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.ज्योतिषीय उपाय
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[१] पीला पुखराज ४ रत्ती और ओपल ४ रत्ती एक ही त्रिधातु मुद्रिका में बनवाकर ,प्राण प्रतिष्ठा ,अभिषेक करवाकर कन्या को धारण करवाए |
,[२]विवाह योग्य कन्या को गुरूवार का व्रत करना शीघ्र वर प्राप्ति में सहायक होता है |
,[३]वृहस्पतिवार के दिन कन्या पीले रेशमी कपडे में केले की जड़े ,एक ही हल्दी की टुकड़े के तीन हिस्से करके उन्हें कपडे में ताबीज की तरह बनाकर धुप दीप देकर बाई भुजा पर धारण करे और गुरूवार का व्रत रखकर केले के वृक्ष की पूजा करे ,इस दिन अन्न और नमक का त्याग करे |
,[४]प्रतिदिन वृहस्पति के तांत्रिक या वैदिक मंत्र की कम से कम एक माला करे .|
..तांत्रिक उपाय
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[१] शुद्ध दो मुखी रुद्राक्ष विधि विधान सहित कन्या की बाई भुजा पर बाधे |
[२]किसी सिद्ध व्यक्ति से ताम्बे या चांदी का [सामर्थ्य अनुसार ]प्राण प्रतिष्ठित कात्यायनी यन्त्र
प्राप्त करे और नित्य प्रति कात्यायनी यन्त्र की पूजा करे और यन्त्र कए साथ लिखे या बताए गए मंत्र का प्रतिदिन १०८ बार जप करे |
,[३] कन्या अपने कमाए पैसो से ,या माता -पिता-भाई द्वारा कन्या कए व्यक्तिगत खर्च कए लिए मिले पैसो से पाच कार्यसिद्धि रुद्राक्ष प्राप्त करे ,,फिर पाच सूखे नारियल [साबुत गिरी गोला ]खरीदकर ले आये ,|,मंगलवार को प्रातः
उठकर एक नारियल लेकर उसमे किसी नुकीली चीज से एक सुराख कर दे ,|,एक कटोरी में १०० ग्राम गेहू या चावल का आटा ,एक चम्मच शुद्ध घी ,दो चम्मच चीनी मिलाकर नारियल
में सुराख से भर दे ,,अब गोला स्वयं ले जाकर जहा जमीन के अंदर से चीटिया आदि निकलती
है वहां एक छोटा सा गड्ढा खोदकर पहले एक कार्यसिद्धि रुद्राक्ष का दाना रखे और फिर उसपर वह गिरी गोला रखकर दबा दे ,अगल-बगल मिटटी लगा दे किन्तु
सुराख नारियल
का बंद न हो ,|,वापस लौट आये ,|,इस प्रकार निरंतर
पाच मंगलवार करे |,,,इस प्रयोग
में कोई प्रतिबन्ध नहीं है ,यहातक की रजस्वला होने पर भी प्रयोग
पूर्ण करना चाहिए ,|,केवल दो सावधानिया रखनी है ,,पहला की रात की नीद से उठने से लेकर गिरी गोला रखकर आने तक बोलना नहीं है अर्थात पूर्ण मौन रहना है ,,,दूसरी सावधानी रखनी है की प्रयोग
कए लिए आते जाते समय पीछे मुड़कर देखना मना है ,कोई बात करे या आवाज दे तब भी जबाब न दे |क्रिया की अवधी में यह ध्यान में रहे की हे प्रभु में यह समस्त प्रयोग
उत्तम सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए कर रही हू ,मेरी मनोकामना पूर्ण हो |
...उपरोक्त ज्योतिषीय और तांत्रिक प्रयोग यदि कन्या द्वारा किये और करवाए जाए तो उसका विवाह तीन माह में होने की पूर्ण उम्मीद होती है ,चाहे बाधाए कैसी भी हो इनमे प्रत्येक बाधाओं कए शमन की क्षमता
है और विवाहयोग [समय ]उत्पन्न करने की क्षमता है .............................................................हर-हर महादेव
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