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शनि को न्यायाधीश कहा जाता है |शनिदेव मनुष्य को उसके पाप और बुरे कार्यों आदि का दंड प्रदान करते हैं।ज्योतिष में शनि को पापी और क्रूर भी माना जाता है | शनिदेव के कारण गणेशजी का सिर छेदन हुआ।कहते हैं कि शनिदेव के कारण ही राम को वनवास जाना पड़ा|, रावण को राम के हाथों मरना पड़ा,| पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा,| विक्रमादित्य को कष्ट झेलना पड़ा,| राजा हरीशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं और राजा नल और उनकी रानी दमयंती को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था,|यह सब प्रमाणित करते हैं की शनी का प्रभाव व्यक्ति के लिए अक्सर कष्टकारक
होता है |यद्यपि किसी किसी को शनि राजा भी बनाते हैं किन्तु सामान्यरूप से इनकी
दशा अन्तर्दशा कठोर परीक्षा लेती है और व्यक्ति को अच्छे बुरे की पहचान संघर्ष
कराकर दे देती है |अगर थोडा भी प्रतिकूल कुंडली में शनि है तो व्यक्ति अनेक
परेशानियां पाता है |इनके प्रभाव ऐसे हो सकते हैं -
1 - शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है
2 कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है।
3 - अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं।
4 - धन, संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है।
5 - समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी |
6 -कमर के
नीचे का हिस्सा कमजोर हो सकता है |
7 -हड्डियों के रोग अथवा हड्डियों की कमजोरी हो
सकती है |
8 -स्नायु रोग अथवा मानसिक समस्याएं लगी रहती हैं
|
9 -निम्न वर्ग अथवा नौकार आदि से परेशानी मिल
सकती है |
यदि शनि बहुत ज्यादा खराब है तो...
10 - व्यक्ति पराई स्त्री से संबंध रखकर बर्बाद हो जाता है।
11 -व्यक्ति जुआ, सट्टा आदि खेलकर बर्बाद हो जाता है।
12 - व्यक्ति किसी भी मुकदमे में जेल जा सकता है।
13 - व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है।
14 - व्यक्ति अत्यधिक शराब पीने का आदी होकर मौत के करीब पहुंच जाता है।
15 - व्यक्ति किसी भी गंभीर रोग का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो सकता है।
16 -लम्बे चलने वाले रोग अथवा लाइलाज रोग जैसे
कैंसर आदि हो सकते हैं |
17 -अगर दुसरे ग्रह का साथ मिले तो गंभीर चर्म
रोग या कुष्ठ आदि हो सकते हैं |
12 - भयानक दुर्घटना में व्यक्ति अपंग हो सकता है या मर भी सकता है।
शनि के उपाय
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1- सर्वप्रथम शनि ग्रह के स्वामी भगवान भैरव से माफी मांगते हुए उनकी उपासना करें।
2- हनुमान ही शनि के दंड से बचा सकते हैं तो प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
3- शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
4- तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ और जूता दान देना चाहिए।
5- कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
6- छायादान करें अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं।
7- दांत, नाक और कान सदा साफ रखें।
8- अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
9- कभी भी अहंकार, घमंड न करें, विनम्र बने रहें।
10- किसी भी देवी, देवता, गुरु आदि का अपमान न करें।
11- शराब पीना, जुआ खेलना, ब्याज का धंधा तुरंत बंद कर दें।
12- पराई स्त्री से कभी संबंध न रखें।
13-भगवती काली की आराधना करें |
14-संभव हो तो प्रत्येक मंगलवार सुन्दरकाण्ड का
पाठ करें |
15-शनि के तंत्रोक्त मन्त्र का जप करें
|...................................................................हर-हर महादेव
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