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दो भोजपत्र के टुकड़ों पर लोहे की कील से दो यन्त्र लिखकर इन्हें परस्पर संपुटित [ जोड़ ]कर दें |धरती पर इसी अवस्था में रखकर उस पर कोई भारी पत्थर रखकर साधक ४ -5 कदम चले |यन्त्र के प्रभाव से रुष्ट व्यक्ति या अधिकारी अनुकूल होगा |अधिकारी को अपने अनुकूल बनाना हो या परिवार का कोई व्यक्ति रूठा हुआ हो उसे मनाना हो - तो यह एक अनुभूत प्रयोग है | ध्यान रहे की यन्त्र बनाने की साड़ी क्रिया व पत्थर रखने का काम तथा ४ -5 पग चलने का काम सब कुछ उत्तर दिशा की ओर मुंह करके ही करें |................................................हर -हर महादेव
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