अग्नि मुद्रा
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विधि: अग्नि मुद्रा बहुत ही आसान मुद्रा है। इसे बनाने के लिए अंगूठों के आगे के भाग (अग्र भाग)को मिलाएं और बाकी की सभी अंगुलियाँ सीधी रखें। हथेलियां नीचे की ओर रहें।
अग्नि मुद्रा को दिन में 3-4 बार 15-15 मिनटों के लिए कर सकते हैं।
लाभ:---अंगूठा अग्नि का प्रतीक है इस कारण दोनों अंगूठों को मिलाने से शरीर में गर्मी पैदा होती है जिससे सर्दी, खांसी, जुकाम, कफ आदि के समस्या में काफी फायदा होता है।................................................................हर-हर महादेव
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