व्यक्तित्व सम्मोहक बनाने का तंत्र प्रयोग
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व्यक्तित्व सम्मोहक बनाने में नवग्रह संतुलन की युक्ति सर्वाधिक कारगर होती है क्योंकि ग्रह ही सबसे अधिक प्रभावित करते हैं और इन्ही की रश्मियों के अनुसार व्यक्ति का सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्मित होता है |इन्हें यदि अपने जरूरत के अनुसार संतुलित कर लिया जाय तो यह व्यक्ति को ऊच्च्ता पर पहुंचा सकते हैं |इनके साथ तंत्र को जोड़ देना इनके प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है |इस प्रयोग में इसी को दृष्टिगत रखते हुए नवरत्न की अंगूठी और तांत्रिक मंत्र का प्रयोग किया गया है |नवरत्न की अंगूठी कितनी लाभप्रद होती है यह किसी से छिपा नहीं है |इसका विशेष प्रयोग निम् प्रकार है |
सामग्री
--------- नवरत्न की अंगूठी अथवा महामंगलकारी गुटिका ,स्फटिक माला ,तेल का दीपक ,सवा किलो साबुत उड़द ,मंत्र सिद्ध चैतन्य विद्युत् माला ,पहनने के लिए लाल रंग की धोती ,लाल रंग का आसन ,सामने बिछाने के लिए लाल वस्त्र ,लकड़ी की चौकी ,धुप -दीप ,प्रसाद ,माला फूल आदि |
समय -दिन और दिशा
------------------------- बुधवार की रात्री का समय ,पश्चिम दिशा
जपा संध्या और दिनों की अवधि -
------------------------------------ १००० मंत्र अर्थात १० माला प्रतिदिन ,५१ दिन तक
मंत्र
------ ॐ नमो ह्राँ ह्रीं ह्रूं फट चक्रे सुरे अदृश्य देवी शोणित भोज पक्षे मम् इच्छानुसार दृश्यम कुरु कुरु स्वाहा |
विधि
-------- किसी भी बुधवार के दिन लाल धोती पहन ,लाल आसन पर विराजमान हो सामने चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर नवरत्न की अंगूठी और स्फटिक माला रख दें |,संकल्प लें प्रतिदिन पूजन की और १००० जप प्रतिदिन की ५१ दिन तक करने की |इसके बाद अंगूठी और माला इनकी पूर्ण पूजा करें |पूजा के बाद मंत्र जप उपरोक्त मंत्र की शुरू करें और १० माला जप स्फटिक माला से करें |प्रतिदिन आगे से यह क्रिया जारी रखें और ५१ दिन तक करें |५१ दिन बाद इसी मंत्र से १० माला जप संख्या बराबर हवन करें नवग्रह की लकड़ी और हवन सामग्री से |जब जप पूरा हो जाए तो वहां पहले दिन से राखी सवा किलो उड़द को ले जाकर दक्षिण दिशा में उछालकर फेंक देवे और घर आ जाए |हवन बाद उस नवरत्न की अंगूठी को धारण कर लें और उसके साथ रखी स्फटिक माला को गले में धारण करें |इससे धीरे धीरे व्यक्तित्व में सम्मोहकता उत्पन्न होने लगती है |......................................................हर -हर महादेव
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व्यक्तित्व सम्मोहक बनाने में नवग्रह संतुलन की युक्ति सर्वाधिक कारगर होती है क्योंकि ग्रह ही सबसे अधिक प्रभावित करते हैं और इन्ही की रश्मियों के अनुसार व्यक्ति का सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्मित होता है |इन्हें यदि अपने जरूरत के अनुसार संतुलित कर लिया जाय तो यह व्यक्ति को ऊच्च्ता पर पहुंचा सकते हैं |इनके साथ तंत्र को जोड़ देना इनके प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है |इस प्रयोग में इसी को दृष्टिगत रखते हुए नवरत्न की अंगूठी और तांत्रिक मंत्र का प्रयोग किया गया है |नवरत्न की अंगूठी कितनी लाभप्रद होती है यह किसी से छिपा नहीं है |इसका विशेष प्रयोग निम् प्रकार है |
सामग्री
--------- नवरत्न की अंगूठी अथवा महामंगलकारी गुटिका ,स्फटिक माला ,तेल का दीपक ,सवा किलो साबुत उड़द ,मंत्र सिद्ध चैतन्य विद्युत् माला ,पहनने के लिए लाल रंग की धोती ,लाल रंग का आसन ,सामने बिछाने के लिए लाल वस्त्र ,लकड़ी की चौकी ,धुप -दीप ,प्रसाद ,माला फूल आदि |
समय -दिन और दिशा
------------------------- बुधवार की रात्री का समय ,पश्चिम दिशा
जपा संध्या और दिनों की अवधि -
------------------------------------ १००० मंत्र अर्थात १० माला प्रतिदिन ,५१ दिन तक
मंत्र
------ ॐ नमो ह्राँ ह्रीं ह्रूं फट चक्रे सुरे अदृश्य देवी शोणित भोज पक्षे मम् इच्छानुसार दृश्यम कुरु कुरु स्वाहा |
विधि
-------- किसी भी बुधवार के दिन लाल धोती पहन ,लाल आसन पर विराजमान हो सामने चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर नवरत्न की अंगूठी और स्फटिक माला रख दें |,संकल्प लें प्रतिदिन पूजन की और १००० जप प्रतिदिन की ५१ दिन तक करने की |इसके बाद अंगूठी और माला इनकी पूर्ण पूजा करें |पूजा के बाद मंत्र जप उपरोक्त मंत्र की शुरू करें और १० माला जप स्फटिक माला से करें |प्रतिदिन आगे से यह क्रिया जारी रखें और ५१ दिन तक करें |५१ दिन बाद इसी मंत्र से १० माला जप संख्या बराबर हवन करें नवग्रह की लकड़ी और हवन सामग्री से |जब जप पूरा हो जाए तो वहां पहले दिन से राखी सवा किलो उड़द को ले जाकर दक्षिण दिशा में उछालकर फेंक देवे और घर आ जाए |हवन बाद उस नवरत्न की अंगूठी को धारण कर लें और उसके साथ रखी स्फटिक माला को गले में धारण करें |इससे धीरे धीरे व्यक्तित्व में सम्मोहकता उत्पन्न होने लगती है |......................................................हर -हर महादेव
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