आपकी प्रार्थना से चमत्कार होते हैं
-----------------------------------[[भाग -१]]
प्रार्थना एक ऐसा शब्द है जो दुनिया के हर धर्म में ,हर सम्प्रदाय में ,हर जाती में ,हर वर्ग में यहाँ तक की हर व्यक्ति में पायी जाती है ,भले वह व्यक्ति नास्तिक हो ,वह वर्ग ,धर्म ईश्वर को न मानता हो ,अथवा साकार न मानता हो |फिर भी हर कोई ,हर समुदाय प्रार्थना करता ही है ,स्वरुप चाहे कुछ भी हो |चाहे वह कामना हो ,उलाहना हो ,अथवा अनुकूलता की ईच्छा हो हर व्यक्ति अलौकिक ब्रह्माण्ड व्यापी शक्ति से ईच्छा -प्रार्थना करता ही है की अमुक हमारे लिए ऐसा हो जाए |भले व्यक्ति हाथ जोड़ कर न खड़ा हो ,सर न झुका हो किन्तु आतंरिक रूप से प्रार्थना कभी न कभी करता ही है |हर धर्म -सम्प्रदाय में इसके नाम भले
अलग हों किन्तु प्रार्थना करते सभी हैं |कभी सोचा है ऐसा क्यों है |इसका कारण है की हर व्यक्ति चेतन स्तर पर भले इसका अर्थ न जानता हो ,इसका महत्व न समझता हो ,इसके प्रभाव न अनुभूत करता हो ,किन्तु उसके अवचेतन पर इसका प्रभाव जन्म जन्मान्तरों से अंकित है |व्यक्ति की आत्मा ,उसका अवचेतन जन्म जन्मान्तरों ,सदियों ,सहस्त्रों वर्षों के अनुभव -अनुभूतियाँ संगरहित रखता है |व्यक्ति के जानते हुए भी उसका अवचेतन उससे वह क्रियाएं स्वतः करवाता है जो व्यक्ति समझता भी नहीं है |यही अवचेतन कभी कभी अनेकानेक रहस्य खोलता रहता है |जो पूर्व जन्म अथवा पिछले समयों को पढ़ पाते हैं वह आपके लिए चमत्कार हो सकते हैं ,किन्तु जानने वाल जानता है की उन्होंने अपने अवचेतन को इतना विकसित कर लिया है की वह पिछले समयों को देख पा रहे हैं |हम बात प्रार्थना की कर रहे हैं ,अन्य विषयों को हम क्रमशः उठाएंगे |
प्रार्थना से चमत्कार होते हैं ,यह हर धर्म जानता है ,हर व्यक्ति का अवचेतन जानता है ,इसीलिए एक बात हर धर्म में समान रूप से पायी जाती है ,प्रार्थना ,प्रार्थना और प्रार्थना |क्योकि यही मूल चीज है आपके अवचेतन से ,आपसे ब्रह्माण्ड की महानतम शक्ति से ,मूल ऊर्जा से आपको जोड़ने की |उस शक्ति को आप ईश्वर कहते हैं ,अल्लाह कहते हैं ,गुरु कहते हैं ,ईशु कहते है या कुछ भी कहते हैं किन्तु सबकी पद्धति एक ही है उससे जुड़ने की ,वह है प्रार्थना |इसीलिए हर धर्म ,वर्ग में प्रार्थना समान रूप से पायी जाती है |यही शक्ति आपको ,आपके अंतरात्मा को ,आपके अवचेतन को ब्रह्माण्ड की शक्ति से जोडती है और अवचेतन की सबलता से आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं जिसे आप कहते हैं की ईश्वर की कृपा हुई |वास्तव में सारा खेल आपका खुद का है |इश्वर तो हमेशा था ,हमेशा रहेगा |किन्तु वह तब क्यों नहीं सुन रहा था जब आप प्रार्थना नहीं कर रहे थे |ईश्वर कोई रूप आकृति नहीं ,ऊर्जा मात्र है ,जो सर्वव्यापी है |वह तब तक नहीं सुन रहा था ,जब तक आपकी अवचेतन की शक्ति उससे नहीं जुडी थी |सारा चमत्कार तो आपका खुद का है ,आपके अन्दर की महान शक्ति का है जो उस परम ऊर्जा या शक्ति को आपके लिए अनुकूल करती है ,आपसे जोडती है |इसी को विकसित करके चमत्कार होते हैं |यह प्रार्थना द्वारा जुडती है |किन्तु प्रार्थना केवल हाथ जोड़ने से नहीं होती |इसकी तकनिकी होती है |कारगर प्रार्थना हो तो चमत्कार होते हैं |ईश्वरीय ऊर्जा खुद मदद करती है ,यहाँ धर्मों जातियों का कोई महत्त्व नहीं |
क्या आप जानते हैं ,कारगर प्रार्थना कैसे की जाती है ,कितने लम्बे समय से आपने नियमित प्रार्थना करना छोड़ दिया है |अक्सर खतरे या मुसीबत ,बीमारी या मौत के करीब आने पर आपातकालीन स्थिति में प्रार्थनाएं मुंह से निकलती हैं |क्यों -कभी सोचा है ऐसा क्यों है |क्यों उस समय मंत्र नहीं निकलते आपके मुह से आपके अवचेतन से ,क्यों आपकी भाषा में ही प्रार्थना निकलती है ,,क्यों उस समय जप नहीं करते ,क्यों उस समय आयते नहीं पढ़ते ,क्यों बाइबिल नहीं पढ़ते |में बिलकुल आपात स्थिति की बात कर रहा हूँ जब कोई विकल्प नहीं होता |उस समय क्यों आप हताश प्रार्थना ही करते हैं |और अक्सर आपकी प्रार्थना