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यह एक तीव्र
वशीकरण प्रयोग है जिसमे भगवती काली के मन्त्रों का प्रयोग कर उनसे पति अथवा पत्नी
को अनुकूल ,वशीकृत करने का अनुरोध किया जाता है |काली की शक्ति के साथ दिव्य
गुटिका /डिब्बी में समायोजित विशिष्ट दुर्लभ तांत्रिक पदार्थों की शक्तियों के मिल
जाने पर यह प्रयोग अति प्रभावी हो जाता है ,चूंकि दिव्य गुटिका में पहले से ही
चामुंडा ,काली ,लक्ष्मी ,गणपति ,माहेश्वरी आदि की शक्तियों का प्रतिनिधित्व करने
वाले दुर्लभ पदार्थ प्राण प्रतिष्ठित और अभिमंत्रित होते हैं |हम अपने द्वारा भेजे
गए दिव्य गुटिका [चमत्कारी डिब्बी ] के धारकों को विशिष्ट प्रयोग प्रदान करने के
क्रम में आज पति अथवा पत्नी वशीकरण प्रयोग पोस्ट कर रहे हैं ताकि जिन महिलाओं ने
हमसे दिव्य गुटिका मंगाई हो उन्हें यदि पति से सम्बंधित समस्या हो तो उसका निराकरण
वे खुद इस प्रयोग के माध्यम से कर सकें ,जिन धारकों को पत्नी से सम्बंधित कोई
समस्या हो वह इससे लाभ उठा सकें |जिन व्यक्तियों की माँ -बहन के साथ ऐसी कोई
समस्या हो अथवा घर के किसी सदस्य को पत्नी आदि से कोई समस्या हो और उन्होंने दिव्य
गुटिका /डिब्बी मंगाई हो वे अपने गुटिका पर अपनी माँ -बहन से अथवा परिवार के उक्त
सदस्य से यह क्रिया संपन्न कराकर उन्हें सुखी कर सकते हैं |जैसा की हमने पूर्व में
पोस्ट किया है ,एक गुटिका अनेकों काम करती है तो प्रस्तुत है इस पर पति /पत्नी
वशीकरण प्रयोग |
हमने अपने
पूर्व के पोस्टों में पेजों आदि में कहा है की हम लव अफेयर्स ,प्यार मुहब्बत के
लिए कोई सहायता ,मार्गदर्शन नहीं करते ,जो की अविवाहित लडके लडकियों के बीच चलता
है ,जिनसे माता -पिता ,परिवारों को कष्ट होता है ,मर्यादाओं का हनन होता है
|किन्तु जो विवाहित हैं और किन्ही कारणों से उनके दाम्पत्य जीवन में कठिनाई आ रही
हो उनकी सहायता होनी चाहिए ,उनकी समस्या का निराकरण होना चाहिए |चाहे वह समस्या
पति अथवा पत्नी किसी द्वारा हो रही हो |अतः हम अपने इस पोस्ट में पति /पत्नी दोनों
के उपयोग लायक प्रयोग दे रहे हैं जिनसे उनकी कठिनाइयां ,समस्याएं कम हो सकें |किसी
स्त्री का पति दुराचारी हो या उसको दुःख देता हो ,किस अन्य स्त्री के प्रति आकृष्ट
हो ,दुर्व्यसनी हो ,रुक्ष हो ,जिम्मेदारियों से भागता हो |कलह करता हो ,ध्यान न
देता हो तो इस प्रयोग को संपन्न करना चाहिए |जिस पुरुष की पत्नी का स्वभाव अनुकूल
न हो ,परिवार ,सम्मान ,मान -मर्यादा का ध्यान न रखती हो ,किसी अन्य के प्रति उसके
आकृष्ट होने की संभावना हो ,कलह करती हो अथवा परिवार के प्रति बेरुखी रख अति
स्वार्थी हो उन पुरुषों के लिए यह प्रयोग कारगर हो सकता है |पति अथवा पत्नी वशीकरण
का यह उत्तम प्रयोग है |यदि कोई स्त्री अथवा पुरुष वास्तव में अपने पति अथवा पत्नी
को लेकर परेशान हो तो उसे इस प्रयोग को अवश्य एक बार आजमाकर देखना चाहिए |इस
प्रयोग के अच्छे परिणाम मिले हैं |जो भी भाग्य में अधिकतम पति /पत्नी सम्बन्धी सुख
है वह इस प्रयोग से प्राप्त हो सकता है और भाग्य में पति सम्बन्धी सुखों में आ रही
बाधाएं समाप्त हो सकती हैं |
सामग्री
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प्राण प्रतिष्ठित चैतन्य दिव्य गुटिका [चमत्कारी डिब्बी ],लोबान ,धुप ,पारायुक्त
पीला सिन्दूर ,तिल तेल का दीपक ,इत्र ,भोग लगाने के लिए गुड़ अथवा लड्डू ,लाल धोती
,सामान्य पूजन सामग्री |लौंग ,इलायची ,पान ,सुपारी ,मिठाई |
माला
--------
रुद्राक्ष अथवा लाल चन्दन की माला
दिन
