Thursday, 1 February 2018

आकर्षण प्रयोग दिव्य गुटिका /डिब्बी पर

आकर्षण प्रयोग दिव्य गुटिका /डिब्बी पर 
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[किसी को आकर्षित /अनुकूल करने हेतु ]
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कभी -कभी कोई अपना रूठ जाता है ,दूर हो जाता है अथवा दूर चला जाता है |अपने व्यवहार ,बात या मनाने का प्रभाव नहीं पड़ता या ऐसी जगह चला जाता है जहाँ उसका पता नहीं चलता या वह नहीं चाहता की वह आपसे संपर्क रखे ,पर आपको उसकी जरुरत है ,आपको उससे लगाव है तो उसे अनुकूल करने अथवा अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आकर्षण प्रयोग की आवश्यकता होती है |आकर्षण प्रयोग वहां किया जाता है जहाँ सीधे किसी व्यक्ति से संपर्क न हो |उसे कुछ खिलाया -पिलाया न जा सके |उससे बात चीत संभव न हो |वह मिलना न चाहता हो या उसे कोई सीधा संपर्क न हो |आकर्षण की क्रिया से लक्षित व्यक्ति में बेचैनी होती है ,उसे खिचाव महसूस होता है ,प्रयोग की गंभीरता पर स्वप्न आते हैं |
सामग्री
--------- तेल का दीपक ,चीनी या बताशा या सफ़ेद मिठाई ,मंत्र सिद्ध चैतन्य दिव्य गुटिका ,स्फटिक माला ,लाल रंग की धोती ,लाल कपड़ा ,लाल रंग का आसन ,सिन्दूर ,लौंग जोड़ा ,धुप -अगरबत्ती |
दिन- समय -दिशा और जप संख्या
-----------------------------------------नवरात्र अथवा शनिवार की रात्री का समय ,पश्चम दिशा ,११ माला प्रतिदिन ११ दिन तक नवरात्र अथवा शनिवार से शुरू करके |
मंत्र
------- ॐ नमो वैतालाय आदि पुरुषाय अमुकं आकर्षणं कुरु कुरु स्वाहा |
विधि
------- किसी भी शनिवार की रात्री में स्नान कर लाल रंग के आसन पर लाल धोती पहन कर पश्चिमाभिमुख बैठें |सामने लकड़ी के चौकी या बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर रोली या कुमकुम से अष्टदल कमल बनाएं |उस पर मंत्र सिद्ध चैतन्य दिव्य गुटिका रखें |गुटिका के पीछे भगवान शिव का चित्र रखें |अब गुटिका की यथासंभव पूजा करें |जल ,अक्षत ,पुष्प आदि बाहर चढ़ाएं और सिन्दूर अन्दर  |धुप दीप करें |चीनी ,बताशा और जोड़ा लौंग चढ़ाएं |इसके बाद स्फटिक माला से जिस व्यक्ति का आकर्षण करना हो उसका नाम अमुक की जगह मंत्र में जोड़कर मंत्र जप करें |प्रतिदिन ११ माला के अनुसार कम से कम ११ दिन तक क्रिया करें |
उम्मीद रखें की व्यक्ति की सूचना मिलेगी या वह आकर्षित होगा |यदि वह किसी गंभीर तंत्र क्रिया के असर में नहीं है अथवा मजबूर नहीं है अथवा जीवित है तो वह जरूर आकर्षित हो आएगा या सूचना देगा |जो रूठकर दूर हुआ है उसका क्रोध शांत होगा और जप करता से लगाव उत्पन्न होगा वापस मिलने का प्रयत्न करेगा |यदि संभव हो तो उससे मुलाक़ात करनी चाहिए |मुलाक़ात पर दिव्य गुटिका पर चढ़ाई हुई बताशा ,लौंग ,चीनी आदि उसे खिलाने पर वाशिकारक प्रभाव उत्पन्न होता है |
प्रयोग समाप्ति के बाद भी दिव्य गुटिका को पूजा स्थान अथवा सुरक्षित स्थान पर रख दें तथा प्रतिदिन धुप दीप करते रहें |लाभ होता रहेगा |यह अनेक समस्याओं में कारगर है |

प्रयोग शुरू करने से पूर्व ११ दिन तक ११ माला रोज के हिसाब से ऊपर दिए मंत्र का जप कर इसे पहले सिद्ध कर लें और इसमें अमुक ही रहने दे |सिद्ध करने के बाद प्रयोग में फिर ११ दिन क्रिया करें और तब अमुक में व्यक्ति का नाम जोड़ दें |जब प्रयोग करें तो दिव्य गुटिका के साथ व्यक्ति का चित्र भी रखें ताकि मन उसपर एकाग्र हो सके |दिव्य गुटिका में प्रबल आकर्षण और वशीकरण प्रभाव पहले से होता है जो साधक की एकाग्रता और इस साधना से और बढ़कर लक्षित व्यक्ति को प्रभावित करता है |...........................................................हर-हर महादेव 

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