Monday 30 April 2018

अस्थमा /दमा मुद्रा [ ASTHAMA MUDRA ]


दमा/अस्थमा मुद्रा [Asthama Mudra]
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दोनों हाथों की मध्यमा उंगलियों को मोड़ कर उनके नाखूनों को आपस में मिला दें। बाकी सभी उंगलियां और अंगूठा सीधा खोल कर रखें।
दमा मुद्रा को दिन में पाँच बार पाँच मिनट के लिए करें।
लाभ 
परंतु दमा के रोगीयों को दोनों मुद्राएं प्रतिदिन सुबह/शाम 15-15 मिनट लगानी चाहिए।       
पहले श्वसनी मुद्रा और फिर दमा मुद्रा लगाएं। इसके साथ-साथ दमा के रोगीयों को लिंग मुद्रा, अपान वायु मुद्रा, प्राण मुद्रा, और सूर्य मुद्रा लगाएं और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें जो दमा के रोगीयों के लिए बहुत ही लाभकारी है।
Press together finger nails of the middle fingers and keep others fingers extended.
This mudra has to be practiced 4-5 times a day for at least 7-10 minutes.
There are certain facts which an asthma patient should keep in mind. They are listed below:
During cold weather one should never breathe through their mouth because the bronchial tubes will become inflamed and congested Try not to be in a hurry because every incidence of stress activates the adrenal glands which liberate adrenaline which in turn promotes congestion and constriction of bronchial tubes.
Avoid smoking Do Pranayam (Breathing Exercise) on a daily basis...................................................हर-हर महादेव 

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