=======================[[जमीन /मकान /दूकान /रियल एस्टेट ]]
हमने अपने पूर्व के तीन लेखों में "क्या आपके साथ ऐसा हो रहा है
" सीरिज के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की समस्याओं का उल्लेख किया है जो की
लोगों के जीवन से सम्बंधित हैं और जो लोगों को अनुभव होते हैं |चूंकि हम एक तंत्र
साधक हैं अतः लोग भिन्न तरह की समस्या लेकर आते हैं |उनके अनुभवों और समस्याओं के
आधार पर ही हमें यह सीरिज लिखने की प्रेरणा मिली ,ताकि लोगों को उपयुक्त सुझाव दे
सकें जिससे अधिकतम लोग लाभान्वित हो सकें |पोस्टों में हमने समस्याओं के उल्लेख के
साथ उनके सम्बन्ध में सुझाव भी लिखे हैं |इसी क्रम में हम कुछ और समस्याओं और
परेशानियों के बारे में इस लेख में लख रहे हैं |जो लोग इनसे सम्बंधित हो वह इसका
लाभ उठा सकते हैं |
११. आपने नया मकान खरीदा या
नया स्थान लिया अथवा घर परिवार के किसी ने वसीयत अथवा रजिस्ट्री की या आपने लीज पर
कोई जमीन ली |इसके बाद से आपके जीवन में परेशानियां बढ़ गयीं |उथल -पुथल शुरू हो
गयी |अचानक हानि होने लगी ,दुर्घटना हो गयी ,खुद को या परिवार में किसी को गंभीर
बीमारी हो गयी या कोई या खुद बार बार बीमार होने लगा |ली गयी जमीन या मकान विवाद
में फंस गया जिससे समय ,श्रम और पैसा तीनो लगने लगा |टेंसन अलग से |अगर ऐसा कुछ हो
रहा तो मान लीजिये की कुछ तो ऐसा उस जमीन /मकान से जुड़ा है जो नकारात्मक है और
परेशानियां बढ़ा रहा है |दिक्कतें उत्पन्न कर रहा है |
१२. आप किसी मकान /घर में
नए नए शिफ्ट हुए और आपकी स्थिति अस्त व्यस्त धीरे धीरे होने लगी |आपको पता भी नहीं
चला और समय क्रम में आपकी स्थिति पहले के मुकाबले कमजोर हो गयी |कुछ समय बाद
स्थिति ऐसी हो गयी की आप चाहकर भी वह मकान बदल नहीं सकते या बेच नहीं सकते |आपके परिवार
में कलह ,अशांति का वातावरण हो गया |आर्थिक अवरोध आने लगे और आय व्यय में असंतुलन
आ गयी |पर्याप्त आय होने पर भी अनावश्यक खर्च होने लगे या पता ही नहीं चलता की
पैसा जा कहाँ रहा है |घर में मनहूसियत छाने लगी |लोगों में मतभिन्नता ,मतभेद पनपने
लगे |बच्चे बिगड़ने लगे |झगड़े ,तनाव अनावश्यक होने लगे |रोग ,बीमारी ,दुर्घटना
,विवाद बढ़ गया |अगर ऐसा कुछ आपके साथ हो रहा है तो मानकर चलिए की उस मकान में
सबकुछ ठीक ठाक नहीं है |कोई न कोई नकारात्मक शक्ति उस मकान में है जरुर जो नहीं
चाहती की आप वहां रहें |अक्सर ऐसे मकान ,फ़्लैट या घर बाहर से देखने पर रौनक विहीन
लगते हैं अथवा मनहूस लगते हैं |ऐसे मकानों में कभी कभी अकेले रहने पर एक अजीब सा
खालीपन महसूस होता है अथवा भय का वातावरण बनता है |रात में इनके किसी हिस्से में
विशेष नकारात्मकता महसूस होती है अथवा भय लगता है |
१३. आप जिस घर मकान में
रहते हैं वहां कभी कभी महसूस होता है की कोई अदृश्य शक्ति भी रहती है या कभी महसूस
होता है की कोई चल रहा है ,कोई घूम रहा है |आपके अपने घर /मकान में कोई स्थान ऐसा
हो जहाँ अनिवार्य पूजा देने की प्रथा हो अथवा आपके जमीन /मकान में कोई ब्रह्म की
चौकी हो या कोई मजार आदि हो तो इनका प्रभाव आप और आपके परिवार पर पड़ता है |जब तक
पूजा दी जाए यह अच्छे परिणाम देते हैं ,जब कभी खानदान के लोग पूजा न दे पायें यह
बर्बादी शुरू कर देते हैं |अक्सर ऐसी शक्तियाँ कुलदेवता का स्थान ले लेते हैं और
कुलदेवता की पूजा खुद लेने लगते हैं जिससे आपकी पूजा आपके ईष्ट तक नहीं पहुँचती और
आपकी मुक्ति नहीं हो पाती |मृत्यु के बाद परिवार के लोग उसी शक्ति के अधीन प्रेत
लोग में जाने लगते हैं |जीवित लोग यदि पूजा न दें तो पतन शुरू हो जाता है |यह
स्थिति बेहद गंभीर होती है |
१४. आप कोई मकान या
बिल्डिंग शुरू करते हैं किन्तु बीच में बार बार अवरोध आते हैं और किन्ही कारणों से
काम रुक -रुक जाता है ,जबकि आपके पास पर्याप्त स्रोत काम पूरा करने के होते हैं
|कभी आप कोई बिल्डिंग तैयार करते हैं और उसके बाद आपको ग्राहक ही नहीं मिलते जो
बिल्डिंग या फ़्लैट खरीदें ,आपकी पूँजी फंस जाती है |आप कोई मकान /बिल्डिंग शुरू