------ होलिका
दहन की रात्री ,दीपावली की रात्री ,नवरात्र की रात्री ,अमृत सिद्धि योग ,अथवा शुभ
मुहूर्तयुक्त शनिवार ,अथवा कृष्ण चतुर्दशी |
समय
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रात्री काल
आसन
--------- लाल
रंग का उनी आसन
दिशा
------- उत्तर
दिशा
जप संख्या
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कम से कम ११ माला रोज के हिसाब से लगातार २१ दिन ,अर्थात कम से कम २१ हजार मंत्र
जप |
मंत्र
-------- || ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके अमुकं मम् वश्यं कुरु
कुरु सर्वान कामान् में साधय साधय स्वाहा ||
||
विधि
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होलिका दहन ,नवरात्र ,कृष्ण
चतुर्दशी अथवा शुभ मुहुर्तयुक्त शनिवार , की रात्री को स्नान आदि से पूर्णतः
पवित्र होकर लाल धोती धारण कर ऊनि आसन पर उत्तर दिशा की मुख करके बैठें |सामने
बाजोट अथवा चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर काली जी का चित्र स्थापित करें |बीचोबीच
अष्टदल कमल रोली से बनाकर उसपर दिव्य गुटिका स्थापित करें |अब दिव्य गुटिका की
सामान्य पूजा करें जैसे जल ,अक्षत ,धुप ,दीप ,नैवेद्य [जल -अक्षत बाहर ही गिराएं
],सिन्दूर गुटिका में अवश्य चढ़ाएं |अब एक छोटा लाल कपडे का टुकड़ा गुटिका पर किनारे
रखकर उस पर दो लौंग और एक इलायची और पान सुपारी चढ़ाएं |इन्हें लाल कपडे पर इसलिए
रखते हैं ताकि इनमे सिन्दूर न लगे |इस लाल वस्त्र पर एक इत्र की शीशी भी रखें |जप
करते हुए यह लौंग और इलायची ,सुपारी ,इत्र वाशिकारक प्रभावयुक्त हो जाते हैं जो
इच्छित व्यक्ति को खिलाने के काम आते हैं ,सिन्दूर लगने से यह खिलाने योग्य नहीं
रहते |अब मंत्र जप करें दिए हुए मंत्र की |इसमें अमुक के स्थान पर पति का नाम जोड़
दें |कम से कम ११ माला रोज के अनुसार यह क्रम २१ दिन तक चलने दें |जब आप अपनी
शारीरिक संरचना के अनुसार पूजन योग्य न हों तो पूजा कोई और कर दे और आप केवल जप
करें ,किन्तु २१ दिन से पूर्व क्रम नहीं टूटना चाहिए |मन्त्र जप के समय पूर्ण
एकाग्रता पति अथवा पत्नी पर ही होनी चाहिए |इसके लिए चाहें तो उसका चित्र भी आसपास
रख लें अगर उस पर ध्यान एकाग्र नहीं हो रहा हो तो |जप समय किसी और का ध्यान में
आना ,व्यतिक्रम उत्पन्न करेगा और उर्जा अनियंत्रित हो कार्य असफल करेगी |संभव है
जो ध्यान में आ रह वह आकृष्ट हो और आपका उद्देश्य भटक जाए |
जब आपका
अनुष्ठान पूरा हो जाए तो दिव्य गुटिका ,माला ,देवी चित्र ,लौंग इलायची रखकर
सुरक्षित कर लें |दिव्य गुटिका पूजा स्थान पर स्थापित कर दें यह कई काम आएगा |संभव
हो तो रोज दो माला मंत्र की रात्री समय जप करते रहें |अन्य सामग्री बहते जल अथवा
तालाब ,कुएं में प्रवाहित कर दें |जब भी मौका मिले चढ़ाया गया सिन्दूर ,इत्र पति
/पत्नी के सर अथवा वस्त्र पर लगा दें ,लौंग ,इलायची ,सुपारी उसे किसी माध्यम से
खिला दें |ध्यान दें सुपारी ,लौंग ,इलायची गर्म न करें या पकाएं नहीं किसी भोज्य
पदार्थ में ,अपितु उन्हें पीसकर उपर से मिलाएं |आप यह क्रिया कई बार में कर सकते
हैं |इस क्रिया से पत्नी /पत्नी आपकी बात
मानने /मानेगी , उस पर वाशिकारक प्रभाव आपका होगा |आपको पति सताना बंद कर देगा
अथवा अगर कहीं और आकृष्ट है तो उसका दिमाग हटेगा |पत्नी आपकी उपेक्षा करना ,कलह
करना ,कम करेगी ,आपकी बात समझेगी
|............................................................हर-हर महादेव
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