भाग्य कैसे
बनता -बिगड़ता है ज्योतिष के उपाय से
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हर व्यक्ति
अपने भविष्य को लेकर हमेशा उत्सुक रहता है |आप किसी से बस कह दीजिये की आपको
ज्योतिष आती है ,वह व्यक्ति तुरंत अपने बारे में जानना चाहेगा |भले कोई हर प्रकार
से सुखी हो पर फिर भी वह और अच्छा होना चाहता है |कारण की हर किसी को अपने जीवन
में कुछ न कुछ कमी महसूस होती रहती है |यह जिज्ञासा उसे कभी कभी परेशानी बढाने
वाली भी साबित हो जाती है |कैसे -यह हम इस पोस्ट में आगे बताएँगे |सामान्य रूप से
हर व्यक्ति के जीवन में कठिनाई होने पर उसे ग्रहों की प्रतिकूलता की ही याद आती है
और वह भाग्य को इसका जिम्मेदार मानता है |इसके बाद वह भाग्य पढने वाले ज्योतिषी से
सम्पर्क करने और अपनी परेशानी का उपाय जानने की कोशिश करता है |कारण कम लोग जानना
चाहते हैं ,उपाय हर कोई जानना चाहता है |
उपाय सटीक
मिला तो भाग्य सचमुच बदलने लगता है ,और उपाय गलत मिल गया तो जैसा भाग्य चल रहा
उससे भी बुरी स्थिति आ जाती है |यदि लाभ होता है तो व्यक्ति सोचता है की उपाय से
लाभ हुआ ,किन्तु यदि और खराब स्थिति हुई तो सोचता है की भाग्य में अधिक कठिनाई
लिखी थी इसलिए उपाय काम नहीं कर रहा |उपाय बताने वाला ज्योतिषी भी यही कहता है की
उसने उपाय तो बहुत सटीक बताया है ,अब भाग्य में अधिक कष्ट है तो इतने से काम नहीं
हो रहा |इसके बाद वह कोई और उपाय भी बता देता है |यह चक्रव्यूह तब तक चलता है जब
तक कोई वास्तविक जानकार न मिल जाए या भाग्य अपने आप करवट न ले |कभी कभी ती यह उलटे
पुल्टे उपाय व्यक्ति की ऐसी हालत खराब कर देते हैं की उसका विश्वास ज्योतिष तो
क्या भगवान् से भी उठने लगता है |
उपाय की
तीव्रता और सटीकता ज्योतिषी की पकड़ और उसकी विशेषज्ञता पर निर्भर करती है |यदि
ज्योतिषी वास्तव में मात्र व्यवसायी नहीं है तथा वह ज्योतिष को जीता है तब वह
गम्भीर विश्लेषण करता है और बहुत कम उपाय बताता है |पर वह उपाय बेहद सटीक होता है
,भले बहुत छोटा सा उपाय हो |एक छोटा सा उपाय या रत्न या वनस्पति धारण का उपाय
ज्योतिषी ने बताया ,व्यक्ति ने उसे किया |इसके बाद व्यक्ति की सोच में ,उसकी
कार्यशैली में एक छोटा सा परिवर्तन आया और व्यक्ति ने सही समय एक छोटा सा निर्णय
लिया या छोटा सा प्रयास किया |निर्णय या प्रयास इतना सटीक समय पर लिया गया की
व्यक्ति का काम बन गया |उस बने काम से छोटी -छोटी सफलताओं की श्रृंखला शुरू हुई और
व्यक्ति का जीवन बदलने लगा |कुछ ही समय में व्यक्ति में बड़े परिवर्तन आ गए उसका
जीवन बदल गया |
वस्तुओं
का दान हो ,जल प्रवाह हो ,पक्षियों -जानवरों को चारा या अन्न हो ,रत्न या वनस्पति धारण हो या टोना -टोटका हो
,पूजा -पाठ हो या मंत्र जप हो सभी में ऊर्जा तंत्र और प्रकृति का विज्ञानं काम
करता है |सभी तरंग आधारित विज्ञानं पर काम करते हैं |सभी की शुरुआत बहुत छोटे स्तर
से होती है |इनसे व्यक्ति में भौतिक परिवर्तन नहीं आता किन्तु रासायनिक और सूक्ष्म
