बाधा -दोष -अभिचार से घर की सुरक्षा सबसे आवश्यक
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90 प्रतिशत लोग चाहे वह किसी भी जाति -सम्प्रदाय के हों ,किसी भी धर्म के हो बहुत पूजा -आराधना ,ईष्ट भक्ति के बावजूद विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभावों ,शक्तियों से पीड़ित होते ही हैं ,कोई कुछ कम कोई कुछ ज्यादा ,तथा इन्हें इनके भाग्य के अनुसार जो की इनकी ग्रह स्थितियां या कुंडली कहती है नहीं मिलता |शुभ फल कम और अशुभ फल में वृद्धि दिखती ही है |समय क्रम में विभिन्न अव्यवस्थाओं और जीवन चर्या में बदलाव के साथ नकारात्मक प्रभावों में वृद्धि भी हुई है और लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन आये हैं जिससे लोग भी लोगों को कष्ट दे रहे हैं |नकारात्मक प्रभावों में ग्रह दोष ,वास्तु दोष ,स्थान दोष ,स्थानीय शक्तियों की विपरीतता से दोष ,कुलदेवता /देवी दोष ,पित्र दोष ,क्षेत्रपाल दोष ,श्मशान दोष ,भूत -प्रेत -ब्रह्म -जिन्न -खबीस -पिशाच जैसे वायव्य बाधाओं के दोष ,ईष्ट अप्रसन्नता से उत्पन्न दोष ,किये -कराये का दोष ,तांत्रिक अभिचार का दोष आदि आते हैं |कोई भी स्थान /क्षेत्र इनसे पूरी तरह मुक्त हो ऐसा सम्भव नहीं |सभी लोग इनमे सभी से मुक्त रहें ऐसा भी सम्भव नहीं |जब बहुत अच्छी ग्रह स्थितियां हो ,भाग्य साथ दे रहा हो इनका प्रभाव कम समझ आता है या यूँ कहें व्यक्ति ध्यान नहीं देता |जब समय संतुलन बिगड़ता है तो इनका प्रभाव स्पष्ट दिखता है |
ग्रह दोष ,वास्तु दोष घर और व्यक्ति से जुड़े होते हैं और इनसे बचाव तो घर के अन्दर और इनके लिए किये उपायों से ही होगा किन्तु यदि ,स्थान दोष अर्थात जमीन के नीचे दोष है ,कोई स्थानीय शक्ति विपरीत हो गयी है ,कुलदेवता /देवी का पता नहीं है ,उनकी पूजा नहीं हो रही ,वह रुष्ट या असंतुष्ट हैं ,पित्र दोष है ,क्षेत्रपाल दोष है तो आपके घर में नकारात्मक शक्तियां और उर्जायें आएँगी ही आएँगी |स्थान दोष की नकारात्मक शक्ति उस स्थान पर रहने वाले सभी लोगों को किसी न किसी रूप में प्रभावित करती ही है साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को क्षीण कर बाहरी नकारात्मक प्रभावों के आवागमन में भी सहायक होती है |यदि कुलदेवता /देवी सुराषा नहीं कर रहे तो कोई भी ऊर्जा बेरोकटोक घर -मकान में प्रवेश कर जाती है |पित्र दोष में अपने पितरों से अधिक वह शक्तियां परेशान करती हैं जो पितरों के साथ जुड़ जाती हैं मित्रवत |उन्हें आपके परिवार से लगाव नहीं होता और वह मात्र अपनी अतृप्त इच्छाओं की पूर्ती करती हैं |पित्र उन्हें नहीं रोकते क्योंकि वह तो पहले से ही आपसे रुष्ट हैं तभी तो पित्र दोष बन रहा |यदि किसी कारणवश आपके द्वारा पूजित ईष्ट रुष्ट हो गए ,आपसे कोई गलती हो गयी तो उनका कोप भी नकारात्मक ऊर्जा के रूप में आपको कष्ट देगा |यह तो सामान्य नकारात्मक प्रभाव हैं जो अक्सर देखने में आता है |