सफल भी होती है |यही वह सूत्र है ,वह कारगर तकनीक है जो आपको परम शक्ति या ऊर्जा से या ईश्वर से या अल्लाह से जोडकर आपके ईक्षा की दिशा में कार्य कर जाती है |इसका विज्ञान यह है की आपका अवचेतन उस सूत्र को हमेशा याद रखे है की कैसे परम ऊर्जा से खुद को जोड़ा जाता है |तभी आपात स्थिति में खुद ब खुद अंतरात्मा से आवाज निकलने लगती है ,जिसे प्रार्थना कहते हैं |जबकि चेतन मन में होते ,सामान्य बुद्धि में रहते आप उस तरह उसे याद नहीं कर पाते ,उससे प्रार्थना नहीं कर पाते |यह सारा खेल आपके अवचेतन का है |सोचिये एक क्षण का अवचेतन इतना काम करता है तो |अगर यह जाग्रत हो जाए ,आप इसकी तकनीक जान जाएँ ,इसे क्रियाशील करके अपने काम में लाने लगें तो क्या नहीं हो सकता है |
मुसीबत में प्रार्थना हमेशा मदद करती है |लेकिन प्रार्थना को अपने जीवन का अखंड और सृजनात्मक हिस्सा बनाने के लिए हम मुसीबत का इंतज़ार क्यों करें |प्रार्थना के नाटकीय चमत्कार अखबार की सुर्ख़ियों में छपते रहते हैं |जो इस बात का सबूत हैं की प्रार्थना कारगर होती है |लेकिन प्रार्थना के अन्य रूप भी हैं जैसे बच्चों की छोटी -छोटी प्रार्थनाएं ,हर दिन भोजन के वक्त इश्वर का स्मरण ,इश्वर के साथ सम्प्रेषण की इच्छा से की गई धार्मिक आराधना |मैंने बहुत समय तक प्रार्थना की विभिन्न विधियों का अध्ययन किया है |मैंने खुद इसकी शक्ति महसूस की है |इसके आलावा मैंने कई ऐसे लोगों के साथ बातचीत और काम किया है ,जिन्हें प्रार्थना से बहुत लाभ हुआ है |चूंकि में ज्योतिष और तदुपरांत तन्त्र साधनाओं के क्षेत्र में कार्यरत हूँ ,मेरी रूचि सदैव से ऐसी तकनीकियाँ खोजने में रही है जिससे कम से कम समय में ,कम से कम श्रम में ,कम से कम ज्ञान में खुद को इश्वर से जोड़ा जा सके |तत्काल राहत पायी जा सके |सिद्धि-साधना-अनुष्ठान-पूजा-पाठ आदि सबके बस के नहीं हैं ,जानकारी -ज्ञान-समय-श्रम मांगते हैं ,जिनके पास ज्ञान नहीं ,समय नहीं ,श्रम नहीं कर सकते ,पैसा नहीं हैं ,पद्धति नहीं जानते वह कैसे तुरंत राहत पायें ,कैसे खुद को इश्वर से जोड़ें ,खुद को सफल बनाएं ,यही मेरे रूचि का विषय रहा है |यह मुझे मिला उन सूत्रों में जो सभी धर्मों में समान था ,जो ज्ञानी से अज्ञानी में समान था ,जो साधारण से महान तक में समान था |जो किसी को भी महान बना सकता है ,जो हर महान के पीछे समान था |यह था प्रार्थन ,,यह था हर व्यक्ति का अवचेतन ,यह था हर व्यक्ति में पाई जाने वाली अपार ऊर्जा |
प्रार्थना में अपार शक्ति है ,यह सभी जानते हैं ,किन्तु इसकी तकनिकी है ,इसके भी सूत्र हैं |कारगर प्रार्थना हो तो वह लक्ष्य को पूर्ण करती है |किन्तु सभी इस कारगर प्रार्थना को नहीं जानते ,जबकि खुद सभी कभी न कभी इसे किये भी होते हैं |किन्तु सामान्य दिनों में फिर भी इसे भूले होते हैं |आम तौर पर समस्या यह आती है की किसी दुसरे को प्रार्थना करना कैसे सिखाया जाए |मुसीबत में फंसे लोगों के लिए तार्किक ढंग से सोचना और काम करना मुश्किल होता है ,उनकी समस्याएं उन पर हावी हो जाती हैं और सुनने -समझने की क्षमता को कम कर देती हैं |उन्हें कोई आसान फार्मूला चाहिए ,जिसका वे पालन कर सकें |कोई कारगर तरीका जो सरल लेकिन विशेष हो |
वैज्ञानिक प्रार्थना मष्तिष्क के चेतन और अवचेतन स्तरों के बीच की ऐसी सामंजस्य पूर्ण क्रिया है ,जिसे किसी विशिष्ट उद्देश्य को पाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से निर्देशित किया जाता है |आपके भीतर जो अनंत शक्ति छिपी है वह आपको सबकुछ पाने में समर्थ बना सकती है |इस चमत्कारी शक्ति का इस्तेमाल करके आप अधिक सुखी ,पूर्ण और समृद्ध जीवन जी सकते हैं |रोजमर्रा की समस्याएं सुलझा सकते हैं अपने पक्ष में और पारिवारिक रिश्तों में सद्भाव ला सकते हैं |.............[व्यक्तिगत सोच और अनुभव पर आधारित लेख --क्रमशः ]....................................................................हर-हर महादेव
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