ऊर्जा स्तरों पर परिवर्तन आता है जो व्यक्ति के आसपास के वातावरण की ऊर्जा के साथ
ही व्यक्ति की सोच और कार्य प्रणाली को बदल कर रख देता है |एक सही निर्णय ,एक सही
प्रयास ,एक आलस्य वेहीन ऊर्जा युक्त कोशिश व्यक्ति के लिए सफलताओं के क्रम बना
देती है जबकि एक गलती असफलताओं के द्वार खोल देती है |उपायों से उत्पन्न यही छोटी
छोटी सफलताएं या असफलताएं कुछ ही समय में इतनी बड़ी हो जाती हैं की व्यक्ति का जीवन
बदलने लगता है |
ज्योतिष एक
वैदिक विज्ञानं है जो एक निश्चित जीवन शैली की मांग करता है जिसमे आध्यात्मिकता और
गहन चिंतन की सतत आवश्यकता होती है |इसे वैदिक अनुसंधान विज्ञान की श्रेणी में रखा
जाता है जिससे मनुष्य का जीवन गहरे जुड़ा होता है |इसी कारण पारंपरिक वैदिक
ज्योतिषी एक गंभीर और आध्यात्मिक जीवन जीता है |ज्योतिष के कुछ अंग जैसे शकुन और
प्रश्न मार्ग में अतीन्द्रिय ज्ञान और अनुभव का बहुत अधिक महत्व है |सम्पूर्ण
ज्योतिष में आध्यात्मिक और अतीन्द्रिय समझ के अनुसार सूक्ष्म विश्लेषण की आवश्यकता
होती है जिसकी आज के व्यावसायिक ज्योतिषियों के पास कमी होती है |व्यावसायिक
ज्योतिषी के पास बहुत भीड़ हो सकती है ,बहुत नाम हो सकता है किन्तु उनकी उपाय की
पकड बहुत अच्छी हो आवश्यक नहीं |उनकी भूतकाल के बारे में बताई गयी बातें सही हो
सकती हैं जिससे उन्हें बहुत अच्छा ज्योतिषी समझा जा सकता है किन्तु उपाय और उनकी
सफलता असफलता की पकड़ आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ अनुभव पर निर्भर करती है ,जो
गम्भीर अनुसन्धान और चिंतन का विषय है |इसके लिए आज ज्योतिषियों के पास समय कहाँ
है |
आधुनिक समय
में ज्योतिषी भी बहुत अधिक हो गए हैं और ज्योतिष के प्रकार भी बहुत हो गए हैं
|इनमे से कुछ तो उपायों की अवधारणा ही नहीं मानते जबकि उपायों के बिन तो ज्योतिष
की कोई उपयोगिता ही नहीं |जब हम कुछ सुधार नहीं कर सकते तो उस विज्ञानं का मतलब
क्या है |कुछ ज्योतिषीय प्रकारों में ऐसे ऐसे भी उपाय हैं जो सामान्य तर्क और समझ
मी अर्थहीन लगते हैं पर उनका भी अर्थ होता जरुर है |किसी ज्योतिषी की पूर्णता तभी
है जब वह ज्योतिष के सारे अंग जानने के साथ ही गंभीर आध्यात्मिक और चिंतन शील हो
|वह अपने बताये उपायों पर अनुसंधान करता हो ,उपायों पर प्रयोग करता हो ,उपायों के
विज्ञान को समझता हो |उसे पता हो की कौन उपाय किस प्रकार किस व्यक्ति को कैसे और
कहाँ प्रभावित करेगा ,इससे क्या परिवर्तन होंगे और क्या परिणाम आएगा |
एक गलती किसी
उपाय में व्यक्ति का जीवन तबाह कर सकती है |व्यक्ति को समझ नहीं आएगा और वह भ्रम
में रहेगा की भाग्य ही खराब है जो स्थिति और बिगड़ी ,किन्तु उपाय ने उससे छोटी छोटी
गलतियाँ करवा दी जिससे उसकी स्थिति और दयनीय होने लगी |परेशान ही ज्योतिषी के पास
अधिक आता है ,ऐसे में उसे अनुपयुक्त उपाय और परेशान कर देता है |बड़े और मूल रत्नों
