क्या -क्या होता है आपके साथ ?
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जब आप पर या घर पर तांत्रिक अभिचार या टोना -टोटका किया हो
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सामान्य जीवन में हम अपनी दिनचर्या में व्यस्त
रहते हैं |जीवन में इतने इतने संघर्ष हैं की कुछ भी सोचने की फुर्सत नहीं रहती |हम अपने आप में इतने व्यस्त
होते हैं की आसपास ,दोस्तों -परिचितों -रिश्तेदारों तक के बारे में बहुत कुछ देखने का समय नहीं होता ,दूर के लोगों की तो बात ही क्या ,किन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपको सुखी और अपने आप में जीता हुआ नहीं देख सकते |इन्हें अपने जीवन से अधिक दूसरों के जीवन में रूचि होती है |यह खुद की उन्नति हो इस बारे में न सोचकर अक्सर यह सोचते हैं की दूसरा कैसे उन्नति
कर रहा ,उसकी उन्नति कैसे रोकी जाए |इसके लिए यह टोने -टोटकों का सहारा लेते हैं |कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो छोटी -छोटी बातों की दुश्मनी निकालने के लिए किसी को अभिचार के अंधे कुएं में धकेल सकते हैं |कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपनी समस्या उतारकर दुसरे को दे देते हैं तांत्रिक के बताने पर ,यह भी एक प्रकार का तांत्रिक अभिचार ही है |अक्सर इनके शिकार उस व्यक्ति के अति नजदीकी अथवा रिश्तेदार बनते हैं |कभी -कभी कुछ लोग इस स्तर से भी उपर जाते हैं और ऐसी शक्ति को वचनबद्ध कर किसी पर या किसी के घर पर प्रक्षेपित कर देते हैं या किसी को किसी पदार्थ या प्रसाद
में मिलाकर
खिला -पिला देते हैं किसी वस्तु में अभिमंत्रित करके की भेजी आने वाली शक्ति अपने से वापस ही नहीं जा सकती |यह स्थिति सर्वाधिक विकट होती है और वह शक्ति तब तक नहीं हटती जब तक की सम्पूर्ण विनाश या उद्देश्य पूरा न हो जाए |अक्सर यहाँ कोई उपाय काम नहीं करते यहाँ तक की कोई तांत्रिक भी इन्हें
नहीं हटा पाता |
टोने -टोटके या तांत्रिक अभिचार या खिलाये -पिलाए के लक्षण उनकी ऊर्जा या शक्ति के अनुसार
अलग -अलग होती है |सबमे कुछ लक्षण समान रूप से आते हैं किन्तु
कुछ लक्षण भिन्न हो जाते हैं |सामान्य लक्षणों में कहीं मन न लगना ,उद्विग्नता ,बेचैनी ,अनहोनी की आशंका ,बार बार कामों का बिगड़ना ,रोजमर्रा के कार्यों में व्यतिक्रम ,आलस्य ,निर्णय लेने में दुविधा ,सर का भारीपन
,अकेलेपन की इच्छा ,व्यसनों की ओर झुकाव ,आतंरिक प्रफुल्लता की कमी ,शारीरिक ऊर्जा में कमी अथवा स्वास्थ्य में कुछ कमी की भावना ,सबकुछ ठीक न होने की भावना ,चिडचिडापन अथवा बिना बात का गुस्सा आना ,कभी अवसाद की स्थिति तो कभी अति चंचलता
,घर में कलह ,मतभिन्नता ,पति -पत्नी -बच्चों में मनमुटाव आदि आते हैं |किसी भी तांत्रिक अभिचार ,टोने -टोटके ,किये -कराये या खिलाये -पिलाए पर यह लक्षण सामान्य रूप से उभरते हैं |इसके बाद के लक्षण उस शक्ति पर निर्भर करते हैं जिसका प्रयोग सम्बन्धित क्रिया में किया गया होता है |सामान्य रूप से इंटरनेट ,फेसबुक ,गूगल या छोटी -छोटी सतही किताबों में दिए गए टोने टोटकों का प्रभाव
उपरोक्त प्रकार
ही होता है जबकि कोई किसी को बेवजह या छोटे -छोटे कारणों
से परेशान
करना चाहे |ऐसे टोटकों का स्थायी
प्रभाव नहीं होता और इनका प्रभाव ३ से ६ महीने तक अधिक रहता है |हां यदि कोई लगातार
