Monday, 15 January 2018

पित्र तृप्ति के उपाय [Remedies for Pitru Satisfaction]

:::::::::::पित्र तृप्ति के उपाय :::::::::::
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पितृ दोष से मुक्ति के लिए ज्योतिषशास्त्र में कई उपाय बताए गये हैं। इनमें सबसे आसान उपाय हैं पंच ग्रास उपाय ,अमावस्या को विष्णु पीपल पूजा आदि |
पंच ग्रास बनाने की विधि
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पितरों के निमित्त भोजन बनाकर उसके पांच भाग करलें। प्रत्येक भाग में जौ अथवा जाऊ का आटा और तिल मिलाएं और प्रथम भाग गाय को खिलाएं, दूसरा भाग कौए को दें, तीसरा भाग बिल्ली को दें, चौथा भाग कुत्ते को खिलाएं, पांचवां हिस्सा सुनसान स्थान में रखकर आएं। लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें।
घर वापस आने के बाद ब्रह्मणों को भोजन कराएं। भोजन में इस बात का ध्यान रखें कि जो वस्तुएं आपके पितरों को जीवित अवस्था में पसंद थीं उन वस्तुओं को अवश्य परोसें।
अगर ब्रह्मण भोजन करवाने में आप असमर्थ हैं तो कुछ दान किसी सात्विक ब्राह्मण को दें और पितृपक्ष के 15 दिनों तक गाय को घास खिलाएं और पानी पिलाएं। शास्त्रों में बताया गया है कि ऐसा करने से पितरों की संतुष्टि होती  है तथा पितरों के आशीर्वाद से श्राद्घ कर्म करने वाले की उन्नति होती है, उसके कष्ट दूर हो जाते हैं।
शास्त्रों में वर्णित है कि नदी, सरोवर के जल में स्नान कर सूर्य को गायत्री मंत्र उच्चारण करते हुए अर्घ्य देना चाहिए लेकिन जो लोग घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं, उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। सोमवती अमावस्या या मौनी अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें। सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य नारायण को जल देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है।अमावस्या अथवा संक्रांति को पीपल को जल अर्पित कर पीपल की परिक्रमा ,विष्णु की पूजा ,सूर्य पूजा से पित्र दोष से शान्ति मिलती है | जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वह गाय को दही और चावल खिलाएं तो मानसिक शांति प्राप्त होगी। इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना और दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।................................................................हर-हर महादेव

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