करते हैं और वह बीच में ही किसी कारण से रुक जाता है या कानूनी दिक्कत शुरू हो
जाती है या साझेदार हट जाते हैं |आपके परिवार /घर में कोई जरूरत होती है या आपको
लगता है की आपकी कोई प्रापर्टी हटाने की जरूरत है किन्तु आपकी वह प्रापर्टी आपके
चाहने पर भी बिक नहीं पाती या उपयुक्त ग्राहक नहीं मिल पाते या आपको आपकी पूँजी की
सही कीमत नहीं मिल रही तो मानना चाहिए की कुछ तो ऐसा है उस जमीन /मकान से सम्बंधित
जो आपके उद्देश्य में अवरोध उत्पन्न कर रहा है |ऐसी जमीन के नीचे कुछ हो सकता है
या आसपास कुछ हो सकता है जो उस जमीन /मकान से जुड़ा हो |अक्सर ऐसी स्थिति में
व्यक्ति के घर परिवार में भी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं |अशांत वातावरण
,हानि ,अव्यवस्थित दिनचर्या ,अधिक खर्च ,दुर्व्यसन आदि उत्पन्न होते हैं |
१५. आप जमीन /जायदाद के
धंधे से जुड़े हैं |कल तक आपका काम बहुत अच्छा चलता था किन्तु आज आपको ग्राहक नहीं
मिल रहे |आपने कोई मकान /दूकान /जमीन ली या बनाई है किन्तु ग्राहक नहीं मिल रहे या
पर्याप्त मूल्य नहीं मिल रहा |आपकी लगाईं पूँजी भी फंस जा रही तो आपको देखना चाहिए
की कहीं आपने ऐसा तो नहीं इन्वेस्ट किया है किसी जगह जहाँ से नकारात्मक शक्ति जुडी
है और आपको प्रभावित कर रही |आपको यह भी देखना चाहिए की आपने किसी को धोखा तो नहीं
दिया पूर्व में जिसकी बद्दुआ प्रभावित कर रही |या आपका कोई प्रतिद्वंदी तो नहीं या
आपके परिवार /रिश्तेदार में तो कोई ऐसा नहीं जो आपसे जलन /ईर्ष्या रखता हो और उसने
कोई अभिचार /टोना -टोटका /तंत्र क्रिया कर या करा दिया हो |अक्सर जमीन /मकान
/दूकान में ऐसी क्रियाएं कर दी जाती हैं या दबा दी जाती हैं जिससे वहां नकारात्मक
ऊर्जा /शक्ति का प्रभाव शुरू हो जाता है जो मकान से सम्बन्धित उद्देश्यों के साथ
ही व्यक्ति और उसके परिवार को भी प्रभावित करता है |इनमे कोई छोटी कील ,किसी वृक्ष
की लकड़ी से बनी अभिमंत्रित कील ,हड्डी ,श्मशान का कोयला आदि कुछ भी हो सकता है |यह
वस्तुएं बेहद घातक होती हैं और बहुत वर्षों तक मकान में रहने वालों अथवा उससे जुड़े
लोगों को प्रभावित करती हैं |
उपरोक्त सभी तरह की समस्याएं पृथ्वी की सतह से जुडी और पृथ्वी की सतह पर
क्रियाशील बुरी शक्तियों द्वारा उत्पन्न होती हैं |व्यक्ति के ग्रह /गोचर क्या कह
रहे अक्सर इनका उससे कोई मतलब नहीं होता |इन्हें स्थानीय शक्तियाँ कहते हैं |इन
दोषों को स्थान दोष कहते हैं |यहाँ ज्योतिषीय उपाय और परामर्श कारगर नहीं होते
|सामान्य तांत्रिक और गली /गाँवों के ओझा /गुनिया भी यहाँ उपयुक्त मदद नहीं कर
पाते |केवल उच्च स्तर का तांत्रिक ही यहाँ उपयुक्त होता है अतः उसकी ही मदद लेनी
चाहिए |सबसे पहले तो सम्बन्धित शक्ति ,की गयी तांत्रिक क्रिया की प्रकृति और शक्ति
का आकलन बहुत जरुरी होता है |यदि ऐसा न हो और कोई छोटी मोटी क्रिया कर दी जाए
जिसकी शक्ति कम हो और जमीन /माकान से जुडी शक्ति की ऊर्जा अधिक हो तो व्यक्ति को
और अधिक परेशानी उठानी पड़ती है |सम्बन्धित शक्ति और उग्र हो सकती है या क्रुद्ध हो
तीव्र प्रतिक्रिया दे सकती है जिससे पहले से भी बदतर स्थिति हो सकती है |इसलिए यदि
आप इन स्थितियों का सामना कर रहे हैं तो आपको बेहतर तंत्र साधक की मदद लेनी चाहिए
|आप इस हेतु हमसे भी सम्पर्क कर सकते हैं ,यदि आपके आसपास कोई ऐसा नहीं मिलता तो
,किन्तु हम आपको उपाय बता सकते हैं ,तरीके बता सकते हैं ,लड़ाई के हथियार उपलब्ध
करा सकते हैं ,लड़ना आपको होगा |आप अपनी लड़ाई खुद लड़ते हैं तो आपको लाभ कई गुना
अधिक भी होगा और भविष्य के लिए भी आप इतने अधिक मजबूत हो जाते हैं की फिर कभी ऐसी
समस्याएं आपको प्रभावित नहीं करती |..............[[क्रमशः --अगले अंकों में भिन्न
विषय -"क्या आपके साथ ऐसा हो रहा है " सीरिज के अंतर्गत
]]..........................................................हर -हर महादेव
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