Monday, 30 April 2018

पञ्चधारणा मुद्रा [ PANCHADHARNA MUDRA ]


पंचधारणा मुद्रा और उसके लाभ   
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धारणा का अभिप्राय हैध्यान के द्वारा ग्रहण करने की शक्तिपृथ्वीजलअग्निवायु औरआकाशइन पंच महाभूतों से यथार्थ का ज्ञान होना ही पंचधारणा मुद्रा का वास्तविक उद्देश्य हैयहमुद्रा पंच तत्वों से संबंधित होने के कारण उसको पृथक-पृथक धारणा में परिपक्व करती हैइसलिएयह निम्न पांच प्रकार की मानी जाती है-|
• पार्थिवीः भूमि-संबंधी
• शाम्भवीः जल-संबंधी
• वैश्‍वानरी या आग्नेयीः अग्नि-संबंधी
• वायवीः वायु-संबंधी
• आकाशीः आकाश-संबंधी
इनकी सिद्धि होने पर मनुष्य सशरीर स्वर्गादि लोकों में -जा सकताहै|................................................................................हर-हर महादेव 

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