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यदि पति-पत्नी में मनमुटाव हो ,आपस में झगड़े होते हों
,बेवजह तनाव रहता हो ,आपस में कलह का माहौल हो ,मधुरता समाप्त हो रही हो तो
रविपुष्य योग में विधिवत निष्कासित [एक दिन पूर्व विधिवत निमंत्रित ],पूजित और
प्राण प्रतिष्ठित हरसिंगार की एक इंच के बराबर की टहनी पति-पत्नी चांदी के ताबीज में धारण कर लें तो
निसंदेह लाभ होता है |पति-पत्नी में
आपस में प्रेम बढ़ता है और निरंतर चलने वाली गृहकलह समाप्त होती है
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संमृद्धि
और हरसिंगार
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हरसिंगार
का बांदा यदि किसी भाग्यवान को दिख जाए तो इसे रोहिणी नक्षत्र में पूजित कर धुप
दीप दे घर ले आयें |फिर इसे श्वेत गुंजा के १११ दानों के साथ चांदी की डिब्बी
डालकर ऊपर से शुद्ध शहद भी डालें ,और फिर इसे व्यापारिक स्थल या पूजा स्थान पर
सुरक्षित रखकर रोजाना पूजा करते रहें ,यह बांदा आश्चर्यजनक धनदायक और
सम्म्रिद्धिकारक होता है
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पुत्र-पुत्री के विवाह में विलम्ब और हरसिंगार का
उपयोग
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यदि
किसी के पुत्र या पुत्री के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो यह प्रयोग करें
|हरसिंगार के फूल अथवा जड़ को पूर्णिमा की रात्री में कन्या या पुत्र पर से २१ बार
उतारकर तुलसी के पौधे के नीचे दबाएँ ,,क्रिया के समय कामना करें की उसका विवाह
शीघ्र हो जाए |दबाने के बाद भी प्रार्थना हाथ जोड़कर करें की आपकी कामना पूर्ण हो
|इस प्रयोग से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और शीघ्र विवाह की सम्भावना
बनती है |
भूत-प्रेतों का उपद्रव शांत करे हरसिंगार
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यदि
किसी परिवार में भूत -प्रेतों का आतंक मचा हो ,घर पर प्रभाव हो या व्यक्ति पर
,हरसिंगार की विधिवत निष्कासित ,पूजित,प्राण प्रतिष्ठित जड़ के साथ घोड़े की माल को मकान में लगाएं या व्यक्ति को
धारण कराएँ तो भूत-प्रेतों का
उपद्रव शांत होता है |
हरसिंगार
और वशीकरण तिलक
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हरसिंगार
को छाया में सुखाकर ,पीसकर शुद्ध गोरोचन में मिलाकर माथे पर तिलक करने से वशीकरण
होता है |इस तिलक को यक्षिणी साधना में प्रयोग में लाया जाता है |यक्षिणी साधना
में रत प्रयोगकर्ता यदि इस भस्म को तिलक करके साधना करे तो आश्चर्यजनक परिणाम आता
है |
हरसिंगार
से शत्रु विजय
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शत्रु
यद्यपि कई प्रकार के होते हैं ,कुछ छिपे होते हैं और कुछ सामने होते हैं ,,कुछ से
खुला विवाद होता है ,जो ज्ञात शत्रु हैं उनपर विजय प्राप्त करने के लिए हरसिंगार
की टहनी और नागदौन की जड़ जो की रविपुष्य में प्राप्त-पूजित और अभिमंत्रित हो ,शनिवार की रात्री में शत्रु के घर में डाल देने
से उस शत्रु पर विजय प्राप्ति की संभावना बलवती हो जाती है
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हरसिंगार
और मारण
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हरसिंगार
नामक वनस्पति अद्भुत तांत्रिक शक्तियां रखती है ,यहातक की इसके प्रयोग से मारण
क्रिया भी संभव है |यद्यपि मारण एक जघन्य आभिचारिक तांत्रिक प्रयोग है और नहीं
करनी चाहिए ,किन्तु कभी जीवन में अपना जीवन बचाने अथवा अत्याचारी से मुक्ति पाने
के लिए यह भी जरुरी हो सकता है ,,सामान्य लोग बड़ी बड़ी बातें भले करें और इसे गलत
कहें ,किन्तु कभी कभी भुक्तभोगियों के लिए जीवन-मरण के प्रश्न पर यह भी आवश्यक हो सकता है | ऐसी परिस्थिति आने पर
हरसिंगार और काली गुंजा को एक साथ पीसकर काले धतूरे की टहनी से कटहल के पत्ते पर
मारण यन्त्र का निर्माण करें| [यन्त्र नहीं दिया जा सकता ,क्योकि अनावश्यक
दुरुपयोग की सम्भावना है ,जबकि पोस्ट का उद्देश्य मात्र तंत्र की शक्ति और
प्रयोगों के क्षेत्र की जानकारी देना है ] यन्त्र निर्माण के बाद यन्त्र के बीच
में शत्रु का नाम लिखें ,फिर इसे काले कपडे में लपेटकर नदी में बहा दें |यन्त्र
निर्माण में मुहूर्त एक आवश्यक तत्व् है |इस क्रिया से शत्रु का नाश सुनिश्चित है
|..........................................हर-हर महादेव
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