अब कुछ अन्य नकारात्मक प्रभावों की चर्चा |आप बहुत सुन्दर हैं तो कोई आत्मा आपकी ओर आकृष्ट हो सकती है |आप परफ्यूम -सेंट का प्रयोग कर रात या दोपहर में बाहर गए तो कोई शक्ति आपकी ओर आकृष्ट हो सकती है |आपकी किसी से दुश्मनी हो गयी या कोई आपसे ईर्ष्या -जलन रखता है तथा वह सामने नहीं आना चाहता या वह कमजोर है तो वह तांत्रिक अभिचार या टोना -टोटका कर सकता है या करवा सकता है |आपकी उन्नति रोकने के लिए ,आपके बच्चों की वृद्धि रोकने के लिए ,आपके परिवार या पति -पत्नी में कलह करवाने के लिए ,आपका अहित करने के लिए ,आपके व्यवसाय हानि के लिए ,आपको कमजोर और अव्यवस्थित करने के लिए ,अपनों को आपके विरुद्ध करने के लिए ,आपको या आपके परिवारीजन को वशीकृत कर अपने प्रभाव में लेने के लिए ,आपको रोग -शोक -पीड़ा देने के लिए ,आपका घर -मकान छुडाने या हड़पने के लिए अभिचार या टोना -टोटका हो सकता है |कभी -कभी कोई आत्मा भी आपसे जुड़ कर या रुष्ट -क्रोधित होकर घर में आ सकती है या उसे आपके घर में भेजा जा सकता है |यह सभी नकारात्मक उर्जायें हैं और सुरक्षा व्यवस्था न होने पर यह आपको कष्ट देते ही हैं |हो सकता है आप आर्थिक रूप से न परेशान हों तो स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा ,चोट -दुर्घटनाएं -बीमारियाँ हो सकती है |यह नहीं हो अनावश्यक खर्च या हानि हो सकती है |व्यवसाय प्रभावित हो सकता है |परिवार अस्तव्यस्त हो सकता है |मतलब कोई न कोई कमी उत्पन्न हो सकती है और मानसिक तनाव -चिंता होगी |
इन स्थितियों में आप कुंडली लेकर ज्योतिषी के यहाँ घुमते हैं ,तांत्रिक -पंडित के पास जाते हैं ,पित्र दोष -ग्रह दोष की पूजा कराते हैं ,जप -हवन कराते हैं ,पूजा -पाठ खुद करते हैं ,यन्त्र -ताबीज धारण करते हैं |कभी लाभ होता है कभी नहीं ,कभी कुछ लाभ होता है और कभी केवल कुछ दिन |अक्सर आपका ध्यान अपनी ,परिवार के लोगों की और घर की सुरक्षा की ओर नहीं जाता ,कि ऐसा क्या किया जाए की नकारात्मक शक्तियां ,उर्जायें घर में प्रवेश न करें |आप अक्सर नवीन गृह निर्माण की वास्तु पूजा जैसी पद्धति अपनाकर ,कुछ चीजें जमीं में दबा ,पूजा करवा संतुष्ट हो सोचते हैं सुरक्षा भी हो गयी ,पर ऐसा नहीं होता |यह सुरक्षा नहीं करते |सुरक्षा के लिए घर को बांधा जाता है ,जो की एक विशेष तांत्रिक प्रक्रिया है और इसमें कील मारने से लेकर विभिन्न पद्धतियाँ अपनाई जाती हैं ,जिसकी जैसी क्षमता और ज्ञान हो |पुराने समय में अक्सर लोग मकान के चारो तरफ और मुख्य दरवाजे पर कीले लगवाते थे जो अभिमंत्रित किये होते थे ,यह सुरक्षात्मक उपाय ही थे | पूजा -पाठ ,यज्ञ -हवन तो उनके यहाँ होते