अंतराल पर यह सब किसी पर करे तो समस्या गम्भीर होती जाती है तथा एक कमी से अनेक कमियाँ उत्पन्न होने लगती हैं |
गंभीर आभिचारिक क्रियाएं या तांत्रिक प्रयोग अक्सर या तो दुश्मनी में किये जाते हैं या अपनी समस्या किसी और पर डालने के लिए |इनमे तांत्रिक का सहयोग लेना पड़ता है यद्यपि उसके बताये तरीके पर खुद ही प्रयोग करना होता है |कभी कभी ही सीधे तांत्रिक इनमे शामिल होता है जबकि उसे पैसे का लालच हो या करने वाला क्रिया
करने में सक्षम न हो |इन क्रियाओं में किसी महिला की कोख बाँध देना जिससे बच्चे न हों या मृत हों ,किसी का व्यवसाय बाँध देना ,ताकि उसकी उन्नति
रुक जाए अथवा उसके व्यवसाय की तरफ से ग्राहकों के मन का उच्चाटन हो जाय |किसी की पदोन्नति रोकना ,जिससे वह अनजाने ऐसी गलतियाँ कर जाए जिससे उसकी उन्नति
बाधित हो ,किसी के घर -परिवार में कलह करवाना ,जिससे वह आपस में लड़ें ,अलग हों ,शक्ति कम हो ,पति -पत्नी में विरोध उत्पन्न करवाना ,अपनी नकारात्मकता का उतारा करके किसी को दे देना ,अपने रोग का उतारा करके कसी और को दे देना ,किसी को उसकी इच्छा के विपरीत वशीकृत कर देना ,किसी के मकान की नींव में हड्डी दबा देना ,किसी मकान में कोई स्थायी प्रभाव देने वाली वस्तु दबा देना ,किसी के घर या बगीचे या गमले आदि में ऐसे बीज आदि डाल देना जो उस घर को अपनी वृद्धि के साथ तबाह करे ,किसी के ईष्ट देवता या कुलदेवता को बाँध देना ,आदि -आदि हो सकते हैं |इनके लक्षण अलग -अलग होंगे किन्तु
व्यक्ति लगातार
किसी न किसी समस्या से परेशान रहेगा तथा वह अपनी उन्नति
पर पर्याप्त ध्यान भी नहीं दे पायेगा
और उसकी हानि भी होती रहेगी |अनजाने वह गलतियाँ करेगा |दो लोगों में ऐसी दुश्मनी करा देना की वह आपस में मरने -मारने पर उतारू हो जाएँ |
यदि किसी की कोख बाँध दी गयी हो तो महिला चिकित्सकीय रूप से बिलकुल स्वस्थ
होगी किन्तु
बच्चा जीवन नहीं देख पायेगा
,या तो गर्भ में ही बच्चा ख़त्म होगा या गर्भ ही नहीं रुकेगा या जन्म लेकर बच्चा ख़त्म हो जाएगा |किसी का व्यवसाय बाँध देने पर सबकुछ ठीक होने पर भी
ग्राहकों का मन व्यवसाय की तरफ नहीं लगेगा और वह अनमने होंगे ,खुद व्यवसायी में व्यावहारिक कमियां उत्पन्न हो जाएँगी |ग्राहक
आसपास की दुकानों ,प्रतिष्ठानों में रूचि लेने लगेगा |कभी ऐसा भी होगा की परिवार में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो की व्यवसाय पर पर्याप्त ध्यान ही न दिया आ सके |कभी कभी ऐसा भी होता है की किसी किसी को ऐसा रोग होता है जिसमे डाक्टर उसे स्वस्थ
बताते हैं किन्तु फिर भी व्यक्ति बीमार होता है यह स्थिति
किसी द्वारा
दी हुई हो सकती है जो पहले इस समस्या से परेशान
रहा हो |अक्सर लोग टोने -टोटकों का प्रयोग घर में कलह करवाने और परिवार सदस्यों को अलग करवाने के लिए करते हैं ,ऐसे में बिन बात के झगड़े होते हैं ,सम्पन्नता होने पर भी कलह होते हैं ,बेवजह स्वार्थ टकराते
हैं ,अपनी उन्नति
की बजाय लोग छोटे छोटे स्वार्थ में उलझ जाते हैं ,पति -पत्नी बिना बात झगड़ते हैं ,कभी कभी तो अलग होने की स्थिति
आ जाती है |कुछ लोग किसी की पत्नी -पति ,कन्या अथवा पुत्र पर वशीकरण करके भी अपने स्वार्थ सिद्ध करने का प्रयास करते हैं ,कुछ मामलों में यह सफल भी होता है और सम्बन्धित व्यक्ति क्रिया
