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लग्न -
गेहूँ, गुड और कांसा मंदिर में दान करें। चांदी का चौकोर टुकड़ा गर्दन में बांधे। उसकी मोटाई सब जगह बराबर होनी चाहिए। दूध से स्नान करें।
द्वितीय भाव -
जेब में चांदी की छोटी छोटी गोलियां रखें। ललाट
पर
हल्दी या केसर का तिलक लगाये।
सोने के गहने पहने।
हाथी दन्त की बनी हुई चीज़े अपने पास रखें। चन्द्रमा
के
लिए निर्दिष्ट उपचार करें।
चतुर्थ भाव -
हरिद्धार जाकर गंगा स्नान करें। घर में और घर की दीवारों के पास पानी जमा न होने दें। सीढ़ियों
के
नीचे रसोई घर न बनाएं।
पंचम भाव -
चांदी से बना हाथी (खिलौना) घर में रखें। अपनी पत्नी से दूसरी बार विवाह करें। दूसरी शादी पहली पत्नी के अतिरिक्त अन्ये किसी से) न करें।
षष्ठ भाव -
काला कुत्ता घर में पालें। घर
में और दफ्तर में काले शीशे लगाएं।
शीशे की छोटी छोटी गोलियां जेब में रखें।
सप्तम भाव -
घर में कुत्ता पालें। घर
में चांदी की ईंट रखें।
बहते पानी में नारियल डालें।
अष्टम भाव -
42 वर्ष की आयु तक प्रतिवर्ष सीसे के 8 सिक्के बहते पानी में डालें। जेब में चांदी रखें जिसकी मोटाई एक जैसी हो।
नवम भाव -
संयुक्त परिवार में रहें। सोना पहनें। मंदिर में मत्था टेके।
दसम भाव -
सिर पर टोपी या पगड़ी हर वक्त रखें। मंगल
के
लिए निर्दिष्ट उपचार करें।
एकादश भाव -
चांदी सिर पर धारण करें। चांदी
के
बर्तन में दूध पियें।
घर में अस्त्र शस्त्र न रखें। चार
किलो सीसा और एक सूखा नारियल बहते पानी में डालें।
द्वादश भाव -
सौंफ और चीनी तकिये के नीचे रखें। ठोस
चांदी का बना हुआ हाथी घर में रखें। घर के भीतर अंतिम सिरे में अँधेरा कमरा बनाएं।
सामान्य उपचार सब भावों के लिए -
सरस्वती देवी की पूजा करें। बिजली से चलने वाले उपकरण, स्टील के बर्तन और नीले रंग के कपडे किसी से न लें।
कन्या दान करें। गोमेद
पहनें। तम्बाकू का सेवन कभी न करें।...................................................हर हर महादेव
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