Sunday 24 December 2017

वृक्षों के जल अर्पण से सुख -समृद्धि मिलती है

::::::पेड़ों को जल अर्पित करें और रहें सुखी संपन्न ::::::
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भारतीय धार्मिक -सांस्कृतिक परंपरा में वृक्षों का बहुत महत्व है और इन्हें जल अर्पित करना बहुत लाभप्रद माना जाता है |इनको धर्म और संस्कृति से जोड़ने का कारण पूर्ण वैज्ञानिक है |इससे हमारे ज्ञानी महँ ऋषि -मुनियों की उच्चतर वैज्ञानिक ज्ञान और दृष्टि परिलक्षित होती है |इसका एक कारण तो वृक्षों का पर्यावरणीय दृष्टि से संरक्षण है ,दूसरा कारण हमारे लिए अधिक उपयोग वृक्षों को बचाना और उनका संवर्धन है |इसके वैज्ञानिक कारण पर विचार करें तो अद्भुत बात समझ में आती है |जब आप किसी वृक्ष को जल लगातार एक निश्चित समय पर अर्पित करते हैं तो ,वृक्ष की चेतना और भावना आपसे जुडती है [ज्ञातव्य है की विज्ञानं भी वृक्षों को सजीव मानता है और यह भावनाओं की समझ रखते हैं साथ ही आपस में बात भी करते हैं ],वृक्ष आपकी भावना को समझ सकते हैं और आपकी आकांक्षा को एम्पलीफाई करके वातावरण में प्रक्षेपित कर देते हैं जिससे आपके लिए अनुकूल वातावरण बनाने में और आपकी ईच्छा पूर्ती में सहायता प्राप्त होती है |यह आपके आसपास सकारात्मक वातावरण का भी निर्माण करते हैं |अतः इन्हें जल चढ़ाना कई दृष्टियों से लाभप्रद होता है |
पीपल में जल अर्पित करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अन्य वृक्ष जैसे नीम, बरगद, बेलपत्र, अशोक, चंदन, आम आदि की भी पूजा की जाती है या इनके फल, पत्ते, तने को पूजा में शामिल किया जाता है।
पीपल में जल चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या में बहुत जल्द लाभ प्राप्त होता है, कालसर्प दोष का प्रभाव भी कम होता है। जिन लोगों का भाग्य साथ नहीं देता, उन्हें पीपल में प्रतिदिन जल चढ़ाकर, सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में व्यक्ति को भाग्य का साथ अवश्य मिलने लगेगा।
पेड़ों की पूजा या जल अर्पित करने से एक ओर तो हमारी कई समस्याएं दूर होती हैं, वहीं यह हरियाली के लिए भी फायदेमंद है। पेड़ों की रक्षा के लिए जल चढ़ाने की परंपरा बनाई गई है, ताकि धर्म के नाम पर लोग पेड़ों को जल अर्पित करें और उनकी रक्षा होती रहे। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से हर रोज शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करता है तो उसे भी चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाना अक्षय पुण्य प्रदान करता है। जिन लोगों की कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो उनके लिए भी यह उपाय कारगर है। ग्रहों के दोष भी शिवलिंग पर जल चढ़ाने से दूर हो जाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला हो या किसी ग्रह की कुदृष्टि हो या बुरा प्रभाव देने वाले ग्रहों की युति हो या कोई अशुभ योग बन रहा हो तो ऐसी स्थितियों में पेड़ों से संबंधित कई उपाय हैं। इन्हें अपनाने पर कुछ ही समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। राशि अनुसार इन पेड़ों को करें एक लोटा जल अर्पित और महसूस करें बदलाव ...
मेष एवं वृश्चिक:= खैर 
वृषभ एवं तुला:= गूलर 
मिथुन एवं कन्या:= अपामार्ग 
कर्क:= पलाश 
सिंह:= आक 
धनु एवं मीन:= पीपल 
मकर एवं कुंभ:= शमी 

इन्हीं पेड़ों की लकड़ियों से इन राशियों के स्वामी ग्रहों की शांति हेतु हवन किया जाता है। ...................................................................हर-हर महादेव 

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