ही थे फिर भी वह यह करते थे क्योंकि वह जानते थे की जो उर्जाये /शक्तियां हानि दे सकती हैं उनसे सुरक्षा यही तरीका दे सकता है |आज आप सोचें की हम इतना पूजा -पाठ कर रहे ,अमुक देवता को पूज रहे ,अमुक अमुक तीर्थ -मंदिर जा रहे ,हमें कुछ नहीं हो सकता और हमारे घर में कुछ नहीं आ सकता तो यह मात्र आपका भ्रम है |यह सब सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा तो देंगे पर स्थायी रूप से सुरक्षा नहीं देते |कोई बहुत शक्तिशाली होने पर भी सुरक्षा गार्ड रखता है क्योंकि जो काम सुरक्षा गार्ड का है वह काम दूसरा कोई नहीं कर सकता |
नकारात्मक शक्तियों /उर्जाओं से घर को बचाने और और घर में सुरक्षित निरापद रहने के लिए घर की सुरक्षा बनानी ही पड़ती है और घर को बंधवा देना इसका सबसे बेहतर विकल्प है |मैनें [पंडित जितेन्द्र मिश्र ] व्यक्तिगत सुरक्षा और नकारात्मक उर्जाओं पर अनेक लेख अपने तीनो ब्लॉग -Spiritual Solutions ,Tantra Marg और Tantra and Kundalini पर लिखे हैं |आज घर की सुरक्षा और घर बाँधने पर तरीके सुझा रहा |घर बाँधने की अनेक तकनीक तंत्र के विभिन्न मार्गों में उपलब्ध हैं किन्तु यह सभी तरीके तंत्र के ही अंतर्गत आते हैं क्योंकि शक्ति को किसी वस्तु से संयुक्त कर स्थापित करना तंत्र के अंतर्गत आता है |इसमें अक्सर हम देखते हैं की गाँव -मुहल्ले के छोटे ओझा -गुनी अथवा ग्रामीण मन्त्रों के साधकों का सहयोग लिया जाता है किन्तु यह बहुत स्थायी व्यवस्था नहीं क्योंकि यह मंत्र की अक्सर हर साल जगाने वाले होते हैं तो इनके प्रभाव वर्षों वर्ष कैसे स्थायी हो सकते हैं |इस तकनीक में सर्वाधिक प्रभावी काली का तंत्र साधक होता है जो मूल मंत्र से साधना करता हो ,क्योंकि स्थिर और स्थायी सम्पत्ति काली के अंतर्गत आती है और घर एक स्थायी सम्पत्ति है |कुछ अन्य तांत्रिक और साधक भी विभिन्न तकनीक से यह क्रिया करते हैं और अपनी पद्धति अनुसार घर बांधते हैं किन्तु सर्वाधिक प्रभावी उपाय काली साधक का ही होता है |यही तकनीक पहले के समय में लोग धन को जमीन में दबाते [रखते ]समय अपनाते थे |जिससे हजारों वर्षों तक उस स्थान की सुरक्षा कोई शक्ति करती रहती थी |इनके साथ किसी शक्ति को वचनबद्ध कर संयुक्त कर दिया जाता था |आज भी कभी कभी धन के साथ ऐसी शक्तियाँ संयुक्त होती हैं जिन्हें विशेष तकनीक से ही हटाना होता है और बेहद सक्षम व्यक्ति की आवश्यकता होती है |
