चेहरा बताता है -आपकी समस्या का कारण क्या है ?
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चेहरा पढना एक सामुद्रिक तकनीक है जिसे विशेष रूप से एक अलग विद्या के रूप में फेस रीडिंग
का नाम ही दे दिया गया है किन्तु
बहुत ही कम लोग ,यहाँ तक की फेस रीडर भी यह कम ही जानते हैं की चेहरे से ही आभामंडल [औरा ] की स्थिति
तथा नकारात्मक ऊर्जा -सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी पकड़ा जाता है |बहुत ही कम लोग यह जानते हैं की किसी भी नकारात्मक शक्ति ,धनात्मक -ऋणात्मक शक्ति ,भूत -प्रेत ,सकारात्मक शक्ति अथवा देवी -देवता का प्रभाव
भी इसी चेहरे से पकड में आ जाता है |फेस रीडिंग से गुण -प्रभाव -स्वभाव -शक्ति -क्षमता -अच्छाई -बुराई का आकलन होता है किन्तु
यदि फेस रीडर वैदिक ज्योतिष भी जानता हो तो वह यह भी चेहरा देखकर ही जान जाता है की व्यक्ति पर किस किस ग्रह का प्रभाव है |कौन सा ग्रह बुरा प्रभाव
दे रहा और कौन सा ग्रह अच्छा प्रभाव
दे रहा |किस ग्रह का सर्वाधिक प्रभाव व्यक्ति पर है और किस ग्रह का प्रभाव दबा हुआ है |कौन सा ग्रह व्यक्ति का गुण -अवगुण -स्वभाव -सोच बना रहा और किसकी कमी है अथवा किसमे परिवर्तन से बदलाव आ जाएगा |व्यक्ति का चेहरा और हावभाव
उसके बारे में ५० प्रतिशत जानकारी बिना कुंडली खोले ही ऐसे जानकार के सामने खुल जाते हैं |
जब कोई कुंडलिनी अथवा महाविद्या साधक इस विद्या का प्रयोग
चेहरा देखकर करता है तो वह गुण ,स्वभाव ,अच्छाई ,बुराई ,कमी ,दोष ,चारित्रिक विशेषता ,क्षमता ,सोच ,संस्कार ,के साथ ही व्यक्ति का आभामंडल [औरा], चक्रों की स्थिति ,चक्रों की क्रिया
शीलता ,ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रभाव ,कमियाँ जान जाता है तथा यह पकड लेता है की व्यक्ति की शारीरिक स्थिति क्या है ,उसे कौन रोग या समस्या हो सकती है |कौन से अंग सबल और कौन से अंग निर्बल हो सकते हैं |क्या कष्ट शारीरिक रूप से उसको हो सकते हैं और उसकी मानसिक स्थिति क्या हो सकती है |महाविद्या साधक कई कदम भौतिक आवश्यकताओं की दृष्टि
से आगे होता है चूंकि वह शक्ति साधना करता है और उसका उपयोग शारीरिक -भौतिक जीवन में होता है |यह मात्र चेहरा देखकर उपरोक्त स्थितियां तो जान ही जाता है इससे कई कदम आगे का भी जान जाता है जैसे किस तरह की सतही ऊर्जा का व्यक्ति पर प्रभाव
है |कुलदेवता /देवी की क्या स्थिति है और उनका कैसा प्रभाव है |पितरों की क्या स्थिति है ,कैसे मृत्यु उनकी हुई है और वह तृप्त हैं या अतृप्त |क्या चाहते हैं और कैसा प्रभाव
दे रहे हैं परिवार पर |किसको पीड़ित कर रहे -किसको सहायता दे रहे |किसकी क्षति कर रहे -किसकी उन्नति में सहायक हो रहे |ईष्ट देवता जिसकी व्यक्ति रोज पूजा कर रहा उनकी क्या स्थिति
है |पूजा का फल मिल रहा या पूजा व्यर्थ
जा रही |
महाविद्या साधक यह भी देख लेता है कि ईष्ट देवता कुछ देख रहे -सुन रहे या नहीं |उनकी कृपा मिल रही या नहीं अथवा व्यक्ति पूजा करके मात्र खुद को सांत्वना ही दे रहा |इसके साथ ही चेहरे से ही महाविद्या साधक यह भी पकड लेता है की व्यक्ति को कौन सी अथवा कैसी बुरी शक्ति या अच्छी शक्ति प्रभावित कर रही ,|कोई भूत -प्रेत प्रभावित कर रहा या कोई देवी -देवता | वह आया कहाँ से और वह चाहता क्या है ?किसी ने किसी शक्ति को भेजा है या अपने से साथ लग गया है |साथ आया या पीड़ित कर रहा तो क्यों ,कहाँ से आया और कैसे लगा |किसी ने कोई अभिचार -टोना -टोटका किया है या खिलाया -पिलाया है कुछ |अगर कुछ किया गया है तो उसमे कितनी शक्ति है या किस विद्या का प्रयोग
