मातंगिनी मुद्रा
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यह मुद्रा जल में कंठ पर्यन्त खड़े होकर की जाती है| इसमें नासिका से जल खींचकर मुख-द्वार सेबाहर निकाल दिया जाता है| यह क्रिया बार-बार दोहराई जाती है| इस प्रकार विपरीत क्रम से बार- बारअभ्यास करें| इस मुद्रा के अभ्यास से शरीर में बल की वृद्धि होती है, वृद्धावस्था का आगमन रूक जाताहै और मृत्यु का भी भय नहीं रहता| कुण्डलिनी जाग्रत करने में इसका सहयोग विशेषकर मिलता है|
Draw water through the nostrils but throw it out through the
mouth. While throwing th ewater through the mouth, give the mouth a tube like
shape and let the water gush forth forcible.
Benefits : Matangini mudra tones the
optical nerves and the brain. It removes headache, prevents cold, adds lustre
to the face and leads to peace of
mind.................................................हर-हर महादेव
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