व्यापार /नौकरी बाधा ग्रस्त
हो तो क्या होता है ?
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हमने अपने पूर्व के लेखों में व्यक्ति ,परिवार ,लोगों को महसूस होने वाले विभिन्न प्रकार के उर्जाओं /शक्तियों के प्रभाव
के बारे में लिखा है |एक लेख में विभिन्न अनुभवों को समेटना मुश्किल है अतः हम इस क्रम को आगे बढाते हुए आज व्यवसाय /व्यापार और नौकरी क्षेत्र को प्रभावित करने वाली विभिन्न बाधाओं और उनके प्रभावों का अध्ययन करते हैं |यह क्या हो सकते हैं ,इनके लक्षण क्या है और इन्हें
कैसे सम्भाला जा सकता है |आप देखें इनमे कहीं आप भी तो नहीं ,जिससे आप अपनी समस्या
समझ सकें और उसका उपयुक्त निराकरण कर सकें |इस लेख में हम व्यवसाय /व्यापार /नौकरी पर प्रभाव डालने वाले कुछ कारकों पर चर्चा करते हुए देखते हैं की क्या हो सकता है जो आपको असफल बना रहा और क्यों उपाय कारगर नहीं हो रहे |
आपका व्यवसाय अचानक चलते चलते रुकने लगे ,अनावश्यक हानि होने लगे ,ग्राहक कम होने लगें या ग्राहक
तो आयें पर व्यवसाय न हो |अचानक से साझेदारों से अनबन हो जाए या साझेदार हट जाएँ |अचानक कर्ज देने वालों का दबाव आ जाए |आप कर्ज समय पर न चूका सकें |घर परिवार में इस तरह की उलझनें शुरू हो जाएँ की आप व्यवसाय पर पर्याप्त ध्यान न दे पायें |अचानक दुर्घटनाएं अथवा बीमारियों के प्रकोप
आने लगें |अचानक कर्मचारी काम छोड़ दें |समय पर आप डिलीवरी न दे पायें ,जबकि आपके पास सभी साधन पर्याप्त हैं |दूकान /व्यवसाय में उलझन बढ़ जाए |आपका मन अपने ही व्यवसाय /दूकान में न लगे |सामने वाला छोटा दुकानदार बढ़ता चला जाए जबकि आपकी स्थिति कमजोर होती चली जाए |टोने -टोटके आदि से सुधार के उपाय असफल हों |अचानक से चोरी हो जाए अथवा आग लग जाए |शाम को करीने से लगे सामान सुबह बिखरे मिलें |अचानक धोखा मिले |मार्केट में या व्यक्तियों के पास पैसे फंस जाएँ |पूँजी फंस जाए |अचानक से पूँजी डूबने की स्थिति बन जाए |,तो मान लीजिये की सबकुछ सामान्य नहीं है |कुछ तो है जो समस्या उत्पन्न कर रहा |कुछ ऐसा है जहाँ आकर उपाय भी ठीक से काम नहीं कर रहे |बजे उपाय करने के पहले इस कुछ को खोजना जरुरी है |
आपकी नौकरी ठीक ठाक चल रही है की अचानक छूट जाती है |बार बार नौकरी बदलनी पड़ती है और कुछ कुछ समय के अंतराल पर नौकरी ढूढनी पड़ती है |अच्छे खासे सरकारी
नौकरी में भी आप निलंबित हो जाते हैं ,आपको विवाद या मुकदमे का सामना करना पड़ता है |कभी कभी बिना गलती के बिना कारण के यह सब हो जाता है |कभी किसी और की गलती आपके सर आ जाती है |अचानक से आपके सह कर्मचारी आपसे दूरी बनाने लगते हैं अथवा आपका अधिकारी नाराज रहने लगता है |नौकरी में अचानक से उलझन शूरू हो जाती है और आपका मन नहीं लगता |आपके पास पर्याप्त क्षमता
है ,योग्यता है और आप पूरी मेहनत भी करते हैं पर आपको पर्याप्त परिणाम नहीं मिलते |अचानक से परिवार
/घर में ऐसी उलझने शुरू हो जाती हैं की आप अपनी नौकरी पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते और परेशानी उठाते हैं |पूरी मेहनत पर भी आपको अपमान सहना पड़ता है ,आपको आपके काम का श्रेय नहीं मिलता |आपके पास सारी योग्यता है ,क्षमता है पर आपको नौकरी नहीं मिल पा रही जबकि कम योग्यता और क्षमता
वाला बढ़ता जा रहा ,उसे नौकरी मिल भी जा रही और अच्छे पद पर भी चला जा रहा |यदि ऐसा कुछ आपके साथ है तो आपको मानना चाहिए की कोई न कोई कारक तो है जो बाधाएं
उत्पन्न कर रहा |आपको तुरंत किसी विद्वान् ज्योतिषी से भी सम्पर्क करना चाहिए और किसी अच्छे देवी साधक से भी संपर्क
करना चाहिए ,जिससे यह पता चल सके की आखिर यह हो क्यों रहा |
