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.१. शत्रुओं से परेशानी का अनुभव कर रहें हों, तो दीपावली की रात्रि में बारह बजे के पश्चात् छह गोमती चक्र लेकर शत्रु का नाम लेते हुए उस पर लाल सिन्दूर लगाएँ और किसी एकांत स्थान पर जाकर गाड़ दें। गाडना ऐसे चाहिए कि वे पुनः निकालें नहीं। ऐसा करने से शत्रु बाधा में शीघ्र ही कमी होगी।
2. गोमती चक्र को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें। आपका शत्रु भी मित्र बन जाएगा।
३. अगर किसी को कोट कचहरी के चक्र पड रहे हो तो उसे सिद्ध दो गोमती चक्र लेकर अपने घर से निकलते समय अपने दाए पांव के निचे रख कर ऊपर से पांव रख कर कोट जाने से समस्या कम हो जायेगा |
४. तीन गोमती चक्र को जेब में रखकर किसी मुकदमे या प्रतियोगिता के लिए जाएं तो निश्चित ही सफलता मिलेगी।
सम्मान प्राप्ति
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सम्मान की खातिर सिद्ध 5 गोमती चक्र को ५ गुरुवार मंदिर में किसी ब्राह्मण को दान दे व् साथ में उसे भोजन अवश्य ही करवे राज्य संबंधी कोई भी समस्या हो समाप्त हो जायेगी
नज़र दोष निवारण
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1 . अगर किसी बच्चे को नजर जल्दी लगती हो तो उसे सिद्ध गोमती चक्र चांदी में जड़वा कर पहना दे नजर दोष से मुक्ति मिलेगी व वो सवस्थ भी रहेगा ।
2 . यदि नजर जल्दी लगती हो, तो पाँच गोमती चक्र लेकर किसी सुनसान स्थान पर जायें । फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे बिना वापस आ जायें । बाकी बचे
दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहीत कर दें ।
3 . यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो, तो आप शुक्ल पक्ष
की प्रथमा तिथि को ११ अभिमंत्रित
गोमती चक्र को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें । फिर रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को ५ अगरबत्ती अर्पित करें । अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें । जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें । नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें । बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें ।
4 . यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें । फिर चक्र उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें।
हमजाद
गोमती चक्र प्रयोग
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गोमती चक्र एक गोल पत्थर होता है जिसपर गोल
चक्र जैसी आकृति प्रकृति प्रदत्त बनी होती है ,यह गोमती नदी से उत्पन्न होता है
,ऐसा माना जाता है |तंत्र में इसके अनेक प्रयोग है |प्रस्तुत प्रयोग बीमारी दूर
करने और आरोग्य लाभ में प्रभावी होता है |
ग्रहण काल में अपने सामने किसी पात्र में
गोमती चक्र रखें और उसपर निम्न मंत्र की ११ मालाएं करें ::::::मंत्र === ॐ वं
आरोग्यानिकरी रोगान्शेषानमः | ११ मालाएं संपन्न हो जाने पर वह गोमती चक्र सुरक्षित
रख लें |यह सिद्ध गोमती चक्र तीन वर्ष तक प्रभावी रहता है |इसका प्रयोग बीमारी पर
विशेष रूप से किया जाता है |कोई बीमार हो तो एक साफ़ गिलास में शुद्ध जल लेकर उसमे
यह गोमती चक्र डाल दें और ऊपर लिखे मंत्र को २१ बार मन ही मन उच्चारण कर उस गोमती
चक्र को बाहर निकाल दें तथा वह पानी रोगी को पिला दें तो रोगी को आराम मिलने लगता
है |यह प्रयोग किसी भी प्रकार के रोगी पर किया जा सकता है |तीन वर्ष के बाद इस
प्रकार के गोमती चक्र को पुनः सिद्ध किया जा सकता है |......................................................हर-हर महादेव
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