हुआ है |करने का उद्देश्य क्या है |कौन अहित चाहता है और कौन हित चाहता है |कौन शक्ति परेशान कर रही और कौन बचाने का प्रयास
कर रही |चेहरे मात्र से किसी भी नकारात्मक अथवा सकारात्मक शक्ति का प्रभाव समझ आ जाता है है चाहे वह शक्ति जमीन के अंदर दबी किसी शक्ति की ऊर्जा हो या मकान में -घर में उपस्थित कोई शक्ति हो |
हम जो कुछ भी लिख रहे या बता रहे यह किसी शास्त्र में नहीं मिलेगा ,किसी किताब में नहीं मिलेगा क्योंकि यह हमारा व्यक्तिगत अनुभव है जिसे हम रोज प्रयोग में लाते हैं लोगों की समस्याओं को पढने के लिए |फेस रीडिंग
-वैदिक ज्योतिष से होती हुई हमारी यात्रा महाविद्या साधना और कुंडलिनी तंत्र साधना तक पहुँचने पर हमें कैसा अनुभव होता है और क्या मिलता है या क्या जान पाते हैं हम चेहरा देखकर यह अनुभव हम लिख रहे जिससे हमारे शिष्यों -परिचितों और सामान्य जन को लाभ तथा साधना क्षेत्र में बढने और अनुभव करने की प्रेरणा मिल सके |कुछ महाज्ञानी इस पोस्ट को भी कापी कर अपने नाम से पोस्ट करेंगे ही विभिन्न माध्यमों पर जैसा हमेशा से करते हैं किन्तु
फिर भी जनकल्याण के लिए हम लिखते ही रहे हैं और इसे भी लिख रहे |
कुंडलिनी तंत्र और महाविद्या साधना में एक स्थिति तक पहुँचने पर कुंडलिनी की दिव्य दृष्टि और महाविद्या के ईष्ट की शक्ति के संयोग से एक ऐसी क्षमता विकसित
होती है की व्यक्ति यदि गंभीरता से देखना चाहे तो कौन व्यक्ति कहाँ है और क्या कर रहा है यह तक देख लेता है |यहाँ तक दीखता है की किसने क्या पहना है और कौन सा कार्य कर रहा |यह सब कोई शक्ति साधक को बताती नहीं अपितु उसे खुद दीखता है चलचित्र सा आँख बंद करने पर |चित्र अलग हो सकते हैं जिनका अनुमान
लगाना हो सकता है किन्तु
घटनाएं वैसी ही होती हैं जैसा दिखता है |यह साधक के अनुभव पर निर्भर करता है की वह किस चित्र का क्या विश्लेषण कर पाता है |चेहरा देखकर तो वह व्यक्ति के जीवन की उन घटनाओं
को देख लेता है जिस पर वह एकाग्र
होता है फिर वह चाहे भूत काल की घटना हो अथवा भविष्य की घटना |यहाँ उसकी शक्ति उसके मन में दृश्य और बातें उत्पन्न करती है जिसे उसे अनुभव आधार पर व्यक्त
करना होता है |इस क्षेत्र की क्षमता असीमित है किन्तु हम उतना ही लिख रहे जितना सामान्यजन की भौतिक आवश्यकताओं से सम्बन्धित है |
किसी की समस्या
कोई भी हो उसका चेहरा उसे व्यक्त करता है |हाव -भाव ,तनाव ,लकीरें , आभामंडल [औरा] ,चेहरे का तेज ,नकारात्मकता अथवा सकारात्मकता का प्रभाव
,चेहरे की बनावट ,रंग ,आकार -आकृति ,झुकाव ,आँखें ,नाक आदि सब कुछ बयाँ कर देते हैं |क्या चल रहा जीवन में ,शारीरिक अवस्था
क्या है ,क्या होने वाला है ,कैसी वैचारिक स्थिति है ,आज के चेहरे के पीछे के कारक क्या हैं सबकुछ पकड में आता है जब कोई वास्तविक चेहरा पढने वाला हो तो |उससे आप झूठ नहीं बोल सकते ,बोलेंगे तो गलत ही होगा क्योंकि वह सबकुछ देख सकता है |आपकी समस्याएं भी उसे दिखती हैं और हल भी उसे समझ आता है मात्र आपका चेहरा देखकर |वह बोले भले कुछ नहीं पर जानता सबकुछ है |किसी का भी चेहरा उसके बारे में सच्चाई की चुगली कर देता है |किसी समस्या से पीड़ित होने पर ऐसे लोगों से परामर्श करना सबसे बेहतर होता है जो यह सब देख सकें |इन्हें लोगों में रूचि इसलिए समाप्त होती जाती है क्योंकि यह चेहरा पढ़ते पढ़ते उब जाते हैं और खुद में भी रहना चाहते हैं |ऐसे लोग अपने आप नहीं मिलते ,इन्हें