आप कोई प्रोजेक्ट शुरू करते हैं और आपके पास पर्याप्त साधन भी है शुरू करते समय ,पर आपका प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाता |बीच में अडचने आ जाती हैं |सहयोगी हट जाते हैं |अनावश्यक हानि अथवा खर्च होता है |कानूनी
दिक्कते आ जाती हैं |फायनेंस करने वाले ही हट जाते हैं |घर परिवार
में परेशानी /उपद्रव शुरू हो जाते हैं |स्वास्थ्य सम्बंधित दिक्कतें शुरू हो जाती हैं |आपकी पूँजी और मेहनत डूबने लगती है |आप दुकानदार हैं और काफी अच्छी स्थिति
में हैं की अचानक आपकी परेशानी शुरू हो जाती है |आपके आसपास कोई आपका विरोधी
अथवा कम्पीटीटर नहीं है फिर भी आपकी दुकानदारी ठप होने लगती है |आप चाहकर भी अपनी दूकान नहीं चला पा रहे |आपका व्यवसाय अच्छा खासा चल रहा की कर्मचारी ही भाग जाते हैं अथवा किसी एक कारण से आपका काम रुक जाता है |यदि ऐसा कुछ है तो आपको मानना चाहिए की अचानक से आप किसी बुरी ऊर्जा या शक्ति की चपेट में आ गए हैं जो या तो भेजा गया है या आपके किसी काम से वह आपसे रुष्ट हो आपको प्रभावित कर रहा है |आपको बेहतर तांत्रिक की मदद लेनी चाहिए |
आपने पूरी मेहनत से पढ़ाई की ,अच्छे अंक और ग्रेड/डिविजन भी मिले |आप प्रतियोगी परीक्षा भी पास कर सकते हैं पर आपको नौकरी नहीं मिल पा रही ,जबकि कम योग्यता ,क्षमता वाला नौकरी पा जा रहा |आप नौकरी के लिए पर्याप्त प्रयास भी नहीं कर पा रहे |कभी खुद की परेशानी आ जा रही तो कभी घर परिवार में परेशानी हो जा रही |आप आई ए एस की परीक्षा निकालने की क्षमता रखते हैं पर आपकी पारिवारिक स्थिति कुछ इस स्थिति में हो जाती है की आप नौकरी के लिए प्रयास
तक नहीं कर पाते |आपको जब कभी किसी के सहयोग की जरूरत होती है आपको सहयोग नहीं मिल पाता |जो सहयोग करने योग्य हैं वह सहयोग नहीं करते और जो चाहते हैं की सहयोग करें वह इस योग्य नहीं होते |कुलमिलाकर जब आपको सहयोग चाहिए मिल ही नहीं पाता |आपके घर परिवार की उलझने बढ़ जाती हैं जब कुछ बनना होता है ,वैसे स्थिति सामान्य दिखती है |आपकी कुंडली और ग्रह योग कहते हैं की आप बड़े अधिकारी बनोगे किन्तु आपको चपरासी
की भी नौकरी नहीं मिल पाती |अब ग्रह क्या करेंगे जब उनके प्रभावों को ही कोई शक्ति प्रभावित कर दे तो |ऐसा होता है |यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आपको किसी अच्छे जानकार से मदद लेनी चाहिए |यहाँ केवल आपके चाहने से कुछ नहीं होगा क्योंकि यह समस्या आपके घर परिवार से सम्बंधित है |आपके घर के मुखिया को अपने घर और परिवार का विश्लेषण किसी अच्छे जानकार से कराना चाहिए |इन स्थितियों के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं |
कभी -कभी ऐसा भी होता है की कोई कल तक बड़ा जमींदार था ,किन्तु
आज वह पैसों के लिए मोहताज है |कल तक बड़ा व्यवसाय चलता था पर आज व्यक्ति को खुद दुसरे के यहाँ नौकरी करनी पड़ रही |कभी -कभी ऐसा भी होता है की घर -परिवार में पैसों की कोई कमी नहीं है ,बहुत सम्पन्न और प्रभावशाली है व्यक्ति किन्तु फिर भी सुखी नहीं है |गम्भीर रोग हो रहे ,दुर्घटनाएं हो रही घर -परिवार में |लोग अपनी पूर्ण आयु नहीं जी पा रहे अथवा अपने पैसों का उपभोग खुद नहीं कर पा रहे |कभी -कभी ऐसा भी होता है की व्यक्ति के कुछ निर्णय उसके ऐसे विपरीत चले जाते हैं की अच्छा खासा व्यावसायिक साम्राज्य बिखर जाता है |कभी किसी के नजदीकी ही ऐसा धोखा दे देते हैं की वह कहीं का नहीं रहता |इन स्थितियों में बड़े -बड़े उपाय असफल हो जाते हैं |बड़े -बड़े तांत्रिक द्वारा किये गए और बड़े -बड़े ज्योतिषी द्वारा बताये गए उपाय काम नहीं करते |व्यक्ति लगातार