करने वाले के चंगुल में फंस अपना घर -परिवार
भूलने लगता है |
अति गंभीर क्रियाये अक्सर इलाज के लिए बहुत परेशान करती हैं और इनका निदान सामान्य तांत्रिक तो क्या अच्छे -अच्छे तांत्रिक नहीं कर पाते यद्यपि प्रयोग
या ऐसी समस्या सामान्य तांत्रिक भी कर देता है किन्तु
निदान बहुत कठिन होता है |इनका निदान या तो श्मशान साधक कर पाता है या सम्बन्धित विषय का विशेषज्ञ तांत्रिक ,जिन्हें खोजना ही दुरूह होता है |इन क्रियाओं में किसी पर प्रेत लगा देना ,किसी को किसी वस्तु में मिलाकर किसी वस्तु में वचन बद्ध प्रेत खिला देना ,किसी पर मारण प्रयोग
करना जिसमे पिशाच की शक्ति का प्रयोग हो अथवा महाविद्याओं की शक्ति का प्रयोग
हो ,किसी पर तांत्रिक बाण अथवा मूठ छोड़ना ,पुतली विद्या
अथवा वुडू के प्रयोग से किसी को कष्ट देना अथवा किसी की जान लेना या किसी का कोई अंग खराब करना ,किसी के मृत्यु
अथवा विनाश के उद्देश्य से उसके सर पर तांत्रिक अभिमंत्रित वस्तु डाल देना ,किसी के शरीर के बाल ,कपडे अथवा अपशिष्ट से किसी को कष्ट देना या वशीकृत
करना या पागल कर देना ,|किसी बच्चे के साथ ऐसी शक्ति लगा देना की उसका शारीरिक विकास तो हो किन्तु मानसिक
विकास न हो पाए ताकि परिवार तो हमेशा परेशान रहे ही अंततः खानदान ही समाप्त हो जाये |किसी की मनःस्थिति बिगाड़ देना ताकि वह डिप्रेसन में चला जाए ,आत्महत्या कर ले या ऐसी गलतियाँ करे की दुर्घटना का शिकार हो जाए आदि -आदि हो सकते हैं |इन स्थितियों में व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का खुद पर से ,घर -परिवार पर से ,परिस्थितियों पर से नियंत्रण समाप्त हो जाता है और कोई भी नियंत्रण के प्रयास
असफल होते हैं |जितना ही बनाने की कोशिश करते हैं बिगड़ता ही जाता है |कुलदेवता स्थान छोड़ देते हैं अथवा उन तक पूजा नहीं पहंचती
|ईष्ट को पूजा नहीं मिलती |बड़े अनुष्ठान भी असफल होते हैं |पितरों की गति नहीं होती अपितु वह उस नकारात्मक शक्ति के अधीन हो जाते हैं |
जो नकारात्मक ऊर्जा या शक्तियाँ अपने आप या अन्य कारणों से लोगों को प्रभावित करती हैं वह तो अलग हैं पर उपरोक्त समस्याएं लोगों द्वारा उत्पन्न कराई जाती हैं जानबुझकर |यह प्रेरित क्रियाएं हैं जिनमे ऊर्जा या शक्ति का दुरुपयोग जानते समझते हुए किया जाता है जो या तो स्वार्थ वश होता है अथवा द्वेष वश |बहुत से लोग यह सब शुरू शुरू में नहीं मानते किन्तु जब स्थितियां गंभीर हो जाती हैं और अनेक उपायों पर भी समस्या समाप्त
नहीं होती तब उनकी आँख खुलती है |कुछ लोग जो इन समस्याओं को नहीं देखे होते हैं अथवा नहीं भुगते होते हैं अथवा जिनका भाग्य अच्छा चल रहा होता है वह नहीं मानते इन्हें कीन्तु
जो भुगतता
है वह समझ सकता है इन्हें |इन सब समस्याओं के निदान एक जैसे नहीं होते और इनका निदान अक्सर स्वयं किये जाने योग्य नहीं होता |इनके लिए योग्य जानकार अथवा अच्छे तांत्रिक की आवश्यकता होती है |हर समस्या का निदान अलग होता है जिसकी विशिष्ट पद्धति
होती है |हम यहाँ उपाय इसलिए नहीं दे पा रहे क्योंकि हर तांत्रिक की अपनी विधि ,अपनी शक्ति और अपनी सोच होती है |ऊपर से हर समस्या की विशेष विधि होने से यहाँ उन्हें नहीं लिखा जा सकता क्योंकि छोटी त्रुटी
और बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है |इतना अवश्य है की उपरोक्त सभी समस्याएं तंत्र से सम्बन्धित हैं और इनका निदान भी केवल तंत्र के ही माध्यम से हो सकता है |यह तकनिकी क्रियाएं हैं जिनमे सामान्य पूजा -पाठ ,सात्विक देवी -देवता की शक्ति से निदान मुश्किल होता है |इनमे एक नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति को हटाना होता है ,जो न तो सामान्य पूजा -पाठ से हटता है न ही सात्विक देवी -देवता इन्हें हटाते हैं |इन्हें
मात्र उग्र तांत्रिक शक्तियाँ ही हटा सकती हैं ,जिनकी प्रक्रिया में गलती होने पर कष्ट बढ़ सकते हैं इसलिए सार्वजनिक रूप से हम कोई उपाय नहीं दे रहे |..........................................................हर हर महादेव
Gurujii merapGurujii mera pet 18 sal se kharab reheta hai ab mai 33 sal ka hu . Man me achhe bure gande vichar ate rahete hai. Kha bhi depression bhi ata hai. Sharir dubla ho chuka hai suruvat me rat me daravane sapne ate the. Jab sapna ata tha to sharir me current lag gaya ho. Sapne me jab darta tha tab mai istdev ka nam leta tha tab sharir me current lagne jaisa hota tha. Aur nind nahi ati hai. Rat k 1ya 1.5 baje kabhi Kabhi neend khulthi hai. Kamvasna bhi bahot taklif deti hai.. Suruvat me mai jyada khane lag gaya tha samadhan hi nahi hota tha. Ubasi bahot ati hai . Neend kam aati hai aur aankho me pani bhi aata hai. Ek din bachpan me savere 3baje neend khul gayi aur mai toilet ko smashan kisi taraph gaya achanak muze dar lagne laga tab mere pav me patther laga aur mai gir gaya. Itni thand me muze pasina aa gaya mai ghar vapis a gaya. Tab muze bachapan me ghar me bhi dar lagta tha. Akele nahi sota tha. Bachpan me hamne galti se shart lagakar kali aak k paudhe par peshab kiya tha. Aur stri k jo mahavari k kapde hote hai na wo bhi hamne galti se hat me liye the. Bhachpan me hamare ghar k pass valmiki samaj kisi stri raheti thi usko hum chidhate the wo hampar gussa hoti thi. Phir bhi hame wo jalebi vagaira kuch khane ko deti thi. Jab ki hamare ghar vale mana karte the. Ab mai sharir se man se barbad ho chuka hu. Isi vajah se shiksha chhodni padi. Padhai se bahot pyar tha par man nahi lagta tha. Study karta tha to neend aur susti aati thi aur sota tha to neend nahi aati thi. Amavasya paurnima k pahele pet ki talif aur neend nahi ati hai. Har vakt sharir me jalan jaisa abhas hota hai khujli bhi ati hai. Vishestaha pet me janha dard hota hai vanha khujli ati hai. Aur vanha lal barik phunsiya aati hai. Pet me jaha dard hota hai vaha ka ang phadphadne lagta hai. Pith par baye kandhe k niche khujli jaisa hota hai. Muze samaz nahi aa raha Kya huwa hai kabhi lagta hai kisine kuchh khilaya hai. Khabhi lagta hai upari badha hai. Samaz nahi aa raha Kya kare. Alopathy kisi ayurveda kiya babaji ko mila kuch fayada nahi huwa. Kripya aap hi maargdarshan kare.
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