===================
लोग कहते हैं की शुक्र का स्वराशी में होना, बारहवें भाव का बलवान होना या शुक्र से सम्बन्ध होना पंचम भाव का बलवान होना ही काफी है | परन्तु सच्चाई कुछ और है |राहू भी इसके लिए प्रभावी होता है | राहू प्रेम संबंधों को पनपने के लिए उत्तरदायी होता है | प्रेम सम्बन्ध भी ऐसे जिनमे दोनों समाज से नजरें बचाकर एक दुसरे से मिलते हैं उनके लिए राहू उत्तरदायी होता है | राहू रहस्य का कारक ग्रह है और तमाम रहस्य की परतें राहू की ही देंन होती हैं | राहू झूठ का वह रूप है जो झूठ होते हुए भी सच जैसे प्रतीत होता है | जो प्रेम सम्बन्ध असत्य की डोर से बंधे होते हैं या जो सम्बन्ध दिखावे के लिए होते हैं वे राहू के ही बनावटी सत्य हैं | राहू व्यक्ति को झूठ बोलना सिखाता है | बातें छिपाना, बात बदलना, किसी के विशवास को सफलता पूर्वक जीतने की कला राहू के अलावा कोई और ग्रह नहीं दे सकता |
राहू एकतरफ़ा प्रेम का वह रूप है जिसमे व्यक्ति कभी अपने प्यार के सामने नहीं आता और फिर भी चुपचाप सब कुछ देखता रह जाता है | क्यों ? क्योंकि परिस्थितियां, ग्रह गोचर अनुकूल नहीं हैं बलवान नहीं हैं | राहू वह लालच है जिसमे व्यक्ति को कुछ अच्छा बुरा दिखाई नहीं देता केवल अपना स्वार्थ ही दिखाई देता है | मांस मदिरा का सेवन, बुरी लत, चालाकी और क्रूरता, अचानक आने वाला गुस्सा, पीठ पीछे की वो बुराई जो काम करे ये सब राहू की विशेषताएं हैं | असलियत को सामने न आने देना ही राहू की खासियत है और हर तरह के झूठ का पर्दाफाश करना केतु का धर्म है |
केतु ही है जो संबंधों में दरार डालता है क्योंकि केतु ही दरार है | घर की दीवार में यदि दरार आ जाए तो समझ लीजिये की यह केतु का बुरा प्रभाव है और यदि संबंधों में भी एक दरार आ जाए घर का बटवारा हो जाए या रिश्तों की परिभाषा बदल जाए तो यह केतु का काम समझें | दुविधा में राहू का हाथ होता है | किसी भी प्रकार की अप्र्याशित घटना का दावेदार राहू ही होता है | आप खुद नहीं जानते की आप आने वाले कुछ घंटों में क्या करने वाले हैं या कहाँ जाने वाले हैं तो इसमें निस्संदेह राहू का आपसे कुछ नाता है | या तो राहू लग्नेश के साथ है या लग्न में ही राहू है | यदि आप जानते हैं की आप झूठ की राह पर हैं परन्तु आपको लगता है की आप सही कर रहे हैं तो यह धारणा आपको देने वाला राहू ही है |
किसी को धोखा देने की प्रवृत्ति राहू पैदा करता है यदि आप पकडे जाएँ तो इसमें भी आपके राहू का दोष है क्योंकि वह आपकी कुंडली में आपके भाग्य में निर्बल है और यह स्थिति बार बार होगी | इसलिए राहू का अनुसरण करना बंद करें क्योंकि यह जब बोलता है तो कुछ और सुनाई नहीं देता | जिस तरह कर्ण पिशाचिनी आपको गुप्त बातों की जानकारी देती है उसी तरह यदि राहू आपकी कुंडली में बलवान होगा तो आपको सभी तरह की गुप्त बातें बैठे बिठाए ही पता चल जायेंगी | यदि आपको लगता है की सब कुछ गुप्त है और आपसे कुछ छुपाया जा रहा है या आपके पीठ पीछे बोलने वाले लोग बहुत अधिक हैं तो यह भी राहू की ही करामात है |..............................................................................हर-हर महादेव
No comments:
Post a Comment