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१: उस व्यक्ति को घर के दक्षिण पश्चिम कोने ( नैत्रत्य कोण ) के कमरे में दक्षिण दिशा में सर रखकर सुलाएं। उनकी दवाएं और जल कमरे के ईशान कोण में रखें ध्यान रखें रोगी व्यक्ति अपनी दवाएं और अपना खाना पीना ईशान कोण अथवा पूर्व की तरफ मुंह करके ही खाएं ।
२:
नियमित रूप से गौशाला मे जाये गाय की सेवा करें कुछ गौमाता को खिलाये प्रेमपूर्वक। जो ज्यादा बीमार है उनका हाथ लगाकर गाय को रोज पालक या हरी सब्जी या जो आपसे खिलाते बन सके खाने को दें।
३: रोगी के कमरे मे पूर्व दिशा में चांदी की छोटी कटोरी मे केसर गंगाजल मे घोलकर रखें।
४: रोगी पीने वाले जल में गंगाजल मिलाकर सेवन करें।
५: रोगी रोज सफेद चंदन को गंगाजल मे मिलाकर उसका तिलक करें।
६: पूर्णिमा के दिन शिवमंदिर मे फल मिठाई ले जाकर महादेव से परिवार की निरोगता की प्रार्थना कर मंदिर मे और असहाय लोगों को वितरीत करें।
७: रोगी सोते समय बिस्तर पर बैठकर २१ बार बोले मे पूर्णतः १००% स्वस्थ हूं मेरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता सारे रोगों को नष्ट कर रही है
८: रोगी बिस्तर के साइङ की दिवाल पर महामृत्युञ्जय यंत्र को लगाकर सुबह शाम दर्शन करे।
९: पीपल वृक्ष पर जाकर अपने हाथों से स्पर्श कर यह भावना करे की आपके शरीर के सारे रोग नष्ट हो रहे है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ रही है आप पूर्ण स्वस्थ हो रहे है। रविवार छोङकर नियमित करें|
आप जो दवा के सेवन कर रहे है उनका सेवन करते हूए अपने खानपान पर ध्यान रख उपायो को करे लाभ होगा
10. किसी अच्छे सिद्ध साधक से बनवाकर रोगी को मृत्युंजय यन्त्र धारण कराएं |
11. घर के नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के उपाय करें और कोशिस करें की घर
में प्रकाश और हवा की समुचित व्यवस्था हो |समुद्री नमक से पूछे लगाएं |
१२. रात में रोगी के कमरे में थोड़ी कपूर एक बार जला दें |
१३. कभी भी हताशा ,निराशा ,कलह ,क्रोध ,बुराई वाली बातें न करें रोगी से अथवा
उसके आसपास ,इससे नकारात्मक उर्जा उत्पन्न होगी जो रोगी के लिए बाधक हो सकती है |
१४. रोगी को मांसाहारी ,पापी ,क्रूर ,क्रोधी ,नास्तिक ,परिवार द्रोही ,दुष्ट
,मार्गभ्रष्ट व्यक्ति से दूर रखें ,भले वह कितना ही ऊँचा पदस्त हो ,इमे नकारात्मक
ऊर्जा होती है और आशीर्वाद से भी लाभ की संभावना नहीं होती |
१५. सात्विक ,सच्चे ,संत ,आस्तिक ,शुद्ध ब्राह्मण ,व्यक्ति का आशीर्वाद
दिलाएं ,भले वह कितना ही गरीब ,छोटा हो ,इनमे नैसर्गिक सकारात्मक ऊर्जा होती है |
१६. रोगी अपनी गलतियों के लिए ईश्वर से सच्चे दिल से पश्चाताप व्यक्त करे और
बार बार दोहराए की वह फिर गलतियाँ नहीं करेगा ,ईश्वर उसे स्वस्थ करे |
१७. रोगी मन में सदैव प्रबल भावना रखे की में जरुर स्वस्थ हो जाऊँगा ,हर हाल
में स्वस्थ होऊंगा ,मुझमे वह शक्ति है की में सभी रोगों ,कमजोरियों कष्टों से
मुक्त हो सकता हूँ |बार बार ऐसा दोहरायें |
१८. घर के और सम्बंधित लोग सदैव उसे हौसला दिलाते रहें और जीने की तीब्र
लालसा उत्प्पन्न करें और तीब्र आशा दें की वह बिलकुल स्वस्थ होगा ,अवश्य होगा ,वह
खुद सक्षम है सभी रोगों से मुक्त होने में |
उपरोक्त उपाय मनोवैज्ञानिक ,ज्योतिषीय और धार्मिक उपायों के मिश्रण हैं और शत प्रतिशत कारगर
हैं |आपके घर का अथवा आप किसी भी गंभीर ,असाध्य ,लम्बे रोग से ग्रस्त हैं तो इसे
आजमाकर देखें आपको जरुर लाभ होगा |.....................................................................हर-हर महादेव
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