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तंत्र में पेड़ -पौधों -वनस्पतियों का
बहुत उपयोग होता है ,इसके कई कारन है ,यह सुपर सोनिक तरंगे छोड़ते हैं ,इनके तरंगों
की प्रकृति दिन-रात अथवा पृथ्वी-सूर्य की स्थिति के अनुसार बदलती रहती है ,इनमे
अपने गुण तो होते ही है साथ ही जड़ों में जिस प्रकार के पदार्थ होंगे उनके गुण भी
लेकर यह तरंग उत्सर्जित करते हैं ,पेड़-पौधे व्यक्ति की भावनाएं समझ सकते हैं ,यह अपने तरंगों द्वारा व्यक्ति की
मानसिक तरंगों को पकड़ सकते हैं ,इनके तरंगों में व्यक्ति के उर्जा संरचना में उतर
जाने की क्षमता होती है |पेड़-पौधों
द्वारा विभिन्न तरह के प्रत्यक्ष काम भी लिए जाते हैं और इनके अप्रत्यक्ष काम तो
हजारों हैं ,,पीपल की पूजा प्रत्यक्ष का उदाहरण है,,इनसे वशीकरण का कम लिया जा सकता है |किसी को अपने अनुकूल बनाया जा सकता
है |रूठे को मनाया जा सकता है ,बिगड़े को सुधार जा सकता है |
वशीकरण या आकर्षण के लिए अनुकूल वृक्ष
या पौधे का चयन किया जाता है ,कार्य विशेष के अनुसार पौधा भी विशिष्ट होता है
,जिसमे विशिष्ट गुण विशिष्ट प्रकार से प्रेषित करने की क्षमता होती है |इसके लिए
चयनित वृक्ष के जड़ में जिसे वशीकृत करना है उसके पहने हुए ऐसे कपडे या उपयोग किये
हुए वस्तु को दबाया जाता है जो लगातार कुछ दिन व्यक्ति के संपर्क में रहा हो |जैसे
मोज़े-अधोवस्त्र,पायल-नख-बाल आदि |इन्हें जड़ में
दबाकर जब लगातार कुछ दिनों तक पौधे को जल देकर उससे व्यक्ति की अनुकूलता और अपनी
और आकर्षण की प्रार्थना की जाती है तो दबाई हुई वस्तु की तरंगे पौधे द्वारा निकलकर
उस व्यक्ति को लक्ष्य करती हैं जिसके वह वस्तु होते हैं ,पौधे व्यक्ति की भावना के
लिए एम्प्लीफायर का काम करते हैं और इनसे उत्पन्न तरंगे सम्बंधित व्यक्ति के उर्जा
परिपथ को प्रभावित करती है ,पौधे व्यक्ति के भाव के प्रति संवेदनशील होते हैं
,सम्बंधित व्यक्ति में क्रिया करने वाले के प्रति अनुकूलता के भाव उत्पन्न होने
लगते हैं और प्रतिकूलता की भावना समाप्त होने लगती है ,इस प्रकार व्यक्ति अनुलूल
हो जाता है ,क्रिया की तीब्रता के अनुसार वशीभूत भी
|..................................................................हर-हर महादेव
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