Thursday, 25 January 2018

राशि के गण से व्यक्तित्व जानें

::::::: राशि के गण से व्यक्तित्व ::::::
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ज्योतिष के अनुसार चन्द्रमा जिस राशि में जन्मकुंडली में होता है ,वह व्यक्ति की जन्म राशि कहलाती है ,जबकि जो राशि पहले भाव में होती है ,वह लग्न कहलाती है |राशिया कुल १२ होती हैं जो २७ नक्षत्रों से बनती है ,हर नक्षत्र में चार चरण होते हैं ,इस प्रकार एक राशि में ९ चरण होते हैं ,हर नक्षत्र को एक विशिष्ट गण के नाम से जाना जाता है ,व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उसके गण के अनुसार व्यक्ति का गण होता है ,,गण कुल तीन होते हैं ,यह अपने गुण के अनुसार व्यक्ति के गुण प्रभावित करते हैं |सामान्य रूप से किस गण के क्या गुण है यह निम्न प्रकार देखा जा सकता है --
 1.मनुष्यगण
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 ज्योतिषशास्त्र कहता है कि जो व्यक्ति मनुष्य गण में जन्म लेता है वह व्यक्ति स्वाभिमानी होता है। इस गण के जातक पर धन के देवी की कृपा रहती है ये काफी धनवान होते हैं। शारीरिक तौर पर देखें तो इनकी आंखें काफी बड़ी बड़ी होती हैं। ये दिखने में लम्बे होते हैं व इनका शरीर भरा पूरा होता है। इनका रूप रंग आकर्षक और मोहक होता है। इनके नयन नक्श इनकी सुन्दरता को बढ़ाते हैं। ये लोगों के प्रति प्रेम और सहानुभूति रखते हैं। जब कभी भी किसी को इनकी सहायता या मदद की आवश्यकता होती है ये मदद हेतु तत्पर रहते हैं।
 2.देवगण:
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 देवगण के विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि, जो व्यक्ति इस गण के साथ जन्म लेते हैं उनमें देवताओं के समान गुण होता है। देवगण के विषय में संक्षेप में हम यह भी कह सकते हैं कि "वह व्यक्ति जो देवताओं के गुणों के साथ जन्म लिया हो" इस गण के व्यक्ति दिखने में सुन्दर आकर्षक होते है। इस गण के व्यक्ति का मस्तिष्क काफी तेज होता है, इनकी बुद्धि बहुत ही तेज चलती है और ये बुद्धिमान होते हैं। इनका स्वभाव सरल सीधा होता है। इनमें दूसरों के प्रति दया का भाव भरा रहता है, ये जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। इस गण के व्यक्ति हृदय से लोगों की सहायता करते हैं। इस गुण के साथ पैदा होने वाले व्यक्ति अल्पाहारी होते हैं।
 3.राक्षसगण
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 जो व्यक्ति राक्षसगण में जन्म लेते हैं वे जिद्दी और हठी होते हैं। इस गण में पैदा लेने वाले व्यक्ति मनमौजी स्वभाव के होते हैं। इनका शरीर काफी विशाल होता है। इनका स्वभाव झगड़ालू होता है ये छोटी-छोटी बातों पर लड़ने झगड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। इनकी वाणी में मधुरता नहीं रहती है ये किसी से कुछ भी बिना सोचे समझे कह देते हैं चाहे सुनने वाले को अच्छा लगे या बुरा। राक्षसगण के व्यक्तियों के प्रमेह नामक रोग से पीड़ित होने की संभावना अधिक रहती हैं। ...............................................................हर-हर महादेव 

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