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१. कन्या को चाहिए कि वह बृहस्पतिवार को व्रत रखे और बृहस्पति की मंत्र केसाथ पूजा करे। इसके अतिरिक्त पुखराज या सुनैला धारण करे। छोटे बच्चेको बृहस्पतिवार को पीले वस्त्र दान करे। लड़के को अगर विवाह में बाधा या अड़चन आ रही हो तो चाहिए कि वह हीरा या अमेरिकन जर्कन धारण करेकिन्तु इसके लिए किसी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए ,क्योकि शुक्र अगर कहीं से नुकसानदायक हुआ तो उसकी शक्ति में वृद्धि से दिक्कत किसी क्षेत्र में बढ़ सकती है ,इसके साथ लड़के के विवाह की बाधा दूर करने के लिए छोटी बच्ची को शुक्रवार को श्वेत वस्त्र दान करे|
२.लड़की के शीघ्र विवाह के लिए ७० ग्राम चने की दाल, ७० से॰मी॰ पीलावस्त्र, ७ पीले रंग में रंगा सिक्का, ७ सुपारी पीला रंग में रंगी, ७ गुड़ की डली,७ पीले फूल, ७ हल्दी गांठ, ७ पीला जनेऊ- इन सबको पीले वस्त्र में बांधकरविवाहेच्छु जातिका घर के किसी सुरक्षित स्थान में गुरुवार प्रातः स्नानकरके इष्टदेव का ध्यान करके तथा मनोकामना कहकर पोटली को ऐसेस्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े। यह पोटली ९० दिन तक रखें।
३. श्रेष्ठ वर की प्राप्ति के लिए बालकाण्ड का पाठ करे।
४. “ॐ गौरी आवे शिव जी व्याहवे (अपना नाम) को विवाह तुरन्त सिद्ध करे,देर न करै, देर होय तो शिव जी का त्रिशूल पड़े। गुरु गोरखनाथ की दुहाई।।”
उक्त मन्त्र की ११ दिन तक लगातार १ माला रोज जप करें। दीपक और धूपजलाकर ११वें दिन एक मिट्टी के कुल्हड़ का मुंह लाल कपड़े में बांध दें। उसकुल्हड़ पर बाहर की तरफ ७ रोली की बिंदी बनाकर अपने आगे रखें औरऊपर दिये गये मन्त्र की ५ माला जप करें। चुपचाप कुल्हड़ को रात के समयकिसी चौराहे पर रख आवें। पीछे मुड़कर न देखें। सारी रुकावट दूर होकरशीघ्र विवाह हो जाता है।
५. जिस लड़की के विवाह में बाधा हो उसे मकान के वायव्य दिशा में सोनाचाहिए।
६. लड़की के पिता जब जब लड़के वाले के यहाँ विवाह वार्ता के लिए जायेंतो लड़की अपनी चोटी खुली रखे। जब तक पिता लौटकर घर न आ जाए तबतक चोटी नहीं बाँधनी चाहिए।
७. लड़की गुरुवार को अपने तकिए के नीचे हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में लपेटकर रखे।
८. पीपल की जड़ में लगातार १३ दिन लड़की या लड़का जल चढ़ाए तो शादीकी रुकावट दूर हो जाती है।
९. विवाह में अप्रत्याशित विलम्ब हो और जातिकाएँ अपने अहं के कारणअनेल युवकों की स्वीकृति के बाद भी उन्हें अस्वीकार करती रहें तो उसेनिम्न मन्त्र का १०८ बार जप प्रत्येक दिन किसी शुभ मुहूर्त्त से प्रारम्भकरके करना चाहिए।
“सिन्दूरपत्रं रजिकामदेहं दिव्ताम्बरं सिन्धुसमोहितांगम् सान्ध्यारुणं धनुःपंकजपुष्पबाणं पंचायुधं भुवन मोहन मोक्षणार्थम क्लैं मन्यथाम।महाविष्णुस्वरुपाय महाविष्णु पुत्राय महापुरुषाय पतिसुखं मे शीघ्रं देहिदेहि।।
१०.किसी स्त्री जातिका को अगर किसी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहाहो, तो श्रावण कृष्ण सोमवार से या नवरात्री में गौरी-पूजन करके निम्नमन्त्र का २१००० जप करना चाहिए-“हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तांसुदुर्लभाम।।”......................................................हर-हर महादेव
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