व्यापार वर्धक,बाधा निवारक आकर्षण प्रयोग
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सामग्री
--------- मंत्र दिद्ध चैतन्य प्राण प्रतिष्ठित असली सियार सिंगी ,सौ ग्राम असली पारद युक्त सिन्दूर ,लकड़ी की चौकी ,धूप ,तेल का दीपक ,लोबान ,नैवेद्य ,पुष्प ,मंत्र सिद्ध चैतन्य लाल हकिक की माला ,धारण करने को सफ़ेद धोती ,सफ़ेद उनी आसन ,लाल कपड़ा ,हवन सामग्री ,
समय -दिन -दिशा
--------------------- रविवार की रात्री का समय ,पश्चिम दिशा ,
जप संख्या और अवधि
-------------------------- १० माला अर्थात एक ह्हजार जप प्रतिदिन ११ दिन तक |
मंत्र
----- ॐ आकर्षय स्वाहा
विधि
------ यह प्रयोग किसी भी रविवार से प्रारम्भ किया जा सकता है |शुद्ध पवित्र हो सफ़ेद धोती धारण कर सफ़ेद उनी आसन पर बैठ सामने लकड़ी के बजोट या चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर पारायुक्त भारी वाला सिन्दोर रखें फिर उस पर चैतन्य सियार सिंगी को रख अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठिका से एक बूँद रक्त निकाल उस पर लगा दें |अब सियार सिंगी की विधिवत पूजा करें |संकल्प लेकर जप प्रारम्भ करें |रोज एक हजार जप करते हुए ११ दिन में ११ हजार जप पूर्ण करें |तत्पश्चात हवन करें |जप पूर्ण होने के बाद इस सियार सिंगी को अपने व्यापार स्थल के सामने सिन्दूर सहित जमीन में दबा दें अथवा एक पोटली में बांधकर व्यापार स्थल के बाहर की ओर चौखट पर लटका देवें |लाल हकिक की माला अपने गले में धारण करें |
इस प्रयोग को भली भाँती संपन्न कर लेने पर व्यापार पर होने वाली समस्त बाधाएं दूर हो जाती है |लोगों के किये कराये वापस होते हैं और व्यापार स्थल की सुरक्षा होती है |हानि पहुँचाने वाले वशीभूत होते हैं |जब तक यह सियार सिंगी दूकान के सामने गडी रहेगी तब तक कोई बाधा ,नजर दोष ,किया कराया नहीं आएगा |व्यापार सम्बन्धी समस्त बाधाएं दूर होंगी |...................................................हर हर महादेव
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सामग्री
--------- मंत्र दिद्ध चैतन्य प्राण प्रतिष्ठित असली सियार सिंगी ,सौ ग्राम असली पारद युक्त सिन्दूर ,लकड़ी की चौकी ,धूप ,तेल का दीपक ,लोबान ,नैवेद्य ,पुष्प ,मंत्र सिद्ध चैतन्य लाल हकिक की माला ,धारण करने को सफ़ेद धोती ,सफ़ेद उनी आसन ,लाल कपड़ा ,हवन सामग्री ,
समय -दिन -दिशा
--------------------- रविवार की रात्री का समय ,पश्चिम दिशा ,
जप संख्या और अवधि
-------------------------- १० माला अर्थात एक ह्हजार जप प्रतिदिन ११ दिन तक |
मंत्र
----- ॐ आकर्षय स्वाहा
विधि
------ यह प्रयोग किसी भी रविवार से प्रारम्भ किया जा सकता है |शुद्ध पवित्र हो सफ़ेद धोती धारण कर सफ़ेद उनी आसन पर बैठ सामने लकड़ी के बजोट या चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर पारायुक्त भारी वाला सिन्दोर रखें फिर उस पर चैतन्य सियार सिंगी को रख अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठिका से एक बूँद रक्त निकाल उस पर लगा दें |अब सियार सिंगी की विधिवत पूजा करें |संकल्प लेकर जप प्रारम्भ करें |रोज एक हजार जप करते हुए ११ दिन में ११ हजार जप पूर्ण करें |तत्पश्चात हवन करें |जप पूर्ण होने के बाद इस सियार सिंगी को अपने व्यापार स्थल के सामने सिन्दूर सहित जमीन में दबा दें अथवा एक पोटली में बांधकर व्यापार स्थल के बाहर की ओर चौखट पर लटका देवें |लाल हकिक की माला अपने गले में धारण करें |
इस प्रयोग को भली भाँती संपन्न कर लेने पर व्यापार पर होने वाली समस्त बाधाएं दूर हो जाती है |लोगों के किये कराये वापस होते हैं और व्यापार स्थल की सुरक्षा होती है |हानि पहुँचाने वाले वशीभूत होते हैं |जब तक यह सियार सिंगी दूकान के सामने गडी रहेगी तब तक कोई बाधा ,नजर दोष ,किया कराया नहीं आएगा |व्यापार सम्बन्धी समस्त बाधाएं दूर होंगी |...................................................हर हर महादेव
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