहता है या दाम्पत्य जीवन दुखी रहता है |इनकी शादी यदि मार्जार ,सिंह ,अश्व ,से हो जाए तो यातो यह मृत्यु को प्राप्त होती हैं या तलाक या सम्बन्ध विच्छेद हो जाता है ,|इसके अपने विशेष कारण होते हैं |
4-शंखिनी 
========  शंखिनी प्रकार की स्त्री औसत कद ,गढ़े हुए हाथ-पैरों और शरीर वाली नारी ,गोल चेहरा ,घनी भवें ,पुष्ट कठोर स्तन -नितम्बों वाली होती है |इसके हाथ पैर छोटे और ठोस होते हैं |हथेलियाँ चौड़ी अधिक लम्बी कम होती हैं |उँगलियाँ मोती होती है और नख अधिक चौड़े होते हैं |इसका शरीर ठोस होता है ,पेट मांसल होता है |यह कामुक होती है |
- बाघी 
=======   बाघी प्रकार की स्त्री लम्बे कद की ,मांसल ,स्थूल बदन वाली ,कम हंसने वाली ,गम्भीर होती है |इसका कद लम्बा होता है ,चेहरा अंडाकार ,आँखों में चमक होती है |हाथ-पैर सुडौल मांसल होते हैं |नितम्ब और स्तन भी भारी मांसल और बड़े होते हैं |यह बेहद कुटिल और चालाक होती है |यह चाहती है की पुरुष इसके वश में रहे और अपनी चाहना में सफल भी होती है |
-सिंहनी 
======= यह लम्बे ,सुडौल कद ,लम्बी बाहें ,चौड़े कंधे ,पतली कमर ,कम उभरे नितम्बों वाली नारी ,चौड़े ललाट ,लम्बे बालों वाली होती है |इसका सौन्दर्य अद्भुत होता है ,पर आँखों में गम्भीरता का तेज होता है ,जिसको बर्दास्त करना मुश्किल होता है |यह रतिकाल में आक्रामक हो जाती है |...................................................................हर-हर महादेव

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