========
साधुओं के पास जो विशेष जल पात्र होता है वह
एक विशेष फल का खोखला भाग होता है ,जिसे तुम्बी कहते हैं |यह पीले या मटमैले रंग
का होता है |इसकी प्राप्ति तुम्बा नामक वृक्ष से होती है |इसके फल नारियल के सामान
होते है कभी कभी इनमे काली तुम्बी पैदा होती है यद्यपि ऐसा बहुत ही कम होता है
,,इसी कारण इसे दुर्लभ माना जाता है |तंत्र में इसका बहुत महत्व है ,,काली तुम्बी
की गिरी को दस वर्ष पुराने गुड में घिसा जाता है जिससे वह एकाकार हो जाता है और
लेप सा बन जाता है |यह बहुत ही गुणकारी लेप होता है |चोट के स्थान पर इस लेप को
लगते ही रक्तस्राव बंद हो जाता है |काली तुम्बी का तंत्र शास्त्र में बहुत महत्व
है |...................................................हर-हर महादेव
No comments:
Post a Comment