कान के रोग दूर करे -शून्य मुद्रा
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अंगूठे से दूसरी अंगुली(मध्यमा,सबसे लम्बी वालीअंगुली) को मोड़कर अंगूठे केमूल भाग (जड़ में) स्पर्श करेंऔर अंगूठे को मोड़करमध्यमा के ऊपर से ऐसेदबायें कि मध्यमा उंगली कानिरंतर स्पर्श अंगूठे के मूल भाग से बना रहे..बाकी की तीनो अँगुलियों को अपनी सीध में रखें.इसतरह से जो मुद्रा बनती है उसे शून्य मुद्रा कहते हैं |
यदि किसी कारणवश शरीर में आकाश तत्व बढ़ गया हो तो इस मुद्रा के प्रभाव से घटकर संतुलित हो जाता है |सामान्यतः इसे रोग शांत हो जाने तक करना चाहिए |इस मुद्रा के अभ्यास से बहरे व्यक्ति के अतिरिक्त गूंगे भी लाभान्वित हो सकते हैं |जन्म से बहरे या गूंगे होने पर इस मुद्रा प्रभाव नहीं होता | इस मुद्रा के निरंतर अभ्यास से कान बहना, बहरापन, कान में दर्द इत्यादि कानके विभिन्न रोगों से मुक्ति संभव है.यदि कान में दर्द उठे और इस मुद्रा को प्रयुक्त किया जाय तोपांच सात मिनट के मध्य ही लाभ अनुभूत होने लगता है.इसके निरंतर अभ्यास से कान के पुरानेरोग भी पूर्णतः ठीक हो जाते हैं | इसकी अनुपूरक मुद्रा आकाश मुद्रा है |इस मुद्रा के साथ साथ यदिआकाश मुद्रा का प्रयोग भी किया जाय तो व्यापक लाभ मिलता है |शून्य मुद्रा से कान के सब प्रकार के रोग दूर होकर शब्द साफ़ सुनाई देता है |मसूड़े की पकड़ मजबूत होती है तथा गले के रोग एवं थायराइड रोग में फायदा होता है |
Shunya Mudra: This mudra is known as the “seal of
patience”. This mudra is associated with Saturn and related to discipline.
By bringing the middle finger and thumb together at the tips,
you will experience patience, determination, and courage.
This helps those with impaired hearing. If there is no
physical defect, the mudra, if practiced regularly, can restore the hearing
power. Remarkably, it helps in getting rid of earaches within minutes. It takes
no mare than 2 to 3 minutes to get rid of most earaches.
It helps in relieving the nausea and vomiting sensations felt
while driving on winding hilly curves or while taking off or landing in
aircrafts. It helps in many problems of vertigo.
The mudra should not be continued after
the problem has been
removed............................................................हर-हर महादेव
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