Friday, 8 December 2017

परिस्थिति अनुसार उपास्य शक्ति

परिस्थिति अनुसार उपासना
===================
हमने अपने पहले के लेखों में उपास्य देवता निर्णय के लिए जन्म कुंडली के अनुसार उपास्य देवता कौन ,कैसे हो सकते हैं यह लिखा |जैसा की हम जानते हैं ,उपास्य देवता तीन तरह के होते हैं ,नैसर्गिक ,मनोनुकूल और परिस्थिति अनुसार |नैसर्गिक का चयन कुंडली अथवा तंत्र से ,मनोनुकूल का चयन इच्छा की पसंद से और परिस्थिति के अनुसार अपनी स्थिति से किया जाता है |आज के लेख में हम परिस्थिति अनुसार स्थितियों पर किस देवता की उपासना लाभदायक हो सकती है ,यह जानने का प्रयत्न करते हैं |
दरिद्रता ,ऋण ग्रसित होने पर
----------------------------------- लक्ष्मी ,भुवनेश्वरी ,त्रिपुरा ,बाला सुंदरी ,गणेश के प्रयोग करें |ज्येष्ठा लक्ष्मी से प्रार्थना करें की वह हमारे घर से चली जाएँ |विभिन्न देवताओं के धन प्राप्ति के प्रयोग करें |
रोग प्राप्ति पर
------------------ अमृतवर्षिणी विद्या ,मृत्युंजय ,महामृत्युंजय प्रयोग करें |
शत्रुबाधा होने पर
-------------------- हनुमान ,भैरव ,शरभ ,काली ,बागला ,दुर्गा ,प्रत्यंगिरा और कवच मन्त्रों का प्रयोग करें |
प्रेतादि उपद्रव होने पर
-----------------हनुमान ,भैरव ,शरभ ,काली ,तारा ,बगलामुखी ,दुर्गा ,प्रत्यंगिरा ,ज्वालामालिनी ,अग्नि दुर्गा ,ब्रह्मास्त्र गायत्री ,विलोम दुर्गा पाठ ,लोम -विलोम पाठ ,कुष्मांडा ,धूमावती ,श्मशान साधना ,आदि |
ब्रह्मास्त्र शमन प्रयोग ,काल रात्री प्रयोग ,अघोरास्त्र ,पाशुपतास्त्र आदि अन्य विद्याओं के प्रयोग से पहले सुरक्षा कवच पढ़कर ही प्रयोग करें |
वाराही के उग्र प्रयोगों में धूम्र वाराही ,निग्रह वाराही ,अस्त्र वाराही आदि प्रयोग किये जाते हैं |
द्वेष भाव मिटाने हेतु
-------------------------- मातंगी ,आसुरी दुर्गा ,नाकुली व् अन्य सम्मोहन मन्त्रों और तंत्रों का प्रयोग किया जाता है |.............................................................हर-हर महादेव


No comments:

Post a Comment

महाशंख  

                      महाशंख के विषय में समस्त प्रभावशाली तथ्य केवल कुछ शाक्त ही जानते हैं |इसके अलावा सभी लोग tantra में शंख का प्रयोग इसी...