Thursday, 25 January 2018

लड़के के विवाह में बाधा हेतु प्रयोग और टोटके

लड़के के विवाह में बाधा हेतु प्रयोग और टोटके 
======================
१. विवाह की कामना रखने वाले पुरुषों को विभिन्न रंगों से स्त्रियों की तस्वीरें सफ़ेद कागज पर रोजाना तीन महिने तक एक एक बनानी चाहिये।
२. यदि किसी के पुत्र के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो यह प्रयोग करें |यह प्रयोग अत्यंत सरल और सबकी पहुँच के अन्दर है |केवल हरसिंगार की की जड़ या फिर फूल पूर्णिमा की रात्री में इक्कीस बार पुत्र पर से उतारकर अपनी मनोकामना व्यक्त करते हुए तुलसी के पौधे के नीचे दबाएँ |इस प्रयोग को करके देखें, आपकी समस्या हल होगी |..
३.  लड़के को अगर विवाह में बाधा या अड़चन आ रही हो तो चाहिए कि वहहीरा या अमेरिकन जर्कन धारण करे किन्तु इसके लिए किसी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए ,क्योकि शुक्र अगर कहीं से नुकसानदायक हुआ तो उसकी शक्ति में वृद्धि से दिक्कत किसी क्षेत्र में बढ़ सकती है ,इसके साथ लड़के के विवाह की बाधा दूर करने के लिए छोटी बच्ची कोशुक्रवार को श्वेत वस्त्र दान करे|
४. यदि किसी वाह्य बाधा की सम्भावना हो और लगता हो की उसके कारण विवाह में बादा आ रही हो तो किसी भी शुक्रवार की रात्रि में स्नान के बाद १०८बार स्फटिक माला से निम्न मन्त्र का जप करें-

 ऐं  विवाह बाधा निवारणाय क्रीं क्रीं  फट्।”
५. लड़के के शीघ्र विवाह के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को ७० ग्राम अरवाचावल७० सेमी॰ सफेद वस्त्र मिश्री के टुकड़े सफेद फूल छोटीइलायची सिक्के श्रीखंड चंदन की टुकड़ी जनेऊ। इन सबको सफेदवस्त्र में बांधकर विवाहेच्छु व्यक्ति घर के किसी सुरक्षित स्थान में शुक्रवारप्रातः स्नान करके इष्टदेव का ध्यान करके तथा मनोकामना कहकर पोटलीको ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि  पड़े। यह पोटली ९० दिन तकरखें।
६.  जिस जातक को किसी भी कारणवश विवाह में विलम्ब हो रहा होतोनवरात्री में प्रतिपदा से लेकर नवमी तक ४४००० जप निम्न मन्त्र का दुर्गाजी की मूर्ति या चित्र के सम्मुख करें।“ॐ पत्नीं मनोरमां देहिमनोवृत्तानुसारिणीम्।तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।”
७. यदि जन्म कुण्डली में प्रथमचतुर्थसप्तमद्वादश स्थान स्थित मंगलहोने से जातक को मंगली योग होता है इस योग के होने से जातक के विवाहमें विलम्बविवाहोपरान्त पति-पत्नी में कलहपति या पत्नी के स्वास्थ्य मेंक्षीणतातलाक एवं क्रूर मंगली होने पर जीवन साथी की मृत्यु तक होसकती है। अतः जातक मंगल व्रत। मंगल मंत्र का जपघट विवाह आदिकरें।
८. सप्तम गत शनि स्थित होने से विवाह बाधक होते है। अतः  शंशनैश्चराय नमः” मन्त्र का जप ७६००० एवं ७६०० हवन शमी की लकड़ी,घृतमधु एवं मिश्री से करवा दें।
९. राहु या केतु होने से विवाह में बाधा या विवाहोपरान्त कलह होता है। यदिराहु के सप्तम स्थान में होतो राहु मन्त्र  रां राहवे नमः” का ७२००० जपतथा दूर्वाघृतमधु  मिश्री से दशांश हवन करवा दें। केतु स्थित होतोकेतु मन्त्र  कें केतवे नमः” का २८००० जप तथा कुशघृतमधु  मिश्रीसे दशांश हवन करवा दें।अथवा श्रेष्ठ साधक से राहू /केतु यंत्र बनवाकर ,अभिमंत्रित करा धारण करें |
१०. सप्तम भाव गत सूर्य स्थित होने से पति-पत्नी में अलगाव एवं तलाकपैदा करता है। अतः जातक आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ रविवार से प्रारम्भकरके प्रत्येक दिन करे तथा रविवार कप नमक रहित भोजन करें। सूर्य कोप्रतिदिन जल में लाल चन्दनलाल फूलअक्षत मिलाकर तीन बार अर्ध्यदें।...........................................हर-हर महादेव 

No comments:

Post a Comment

महाशंख  

                      महाशंख के विषय में समस्त प्रभावशाली तथ्य केवल कुछ शाक्त ही जानते हैं |इसके अलावा सभी लोग tantra में शंख का प्रयोग इसी...