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नारियल को श्रीफल, खोपरा, गोला, नारिकेल आदि नामों से जाना जाता है। नारियल रेशेनुमा ज़डों से आवृत्त होता है। इन ज़डों को हटा देने पर अधिकांश नारियलों पर तीन काले रंग की बिन्दु जैसी आकृति दिखाई देती है, इनमें से दो नेत्रों तथा एक मुख का परिचायक होती है। किसी-किसी नारियल में एक नेत्र और एक मुख के रूप में मात्र दो ही निशान होते हैं, इसे "एकाक्षी नारियल" कहते हैं। इसे घर में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। एकाक्षी नारियल का तंत्र शास्त्र में बहुत महत्व है। इसे साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। यदि इसे विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में घर में स्थापित कर लिया जाए तो उस व्यक्ति के घर में कभी पैसों की कमी नहीं रहती व उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। एकाक्षी नारियल को लाल कप़डे में लपेटकर, सिंदूर और कुंकुम आदि से पूजा करनी चाहिये। जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, वहाँ लक्ष्मी जी की कृपा होती है, अन्न व धन की कभी कमी नहीं आती। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पूजा की जाये तो व्यवसाय की वृद्धि होती है।
विधि
:- सबसे पहले साधक स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण कर अपने सामने थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बनाकर उस पर इस नारियल को रख दें और अगरबत्ती व दीपक लगा दें। शुद्ध जल से स्नान कराकर इस नारियल पर पुष्प, चावल, फल, प्रसाद आदि रखें और लाल रेशमी वस्त्र ओढ़ाएं। इसके बाद उस रेशमी वस्त्र को जो कि आधा मीटर लंबा हो बिछाकर उस पर केशर से यह मंत्र लिखें-
ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनारिकेलाय नम: सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा। ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनारिकेलाय नम: सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा। ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मीं स्वरूपाय एकाक्षिनारिकेलाय नम: सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।
फिर इस रेशमी वस्त्र पर नारियल को रख दें और यह मंत्र पढ़ते हुए उस पर 108 गुलाब की पंखुडिय़ां चढ़ाएं अर्थात प्रत्येक पखुंड़ी चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करते रहें-
मंत्र- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं एकाक्षिनारिकेलाय नम:।
इसके बाद गुलाब के पंखुडिय़ां हटाकर उस रेशमी वस्त्र में नारियल को लपेटकर थाली में चावलों की ढेरी पर रख दें और इस मंत्र की 3 माला जपें-
मंत्र- ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम:। ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम:। ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं एकाक्षाय श्रीफलाय भगवते विश्वरूपाय सर्वयोगेश्वराय त्रैलोक्यनाथाय सर्वकार्य प्रदाय नम:।
सुबह उठकर पुन: 21 गुलाब से पूजा करें और उस रेशमी वस्त्र में लिपटे हुए नारियल को पूजा स्थान में रख दें। इस प्रकार एकाक्षी नारियल को घर में स्थापित करने से धन लाभ होता है।........................................................हर-हर महादेव
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