Wednesday, 24 January 2018

बुध ग्रह और उसकी शान्ति के उपाय

बुध ग्रह और उसकी शान्ति के ज्योतिषीय तथा तंत्रिकीय उपाय
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नवग्रहों में बुध ग्रह सूर्य के सबसे समीप का ग्रह है |यह सदैव लगभग सूर्य से एक राशि आगे पीछे अथवा साथ में चक्रमण करता है |इसे नवग्रह में कुमार की संज्ञा प्राप्त है |बुध ग्रह मिथुन कन्या राशि का स्वामी है इसकी अनुकूलता होने पर जातक की वाणी में सरस्वती का वास होता है। बुध वाणी, विद्या, बुध्दि, व्यापार और धन का कारक ग्रह माना गया है। इसकी प्रतिकूलता होने पर व्यापार में परेशानी, धन हानि, बुध्दि विभ्रम, ब्लड कैंसर, चर्म कैंसर, कुष्ठरोग, वाणी के कारण झगड़े आदि होते है। जिन्हें उपरोक्त अरिष्ट हो वे तथा बुध्दि जीवी, कवि, लेखक, वास्तुविद्, प्रवचनकार, ज्योतिषी, वैद्य, डाँक्टर, साधु-संत, दार्शनिक आदि लोग बुध ग्रह की अरिष्ट शांति हेतु एवं बुध ग्रह को प्रबल बनाने के लिए श्री शांतिनाथ भगवान का चालीसा करें। श्री नवग्रह शांति चालीसा करें। श्री नवग्रह शांति चालीसा एवं श्री नवग्रह शांति विधान के माध्यम से जीवन की सर्वांगीण भाग्योन्नति संभव है।बुध की शान्ति के लिए निम्न उपायों से उत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं |
बुध
१॰ अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।
२॰ बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियाँ हिजड़े को दान करनी चाहिए।
३॰ हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
४॰ बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।
५॰ घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।
६॰ अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
७॰ तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
. लाल किताब के अनुसार  बुध (Mercury): बुध की अशुभता पर दांत टूट जाये, सूंघनें की शक्ति कम हो जावे, गुप्त रोग होवे उपाय में नांक छिदवायें, ताबें के प्लेट में छेद कर बहते पानी में बहायें, दुगा उपासना करें, अपने भोजन में से एक हिस्सा गाय को एक हिस्सा कुत्तों को दें
. बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने चाहिए। साथ ही, घर में भी छोटा बगीचा बनाएं।
१०. प्रत्येक बुधवार गणेशजी को 21, 41 या 108 दूर्वा चढ़ाएं।
११.  प्रतिदिन कम से कम तीन इलायची का सेवन करें।
१२.  मेहंदी और इलायची का पौधा घर में लगाएं।
१३. प्रत्येक बुधवार यदि संभव हो सके तो हाथी के दर्शन करें और उसे केला खिलाएं।
१४. बुध कमजोर अथवा पीड़ित हो किन्तु शुभ स्थिति में हो तो पन्ना धारण कराएं ,
१५. बुध की बल वृद्धि के लिए विधारा की लकड़ी बाजू में धारण करें |
१६. बुध की शुभता बढाने के लिए बुधवार को हरे खाद्य पदार्थों का सेवन करें ,जैसे मूंग ,पालक आदि
१७. बुध अगर शुभ हो तो कभी भी हरे पदार्थों का दान न करें ,कोशिश करें की हरी वस्तुएं मिलें ,जबकि अगर बुध अशुभ है तो हरे पदार्थों का दान करें और हरी वस्तुओं से परहेज करें |
१८. बुध की शक्ति वृद्धि और उसकी रश्मियों की मात्रा बढाने के लिए हारें बोतल में पानी भरकर दिनभर धुप में रखें ,इस पानी से स्थान करें |
१९. बुध से उत्पन्न कष्टों में कमी लाने के लिए श्वेतार्क का टुकड़ा बाजू में धारण करें .
२० .बुध के कष्ट को कम करने के लिए और अशुभता घटाने के लिए अथवा उसके बल को बढाने के लिए गणपति आराधना करें |यह दोनों काम करेगा अशुभता भी कम करेगा और बल भी बढ़ाएगा जिससे स्थिति कोई हो लाभ अवश्य होगा .
बुध: बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने चाहिए। साथ ही, घर में भी छोटा बगीचा बनाएं। प्रत्येक बुधवार गणेशजी को 21, 41 या 108 दूर्वा चढ़ाएं। प्रतिदिन कम से कम तीन इलायची का सेवन करें। मेहंदी और इलायची का पौधा घर में लगाएं। प्रत्येक बुधवार यदि संभव हो सके तो हाथी के दर्शन करें और उसे केला खिलाएं।
 बुध : ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में बहाएँ। फिटकरी से दन्त साफ करे, अपना आचरण ठीक रखे ,बुध के लिए साबुत मूंग का दान करें., माँ दुर्गा की आराधना करें .
बुध ग्रह की शांति के चमत्कारी सिद्ध उपाय :
कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है।
बुध के लिए : समय सूर्योदय से 2 घंटे तक।
भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। बुध के मूल मंत्र का सवेरे 5 घटी के अंदर पाठ करें। 9,000 या 16,000 पाठ 40 दिन में करें
मंत्र : ' ब्रां ब्रीं ब्रौं : बुधाय नम:'
दान-द्रव्य : पन्ना, सोना, कांसी, मूंग, खांड, घी, हरा कपड़ा, सभी फूल, हाथी दांत, कपूर, शस्त्र फल।
बुधवार का व्रत करना चाहिए। विष्णु भगवान का पूजन करना चाहिए। 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं।.....................................................................हर-हर महादेव

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