गिरता ही जाता है और कष्ट बढ़ता ही जाता है |यहाँ किसी अन्य व्यक्ति द्वारा
किया गया कोई उपाय कारगर नहीं होता ,क्योंकि जो कारक इनके लिए जिम्मेदार होते हैं वह दूसरों के मनाने से ,उपाय करने से प्रभावित नहीं होते |कुछ कारण तो पैत्रिक अथवा पिता -दादा की गलतियों से उत्पन्न हुए होते हैं जिनका दुस्परिणाम आज की पीढ़ी भुगतती है |यहाँ तो व्यक्ति को खुद ही खड़ा होना होता है और सारे उपाय खुद ही करने होते हैं |खुद कारकों
और कारणों
को संतुष्ट करना होता है ,उन्हें हटाना होता है |
उपरोक्त स्थितियों में से कुछ के कारण ग्रह हो सकते हैं |ग्रहीय स्थितियों में भी परिवर्तन व्यक्ति को गंभीरता से प्रभावित करता है किन्तु अचानक होने वाले परिवर्तनों के लिए कारण अक्सर भिन्न शक्तियाँ और उर्जायें हो सकती हैं |नौकरी में बाधा के लिए जिम्मेदार कई कारक जैसे कुलदेवता /कुलदेवी ,पित्र ,घर में उपस्थित ब्रह्म /प्रेत आदि भी हो सकते हैं जबकि समग्र परिवार की ग्रह स्थितियां भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं |किसी ने कुछ कर -करा दिया हो ऐसा भी हो सकता है |व्यापार /व्यवसाय के लिए नकारात्मक उर्जायें जम्मेदार होती हैं जो स्थान ,क्षेत्र से जुडी हो सकती हैं अथवा कोई भेज सकता है |घर /परिवार
या सम्बंधित मकान /दूकान से जुडी उर्जायें भी इसके कारण हो सकते हैं |इनके अतिरिक्त उपरोक्त सभी के लिए किसी द्वारा किया अभिचार
कारण हो सकता है ,ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन कारण हो सकता है ,किसी द्वारा
दिया गया श्राप /बद्दुआ कारण हो सकता है ,पारिवारिक दोष तो एक कारण हो ही सकता है |पिता -दादा अथवा पूर्वजों द्वारा किन्ही
गलत अथवा नकारात्मक शक्ति की पूजा किया जाना अथवा इनका घर में स्थान देना भी कारण होता है जो परिवार
तबाह कर देते हैं |
इन सबका निराकरण तब तक पूर्ण रूप से संभव नहीं हो सकता जब तक की इनका ज्योतिषीय और तंत्रिकीय दोनों तरह से पूर्ण विश्लेष्ण न किया जाए |इस हेतु दोनों प्रकार से विश्लेष्ण कराने के बाद एक उपयुक्त पद्धति पर लगातार काम करना चाहिए और बार बार अलग -अलग टोने /टोटके नहीं आजमाने चाहिए ,क्योंकि इनमे भी ऊर्जा होती है और कभी कभी आपस में ही टकराकर अन्य उपायों
को भी असफल कर देती है |ऊपर लिखे गए कारणों में कुछ इतने गंभीर होते हैं की वहां महामृत्युंजय ,शतचंडी ,रुद्राभिषेक तक काम नहीं करते छोटे -मोटे पूजा -पाठ -अनुष्ठान की तो बात ही क्या |यहाँ महत्त्व इस बात से नहीं होता की आप कितना बड़ा उपाय या पूजा करा रहे ,अपितु महत्त्व इस बात का होता है की आप किस कारण की किस शक्ति के लिए कितनी उपयुक्त ऊर्जा लगा रहे हैं |कौन लगा रहा ,कारण किससे उत्पन्न हुआ है |जहाँ सुई की जरूरत हो वहां तलवार काम नहीं करती |जहाँ रोग मलेरिया का हो वहां कैंसर की दवा काम नहीं करती |अक्सर लोग चाहते हैं की कोई उनकी समस्या
हल कर दे ,इससे भी समस्या
हल नहीं होती |बहुत सी समस्याएं ऐसी होती हैं जो खुद से जुडी होती हैं अतः खुद करनी होती हैं |कुलदेवता ,पित्र ,घर में पूर्वज
द्वारा पूजी गयी शक्ति ,किसी द्वारा
दिया गया श्राप ,पारिवारिक ब्रह्म ,रुष्ट ईष्ट को कोई भी बाहरी व्यक्ति ,तांत्रिक या ज्योतिषी ,पंडित नहीं मना सकता |अधिकतम यह उनका आह्वान कर सकते हैं ,बुला सकते हैं किन्तु खुद संतुष्ट नहीं कर सकते |अंततः व्यक्ति को ही यह सब करना होता है,अतः बेहतर यही होता है की व्यक्ति खुद ही प्रयास करे ,तभी सभी समस्याओं से ,बाधाओं से मुक्त हो सकता है | ..........................................................हर -हर महादेव
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