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हम अपने
द्वारा भेजे गए दिव्य गुटिका [चमत्कारी डिब्बी ] के धारकों को विशिष्ट प्रयोग
प्रदान करने के क्रम में आज पति वशीकरण प्रयोग पोस्ट कर रहे हैं ताकि जिन महिलाओं
ने हमसे दिव्य गुटिका मंगाई हो उन्हें यदि पति से सम्बंधित समस्या हो तो उसका
निराकरण वे खुद इस प्रयोग के माध्यम से कर सकें |जिन व्यक्तियों की माँ -बहन के
साथ ऐसी कोई समस्या हो और उन्होंने दिव्य गुटिका मंगाई हो वे अपने गुटिका पर अपनी
माँ -बहन से यह क्रिया संपन्न कराकर उन्हें सुखी कर सकते हैं |जिन्हें पति के
दुर्व्यवहार ,उनके कहीं और आसक्त होने की समस्या हो वह दिव्य डिब्बी पर यह प्रयोग
कर अपनी समस्या सुलझा साक्ति हैं |जैसा की हमने पूर्व में पोस्ट किया है ,एक
गुटिका अनेकों काम करती है तो प्रस्तुत है इस पर पति वशीकरण प्रयोग |
किसी स्त्री
का पति दुराचारी हो या उसको दुःख देता हो ,किस अन्य स्त्री के प्रति आकृष्ट हो
,दुर्व्यसनी हो ,रुक्ष हो ,जिम्मेदारियों से भागता हो |कलह करता हो ,ध्यान न देता
हो तो इस प्रयोग को संपन्न करना चाहिए |पति वशीकरण का यह उत्तम प्रयोग है |यदि कोई
स्त्री वास्तव में अपने पति को लेकर परेशान हो तो उसे इस प्रयोग को अवश्य एक बार
आजमाकर देखना चाहिए |इस प्रयोग के अच्छे परिणाम मिले हैं |जो भी भाग्य में अधिकतम
पति सम्बन्धी सुख है वह इस प्रयोग से प्राप्त हो सकता है और भाग्य में पति
सम्बन्धी सुखों में आ रही बाधाएं समाप्त हो सकती हैं |
सामग्री
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प्राण प्रतिष्ठित चैतन्य दिव्य गुटिका [चमत्कारी डिब्बी ],लोबान ,धुप ,पारायुक्त
पीला सिन्दूर ,तेल का दीपक ,भोग लगाने के लिए गुड़ अथवा लड्डू ,लाल धोती ,सामान्य
पूजन सामग्री |लौंग ,इलायची |
माला
-------- हकीक
माला
दिन
------ होलिका
दहन की रात्री ,नवरात्र अथवा शुभ मुहूर्तयुक्त शुक्रवार
समय
--------
रात्री काल
आसन
--------- लाल
रंग का उनी आसन
दिशा
------- उत्तर
दिशा
जप संख्या
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कम से कम १० माला रोज के हिसाब से लगातार २१ दिन ,अर्थात कम से कम २१ हजार मंत्र
जप |
मंत्र
-------- || ॐ ह्रीं भोगप्रदा भैरवी मातंगी ,[अमुकं]
वशमानय स्वाहा ||
विधि
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होलिका दहन की रात्री अथवा नवरात्र की रात्री अथवा शुभ मुहुर्तयुक्त शुक्रवार की
रात्री को स्नान आदि से पूर्णतः पवित्र होकर लाल धोती धारण कर ऊनि आसन पर उत्तर
दिशा की मुख करके बैठें |सामने बाजोट अथवा चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर श्री विद्या
अथवा भैरवी अथवा पार्वती अथवा दुर्गा का चित्र स्थापित करें |बीचोबीच अष्टदल कमल
रोली से बनाकर उसपर दिव्य गुटिका स्थापित करें |अब दिव्य गुटिका की सामान्य पूजा
करें जैसे जल ,अक्षत ,धुप ,दीप ,नैवेद्य [जल -अक्षत बाहर ही गिराएं ],सिन्दूर
गुटिका में अवश्य चढ़ाएं |अब एक छोटा लाल कपडे का टुकड़ा गुटिका पर किनारे रखकर उस
पर दो लौंग और एक इलायची चढ़ाएं |इन्हें लाल कपडे पर इसलिए रखते हैं ताकि इनमे
सिन्दूर न लगे |जप करते हुए यह लौंग और इलायची वाशिकारक प्रभावयुक्त हो जाते हैं
जो इच्छित व्यक्ति को खिलाने के काम आते हैं ,सिन्दूर लगते से यह खिलाने योग्य
नहीं रहते |अब मंत्र जप करें दिए हुए मंत्र की |इसमें अमुक के स्थान पर पति का नाम
जोड़ दें |कम से कम १० माला रोज के अनुसार यह क्रम २१ दिन तक चलने दें |जब आप अपनी
शारीरिक संरचना के अनुसार पूजन योग्य न हों तो पूजा कोई और कर दे और आप केवल जप करें
,किन्तु २१ दिन से पूर्व क्रम नहीं टूटना चाहिए |जब आपका अनुष्ठान पूरा हो जाए तो
दिव्य गुटिका ,माला ,देवी चित्र ,लौंग इलायची रखकर सुरक्षित कर लें |दिव्य गुटिका
पूजा स्थान पर स्थापित कर दें यह कई काम आएगा |संभव हो तो रोज एक माला मंत्र की जप
करते रहें ,जप समय अधिकतम ध्यान पति पर रखें |अन्य सामग्री बहते जल अथवा तालाब
,कुएं में प्रवाहित कर दें |जब भी मौका मिले चढ़ाया गया सिन्दूर पति के सर अथवा
वस्त्र पर लगा दें ,लौंग ,इलायची उसे किसी माध्यम से खिला दें |वह आपकी बात मानने
लगेगा और उस पर वाशिकारक प्रभाव आपका होगा |आपको सताना बंद कर देगा अथवा अगर कहीं
और आकृष्ट है तो उसका दिमाग हटेगा
|............................................................हर-हर महादेव
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