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शक्ति उपासना
के क्रम में "संतान कामेश्वरी "प्रयोग का बड़ा महत्व है |जिन महिलाओं को
गर्भ निरोध हो जाता हो अथवा गर्भ सम्बन्धी अन्य दोषों के कारन जिन्हें संतान
प्राप्ति नहीं होती हो ,उनके लिए यह प्रयोग शीघ्र फलदायक है |यन्त्र पूजा ,मंत्र
जप एवं औषध प्रयोग ये तीन क्रम होते हैं |जिनका संक्षेप में प्रयोग निम्न प्रकार
है |
यन्त्र :::
भोजपत्र पर शुभ मुहूर्त में अष्टगंध से मध्य में शक्ति त्रिकोण ,बाहर षटकोण ,उसके
बाहर
===== अष्टदल
और भुपुर बनाकर यंत्र बना लें और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करें ,तदुपरांत षोडशोपचार
पूजा करें |जितने दिन जप चले पूजा करते रहना चाहिए |
मंत्र विनियोग
:::अस्य श्री संतान कामेश्वरी महामंत्रस्य मन्मथ ऋषिः त्रिष्टुप छन्दः श्री संतान
कामेश्वरी
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देवता क्लीं बीजं श्रीं शक्तिः श्रीं कीलकं मम [अमुक्य ]संतान प्राप्तये [वृद्धए ]
जपे विनियोगः |
ऋष्यादि न्यास
:::मन्मथ ऋषये नमः शिरसि ,त्रिष्टुप छन्दसे नमः मुखे ,श्री संतान कामेश्वरी
देवताये
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नमः हृदये ,क्लीं बीजाय नमः गुह्ये ,श्रीं शक्तये नमः पादयो ,श्रीं कीलकाय नमः
नाभौ ,विनियोगाय नमः सर्वांगे |
कर-हृदयादी न्यास :::- ह्राँ ,ह्रीं ,ह्रूं ,ह्रें
,ह्रौं ,ह्रः [इन छः कूटों द्वारा ]
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ध्यान :::::
भजे कामेश्वरीं देवीं शिवांके रूप संनिभाम | ब्रतानुष्ठान-मात्रेण आशु
संतानवर्धिनिम |
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मूल मंत्र
:- ॐ क्लीं ऐ ह्रीं श्रीं नमो भगवती
संतान कामेश्वरी गर्भविरोधम निरासय निरासय सम्यक शीघ्रम संतानमुत्पादयोत्पादय स्वाहा |
औषध प्रयोग
::: ऋतुकाल के पश्चात संतान के इच्छुक पति
और पत्नी जौ के आटे में शक्कर
============ मिलाकर चने के बराबर आकार की सात गोलियां बना
लें और उन्हें उपर्युक्त २१ मन्त्रों द्वारा अभिमंत्रित कर लें और एक ही दिन में
खा लें |
विशेष
---शुरूआती कर्मकांड ,मंत्र उच्चारण ,न्यासादी ,विनियोगादी की उपयुक्त जानकारी
हेतु योग्य व्यक्ति की सहायता लिया जाए तो त्रुटियों और असफलता की सम्भावना नहीं
रहती |
......................................................हर-हर महादेव
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