खोजना पड़ता है |कुछ छुद्र विद्याओं के जानकार
इसका लाभ भी उठाते हैं और छोटी शक्तियों के सहारे भूतकाल की बात बता लोगों को भविष्य का झूठा सच बता अपना उल्लू सीधा करते हैं जबकि वास्तविक जानकार प्रदर्शन से दूर रहता है और जल्दी किसी को कुछ बताता ही नहीं है |
चेहरा देखकर किसी की समस्या पकड़ना और अनुकूल उपाय करना एक उच्च स्तरीय आध्यात्मिक तकनिकी
दक्षता का कार्य है जहाँ कई क्षेत्रों की जानकारी और अनुभव होनी चाहिए |बेहद उच्च स्तर पर कुंडलिनी अथवा महाविद्या सिद्ध को किसी फेस रीडिंग
और ज्योतिष की जरूरत नहीं होती ,उन्हें सब कुछ दिख जाता है किन्तु इनका सांसारिक जीवन से इस अवस्था में आने पर सम्बन्ध ही समाप्त
हो जाता है अथवा यह कहें की इनकी रूचि और आवश्यकता ही समाप्त
हो जाती है जिससे ऐसे लोगों का लाभ सामान्य लोगों को नहीं मिलता |जिनका लाभ मिल सकता है वह मध्यम स्तर पर होते हैं जहाँ दोनों की कुछ आवश्यकताएं होती हैं और दोनों को लाभ मिलता है | फेस रीडर के उपाय आचार संहिता
और सावधानी से जुड़े होते हैं |ज्योतिषी के उपाय ग्रहों से सम्बन्धित होते हैं किन्तु कुंडलिनी साधक और महाविद्या साधक के उपाय उर्जाओं और शक्तियों से जुड़े होते हैं |किसी एक क्षेत्र का साधक अपने क्षेत्र का उपाय बतायेगा किन्तु
पूर्ण आकलन के लिए उन सभी उर्जाओं और शक्तियों की पकड होनी चाहिए जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं |यदि समस्या किसी अभिचार या नकारात्मक शक्ति की हुई तो ज्योतिष के उपाय काम नहीं करते और यदि समस्या
ग्रहों की हुई तो तांत्रिक के उपाय काम नहीं करते जबकि यह सभी एक ही व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं |इन स्थितियों में एक कुंडलिनी और उच्च महाविद्या साधक सक्षम व्यक्ति होता है समस्या पकड़ने और उपाय बताने में |यदि उसे ज्योतिष और फेस रीडिंग भी समझ आती है तो सोने में सुहागा
हो जाता है |
हम पूर्ण कालिक कुंडलिनी और महाविद्या साधकों से कहना चाहेंगे की वह थोड़ी ज्योतिष भी पढ़ें ,थोडा फेस रीडिंग भी पढ़ें और फिर इन सबको मिलाकर
अपने साधना के अनुभवों के सम्मिश्रण से लोगों का तार्किक विश्लेषण करें |हम फेस रीडरों और ज्योतिषियों से कहना चाहेंगे की वह थोड़ी कुंडलिनी और महाविद्या साधना भी करें और आतंरिक
ऊर्जा सबल कर अपने ज्ञान का उससे संयोजन
कर अनुभव क्षेत्र में उतरें |अनुभव को वरीयता दें और किसी की सुनें नहीं |चेहरे को ध्यान से देख अनुभव करें और ध्यान लगा ध्यान और ईष्ट की शक्ति से उभर रहे चित्र की अनुभूति करें ,तुलनात्मक अध्ययन
करें |परिणाम देखें और समझें |हमारा विश्वास है आपको कुछ ही समय में वह दिखने लगेगा जो आप देखना चाहते हैं ,जिस विषय पर आप जानना चाहते हैं |आपको चार क्षेत्र की जानकारी होगी और आपके उपाय बेहतरीन कारगर होंगे |मूल समस्या को आप पकड पायेंगे और निदान कर सकेंगे
|आपको किसी छुद्र शक्ति की साधना की आवश्यकता नहीं आप खुद वह सब जान पायेंगे जो कोई शक्ति आपको बताती है |उससे भी आगे सबकुछ आपको चलचित्र सा दिखेगा
भी |आप अपनी मुक्ति मार्गीय साधना पर चलते हुए भी लोगों का भला भी कर पायेंगे और अपनी भी भौतिक आवश्यकताएं -जिम्मेदारियां पूर्ण कर पायेंगे जिससे आपका भी भरण पोषण हो सके और साधना में भी व्यवधान न हो |..[ Pt.Jitendra Mishra
]..................................................हर हर महादेव
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