घर बाँधने की तकनीक में मूल और पुरानी पद्धति कील मारना [गाड़ना ]रहा है जिसमे घर के चारो कोनों और मुख्य दरवाजे पर विशेष मन्त्रों से अभिमंत्रित और धुपित कीले विशेष मुहूर्त में गाडी जाती हैं |कुछ अन्य पद्धतियों में विशेष वृक्ष की जड़ या संयुक्त जड़ें अभिमंत्रित कर लगाईं जाती हैं अथवा कहीं हवन भष्म का प्रयोग किया जाता है |कहीं कहीं इस कार्य के लिए विशेष यंत्रों और धातुओं का भी प्रयोग किया जाता है |कही धूल शाबर मन्त्रों से अभिमंत्रित की जाती है |कहीं गंगा जल और सामान्य मंत्र उपयोग किये जाते हैं |हम इसके लिए कील के साथ एक विशेष पुडिया का प्रयोग करते हैं जिसमे हम काली के मन्त्रों से प्राण प्रतिष्ठित -अभिमंत्रित विभिन्न जड़ी -बूटियाँ ,हवन भष्म और सुरक्षा प्रदान करने वाले विशेष दुर्लभ तांत्रिक पदार्थ रखते हैं |इन्हें विशेष तरीके से घर में लगवाने पर यह बाहर की नकारात्मक शक्ति या ऊर्जा को घर में प्रवेश नहीं करने देते |गाड़ने ,दबाने आदि के लिए तांत्रिक को उस घर में जाना होता है जबकि आज के समय में एक तो इस विषय का अच्छा साधक मिलना कठिन है दुसरे सामान्यजन तंत्र साधक से बचना चाहता है इसलिए ही हमने यह तकनीक अपनाई की व्यक्ति को यह सामान भेज दिया जाय और तरीका -मुहूर्त -समय बताकर खुद उससे ही लगवा दिया जाय |जिन्हें अच्छा साधक आसपास मिले वह खुद
उसे घर ले जाकर कील आदि उसकी पद्धति के अनुसार करवा ले यह अच्छा होता है घर की
सुरक्षा के लिए |इस पद्धति से बाहर से भेजी जा रही या साथ अचानक लगी कोई ऊर्जा घर में नहीं जा पाती |उस घेरे में आने वाले क्षेत्र में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव क्षींण होता है |
यदि आपके कुंडली में अथवा घर में पित्र दोष ,प्रेत दोष ,ब्रह्म दोष है ,यदि आपके कुलदेवता /देवी की पूजा नहीं हो रही या कुलदेवता /देवी रुष्ट /असंतुष्ट हैं या आपको कुलदेवता /देवी का पता नहीं है ,यदि आपका कोई शत्रु टोना -टोटका या तांत्रिक अभिचार कर रहा हो ,यदि आपो लगता हो कि कोई आपके व्यवसाय पर कोई क्रिया कर सकता है ,यदि आपको लगता हो कि कोई अपना नजदीकी आपका अहित चाहता हो ,यदि आपको लगता हो कि रास्ते की कोई बाधा आपके साथ लग सकती है ,यदि आपको लगता हो कि आपके पति -पत्नी अथवा बच्चे पर कोई क्रिया कर सकता है ,यदि आपके घर में कोई ब्रह्म -सती -पीर -मजार -वीर -साई पूजने की परंपरा हो या आप पूजते हों ,यदि आपने ऐसे स्थान पर मकान बनाया हो जहाँ पहले कब्रिस्तान -श्मशान -तालाब -कुंआं आदि था ,यदि आप ऐसे मकान /घर में रहते हैं जहाँ पहले अनेक अकाल मौतें हो चुकी हो तो आपको अपने घर की सुरक्षा अवश्य करनी चाहिए और अपना घर बांध कर रखना चाहिए |समस्या उत्पन्न हो इससे पहले सुरक्षा रखना बेहतर विकल्प होता है बजाय इसके की समस्या हो जाए तब यहाँ वहां भागे और उपाय खोजे |अंततः बाद में फिर यही करना ही होता है |कुछ लोग जो भुक्तभोगी नहीं उन्हें यह विषय समझ नहीं आएगा किन्तु जो भुगत रहा या भुगत चूका वह इसे अच्छी तरह समझेगा |........................................................हर हर महादेव
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