Friday, 19 January 2018

सूर्य की अशुभता और निराकरण

सूर्य ग्रह की अशुभता और निराकरण  
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 सूर्य सिंह राशि का स्वामी है ,यह दशम स्थान में शुभ फलदायी ,आत्म कारक तथा पितृ कारक होता है |इसकी अशुभता से जातक आलसी ,भयालु ,पितृ वैरी होता है |नौकरी व् व्यवसाय में बार बार विघ्न आते हैं |व्यापारिक कार्यों में असफलता मिलती है |जातक राजकीय प्रकोप का भाजन बनता है |कोर्ट कचहरी , विवाद ,पितृ दोष ,ह्रदय दोष ,उदार विकार ,ऋण [कर्ज ],झूठे अभियोग ,प्रतिष्ठा हानि ,अल्सर ,पित्त प्रकोप ,आदि होता है |आत्मविश्वास कम हो जाता है या कम रहता है | मन पाप कर्मो में अधिक प्रवृत्त होता है |गृहस्थ जीवन कलहपूर्ण व् संतानसुख से हीन बनाता है |पिता से सम्बन्ध अच्छे नहीं होते अथवा दूरी बनती है ,इत्यादि |
 सूर्य पिता, आत्मा समाज में मान, सम्मान, यश, कीर्ति, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का कारक होता है | किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है। कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है साथ ही सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इसके लक्षण यह है कि मुँह में बार-बार बलगम इकट्ठा हो जाता है, सामाजिक हानि, अपयश, मनं का दुखी या असंतुस्ट होना, पिता से विवाद या वैचारिक मतभेद सूर्य के पीड़ित होने के सूचक है |
सूर्य ग्रह के अरिष्ट प्रभावी होने पर उसकी शान्ति हेतु प्रतिदिन श्री पद्मप्रभु चालीसा ,आदित्य ह्रदय स्तोत्र ,सूर्य को जल दान ,गायत्री उपासना/जप ,मुद्गल पुराणोक्त गणेश द्वादसनाम स्तोत्र ,याज्ञवल्क मुनि कृत सूर्य कवच ,सूर्य सूक्त ,सूर्य मंत्र का जप ,सूर्य यन्त्र धारण ,किसी योग्य के मार्गदर्शन में दान आदि ,श्री नवग्रह शान्ति चालीसा ,एक वर्ष में कम से कम एक बार नवग्रह शान्ति विधान करना चाहिए |
 सूर्य ग्रह के दोष दूर करने और इसे शुभ बनाने के लिए जपाकुसुम के फूलों की माला बनाकर हर रविवार को शिवजी को पहनाएं। इस उपाय से वर्चस्व एवं आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। किसी वृद्ध व्यक्ति को लाल फल भेंट करना चाहिए। प्रत्येक रविवार सुबह घोड़े को भीगे चने की दाल खिलानी चाहिए।
सुर्य (Sun): सूर्य के अशुभ होने पर या कुण्डली में सुर्य के दूषित प्रभाव होने पर पेट, आंख, हृदय का रोग होवे, सरकारी बाधा आवे ऐसे में तांबा, गेंहू एवं गुड का दान करें, आग को दूध से बुझावें, प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें , हरिवंश पुराण का पाठ करें ,भगवान राम की पूजा करें | ताबें का बराबर दो तुकडा काटकर एक को पानी में बहा दें एक को जीवन भर साथ रखें
सूर्य ग्रह की शांति के चमत्कारी सिद्ध उपाय :
कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। गृह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है।
सूर्य के लिए : समय सूर्योदय
भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। आदित्य स्तोत्र या गायत्री मंत्र का प्रतिदिन पाठ करें। सूर्य के मूल मंत्र का जप करें।
मंत्र : ' ह्रां ह्रीं ह्रों सूर्याय नम:'
40 दिन में 6,000 मंत्र का जप होना चाहिए। जप सूर्योदय काल में करें।
दान-द्रव्य : माणिक, सोना, तांबा, गेहूं, गुड़, घी, लाल कपड़ा, लाल फूल, केशर, मूंगा, लाल गाय, लाल चंदन।
दान का समय : सूर्योदय होना चाहिए। रविवार का व्रत करना चाहिए। रुद्राभिषेक करना चाहिए। एकमुखी या बारहमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
यदि कुन्डली मे सूर्य अशुभ प्रभाब दे रहा हो तो परिवार मे सुर्य अर्थात पिता या पिता तुल्य लोगों का आदर सत्कार करना चहिये उनकी सेवा करनी चहिये उन्हें प्रसन्न रखना चहिये , यदि परिवार मे पिता या पिता तुल्य लोग आपसे संन्तुष्ट रहेंगे तो सुर्य के अशुभ प्रभाव से आप बचे रहेंगे !
सूर्य ग्रह कि शांति हेतु गेहूँ, ताँबा, घी, गुड़, माणिक्य, लाल कपड़ा, मसूरकी दाल, कनेर या कमल के फूल, गौ दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं |दान के विषय में शास्त्र कहता है कि दान का फल उत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए। सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर में ४० से ५० वर्ष के व्यक्ति को देना चाहिए.
सूर्य की शांति के लिए टोटके
· सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रात:काल सूर्योदय के समय उठकर लाल पूष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
· गाय का दान बछड़े समेत, गुड़, सोना, तांबा और गेहूं सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान |
· रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रात:काल उसे पीना चाहिए।
· ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
· लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए। गेहूँ को जमीन पर नहीं डालना चाहिए।
· किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
· हाथ में मोली (कलावा) : बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
· लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
· सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रत करना चाहिए.
· गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए.
· किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभाव में कमी आती है
सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं।आपका सूर्य कमज़ोर अथवा नीच का होकर आपको परेशान कर रहा है अथवा किसी कारण सूर्य की दशा सही नहीं चल रही है तो आपको गेहूं और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिएइसके अलावा आपको इस समय तांबा धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे सम्बन्धित क्षेत्र में आपको और भी परेशानी महसूस हो सकती है |....................................................................हर-हर महादेव 

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