Saturday 23 December 2017

कौड़ियाँ सहायक हैं लक्ष्मी प्राप्ति में

लक्ष्मी प्राप्ति में सहायक हैं कौड़ियाँ    
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कौड़ियों का प्रयोग प्राचीन काल से विभिन्न कार्यों में होता आया है |तंत्र में तो इनका अत्यधिक महत्त्व रहा है ,जबकि जनमानस में भी पहले इनका बहुत प्रचालन था |आधुनिक लोग इसके प्रयोग को भूल गए हैं किन्तु व्यवसायी और धन का लें दें करने वाले इनका प्रयोग आज भी जानते हैं और करते हैं |अगर आप भी इनका प्रयोग समझ लें तो आप भी इनसे बहुत लाभान्वित हो सकते हैं |तांत्रिक तो इनके प्रयोग से कई असंभव कार्यों को संभव करते ही हैं |
सभी समुद्री पदार्थों का लक्ष्मी से विशेष सम्बन्ध माना जाता है ,क्योकि धन से सम्बंधित लक्ष्मी की उत्पत्ति भी समुद्र मंथन से ही मानी जाती है |विशेषकर शंख ,कौड़ी आदि को अधिक धन और समृद्धि से जोड़ा जाता है |कौड़ी एक जीव का खोल होता है जो नदी -समुद्र में पाई जाती है जैसे शंख |कौड़ी कई तरह की होती है जैसे पिली ,काली ,चितकबरी ,सफ़ेद आदि |सभी के प्रयोग और लाभ अलग अलग हैं |
पीली कौड़ी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और धन -समृद्धि के लिए अथवा धन वृद्धि के लिए इसे अधिक कारगर माना जाता है |पिली कौड़ी को पूजा घर ,पर्स ,तिजोरी में स्थापित किया जाता है |इससे धन वृद्धि होती है इसीलिए हम इसे अपने दिव्या गुटिका का भी हिस्सा बनाते हैं और लोगों को जो दिव्य गुटिका भेजते हैं उसमे सफ़ेद और पिली कौड़ियाँ अवश्य होती हैं क्योकि सफ़ेद कौड़ी समृद्धि -शान्ति देता है तो पिली कौड़ी धन -संपत्ति |धन -समृद्धि -शान्ति के लिए कौड़ी के प्रयोग कुछ इस तरह हो सकते हैं ---
. दो पिली कौडियाँ लेकर उनकी ईष्टदेव के साथ लक्ष्मी स्वरुप मानकर विधिवत पूजा करें |अब एक कौड़ी को धन स्थान में और दूसरी को अपने पर्स में स्थान दें |आय वृद्धि और संचय के अवसर बढ़ेंगे |यहाँ यह ध्यान अवश्य दें की पर्स में अनावश्यक वस्तु न रखें और अधार्मिक वस्तुओं से संपर्क न हो |
.सफ़ेद कौड़ी को केसर या हल्दी के घोल में भिगोकर उसे लाल कपडे में बांधकर घर में स्थित तिजोरी या बक्से में रखें |इन कौड़ियों के साथ लघु नारियल का भी प्रयोग करें तो और अच्छा |इससे धन सम्बंधित विघ्न बाधा का शमन होता है और शांति से समृद्धि आती है |
. अगर रास्ते पर चलते हुए कहीं कौड़ी मिले तो उसे पूजा स्थान पर पूजित कर रखें किन्तु अगर रास्ते की कौड़ी चितकबरी अथवा काली हो तो उसे न उठायें ,यह अभिचार भी हो सकता है और धन हानि कर सकता है |
.अगर आप धन के अपव्ययी हैं ,अथवा आपके पास धन नहीं टिकता अथवा आय के स्रोत अनिश्चित हैं तो आप अवश्य अपने पर्स में कौड़ी रखें |
. गुरूवार को कौड़ियों को केशर या हल्दी में स्नान कराकर ,लक्ष्मी नारायण की पूजा करके ,पीले कपडे में बांधकर धन स्थान में रखने से धन सम्बन्धी परेशानी में कमी आती है और वृद्धि होती है |
. शुक्रवार के दिन कौड़ियों को पूजित कर लाल कपडे में बांधकर धन स्थान पर रखने से धन संचय में वृद्धि होती है और अपव्यय रुकता है ,आकस्मिक हानि से बचाव होता है |
. टूटी -फूटी ,बदरंग ,खंडित कौड़ी का प्रयोग नहीं करना चाहिए |.............................................................हर-हर महादेव



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