Monday, 30 April 2018

काकी मुद्रा [ KAKI MUDRA ]


काकी मुद्रा
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काक  मुद्रा में प्राणों का आयाम करके प्राण वायु का पान किया जाता है |उस समय जीभ को कौवे की चोंच के समान अर्ध गोलाकार या नालीदार बना लिया जाता है ,अतः इसे काकी मुद्रा कहा जाता है |वृद्धावस्था को रोकने के लिए यह अत्यंत उपयोगी कहा गया है |इसके छः महीने के अभ्यास से समस्त रोगों की शांति होती है |
मुख के होठों का इस प्रकार संकोचन करेंजिससे कि कौए की चोंच के समान उसकी आकृति बन जाए(प्रायः मुख से सीटी बजाने में भी ऐसी आकृति बन जाती है|) इस प्रकार की आकृति बनाकर धीरे-धीरेवायु खींचकर पान करेंयह ध्यान रहे कि इस मुद्रा में नासिका-छिद्रों द्वारा वायु नहीं खींची जाती(नासिका द्वारा श्‍वास नहीं लिया जाता)|
यह गुदाउदरकंठ और हृदय विकार आदि को दूर करने के लिए बहुत उपयोगी हैसाधक कीजठराग्नि तीव्र होती है और कोष्ठबद्धता आदि विकारों का शमन हो जाता है|.
Close the nostrils with both thumbs; leave the eyes open.Make a beak with your lips and slowly inhale.When the lungs are full, close the mouth and hold the breath.Bend the head so the chin touches the throat.  Hold for as long as possible.When ready to exhale, lift the neck upwards and exhale through the nostrils.Practice this for at least two to three minutes. As you get stronger, gradually increase the length time.
Kaki Mudra Tones the face Strengthens the nasal passage Strengthens the respiratory system Refreshes and rejuvenates the skin Reduces skin blemishesIncreases facial luster Affects the thyroid and parathyroid Cleanses the 5th Chakra.......................................................हर-हर महादेव 

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