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अक्सर सुनने में आता है की संतान अथवा बच्चा बिगड़ रहा है या बिगड़ गया है ,बात नहीं मानता ,गलत आदतों का शिकार हो गया है ,गलत सांगत में पड़ गया है ,गलत या अनुचित कार्य ही उसे पसंद आते हैं |परिवार -खानदान-माँ-बाप की प्रतिष्ठा को ठेस पंहुचा रहा है ,अपना भविष्य बिगाड़ रहा है | दुर्जनों के बहकावे में आ जा रहा है ,माँ-बाप या परिवार के विरोधियों के भड़काने में आकर अपने ही लोगों को अपना दुश्मन समझ रहा है ,अपने लोगों की अवहेलना कर रहा है ,अनुचित कार्यों -प्यार-मुहब्बत में रूचि ले रहा है जिसके परिणामों की उसे समझ नहीं रही ,सम्मान की चिंता नहीं है ,भविष्य की चिंता नहीं है ,|यह आज के समय में बहुत अधिक दिख रहा है ,जिसके अनेक कारण है ,नैतिकता का पतन,संस्कार हीनता ,नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ,कुलदेवता/देवी दोष आदि अनेकानेक कारण हैं इनके और अक्सर रोकथाम के उपाय या समझाना व्यर्थ जाता है |कभी कभी ऐसा भी होता है की हमारे किसी प्रिय यथा पति-पत्नी-संतान आदि पर कोई अन्य व्यक्ति तांत्रिक अभिचार यथा वशीकरण आदि करके अपने अनुकूल कर लेता है और हमारा प्रिय व्यक्ति हमसे विमुख हो उससे जुड़ने और उसकी बात मानने लगता है |किसी अन्य के प्यार में पड़कर अपनों को छोड़ने पर आमादा हो जाता है |अपनों के कष्ट और भावनाएं उसे नहीं दीखते हैं |इस प्रकार के मामले किसी के भी साथ हो सकते हैं |स्त्री-पुरुष-बालक-बालिका सभी में किन्ही परिवारों में यह देखा जाता है |यह स्थिति परिवारीजन या सम्बंधित व्यक्ति से जुड़े लोगों के लिए बहुत कष्टकारक होती है |
इस तरह की समस्याओं के निदान और पारिवारिक शांति-संतुष्टि-समझ बनाये रखने के अनेक उपाय तंत्र में हैं |इनमे उच्चाटन भी एक क्रिया है जो तांत्रिक षट्कर्म के अंतर्गत आती है |यह क्रिया किसी के मन , स्थिति , समस्या ,स्थान ,व्यक्ति सम्बन्ध आदि को उच्चाटित करने के लिए की जाती है |यह क्रिया किसी भी समस्या पर की जा सकती है जिसमे अलगाव की आवश्यकता हो |समस्या विशेष के साथ मंत्र -विधि-प्रक्रिया और वस्तु बदल जाते हैं |इस क्रिया में विभिन्न शक्तियों और वस्तुओं की उर्जा का उपयोग समस्या विशेष के अनुसार किया जाता है |किसी के प्रति किसी पर यह क्रिया कर देने पर उसके प्रति व्यक्ति का मन उचट जाता है |किसी समस्या के प्रति क्रिया कर देने पर उस समस्या या आदत के प्रति मन उचट जाता है |नशे आदि के प्रति मन उचट जाता है यदि इस समस्या के लिए विशिष्ट क्रिया कर दी जाए तो |उच्चाटन की क्रिया से ग्रह बाधा का उच्चाटन ,नकारात्मक ऊर्जा का उच्चाटन आदि भी हो सकता है |इस विधा से किसी के द्वारा किये गए तांत्रिक अभिचार आदि अथवा वशीकरण आदि के प्रभाव का भी उच्चाटन हो सकता है |किसी का किसी पर अनुचित प्रभाव हटाया जा सकता है |प्रभाव के उच्चाटन पर व्यक्ति अपने दिमाग से अच्छा बुरा समझने लगता है और सुधर जाता है |सम्बंधित व्यक्ति या समस्या के प्रति जब मन उच्चाटित ही जाता है तो वह छूट जाता है और व्यक्ति समस्या या प्रभाव से मुक्त हो जाता है |इस क्रिया का दुरुपयोग भी हो सकता है अतः कोई प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से नहीं दी जा सकती |यदि किसी के यहाँ ऐसी कोई समस्या हो तो किसी अच्छे तंत्र के जानकार से संपर्क करना चाहिए और उसके बताये अनुसार चलना चाहिए |वह आपको कुछ क्रियाएं बता भी सकता है और कुछ स्वयं कर सकता है ,जो सम्बंधित समस्या के लिए निर्दिष्ट होते हैं |प्रक्रिया करने पर सम्बंधित समस्या समाप्त हो जाती है |........................................................................हर-हर महादेव
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