आदि के गलत उपाय तो जान तक ले सकते हैं |यह सीधे कुछ नहीं करते अपितु व्यक्ति से
गलतियाँ करवाते हैं ,आसपास का वातावरण विपरीत कर देते हैं ,नकारात्मक प्रभाव
उत्पन्न कर देते हैं |अतः जब भी उपाय जानने की कोशिश किया जाय पहले उपाय बताने
वाले को समझा जाए |उसकी उम्र क्या है ,वह करता क्या है ,उसकी समझ कितनी है ,उसका
अनुभव कितने वर्ष का है ,उसकी जीवन शैली क्या है ,उसमे आध्यात्मिकता कितनी है
|मतलब नहीं की वह वह कितना जल्दी कारण और घटनाएं पकड़ता है ,मतलब नहीं की उसका
कितना नाम है , उसके पास कितनी भीड़ है |इनका उपायों की समझ से कोई लेना देना नहीं
|
आज के सोसल
मिडिया और इंटरनेट के युग में ज्योतिषियों की फ़ौज खड़ी है |सैकड़ों वेबसाइटें हैं
,हजारों -हजार ज्योतिषी हैं |कोई किसी को व्यक्तिगत नहीं जानता |यहाँ वहां से कापी
-पेस्ट करने वाले ,किताबों से लिखने वाले हजारों ज्योतिषी हैं |सबको व्यवसाय चाहिए
,सबको नाम चाहिए ,अपनी जीवन की परेशानियां खोजते और यहाँ वहां ज्योतिषियों से
मुफ्त सलाह मांगते मांगते खुद ज्योतिषी का नाम लगा ,व्यवसाय की कोशिश करने वाले
हजारों हो गए हैं |मुफ्त सलाह मांगने वालों को सलाह मिल भी रही और उलटे पुल्टे
उपाय भी लिखे -बताये जा रहे |व्यावसायिक ज्योतिषी अनुसंधान -चिंतन नहीं कर रहे
,रटी -रटाई और किताबी भाषा में उपाय बताये जा रहे |बेतुके प्रयोग हो रहे |आधुनिक
बनने की कोशिश में ज्योतिष को ही उल्टा जा रहा |ऐसे में व्यक्तियों के जीवन से
खिलवाड़ हो रहा |उलटे उपाय जीवन बिगाड़ दे रहे |
जो भी
ज्योतिषी अनुसंधान करेगा ,चिंतनशील रहेगा ,आध्यात्मिक होगा ,सतत अनुभवरत रहेगा
,ज्योतिष को जियेगा ,उसके पास भीड़ नहीं होगी फिर भी उसके पास समय नहीं रहेगा
|ज्योतिष की गंभीर समझ होगी पर खुद में जीने वाला होगा और व्यवसायी नहीं होगा |यदि
वास्तव में ज्योतिषीय उपाय चाहिए तो ऐसे ज्योतिषी को ढूंढना चाहिए |ऐसे ज्योतिषी
की जीवन शैली उसे मुफ्त सलाह की अनुमति नहीं देते अतः वह यदि इसी पर आश्रित है तो
शुल्क लेगा |जो भी ज्योतिषी गंभीर पकड रखने वाला होगा वह अवश्य शुल्क लेगा
,क्योंकि उसका पूरा समय ज्योतिष को जीने में ही जाता है जिससे उसे अपनी
जिम्मेदारियां भी इसी से पूरी करनी होती हैं |लोगों को इंटरनेट पर मुफ्त सलाह से
भी बचना चाहिए क्योंकि यदि कोई वास्तव में विश्लेषण करेगा तो समय लगेगा और पकड
रखेगा तो अनुभव प्राप्त करने में वर्षों लगा होगा |ऐसे में वह मुफ्त सलाह नहीं दे
सकता |अक्सर उपायों के काम न करने अथवा बिगड़ी स्थिति और बिगड़ने में कुछ ऐसे ही
सलाहों की भूमिका होती है जिनमें मुफ्त सलाह के उलटे अथवा अनुपयुक्त उपाय किये
जाते हैं या व्यवसायी ज्योतिषी के किताबी उपाय होते हैं |जब भी किसी को ज्योतिषीय
सलाह की आवश्यकता हो उसे सबसे पहले ज्योतिषी को समझना चाहिए
|...................................................हर हर महादेव
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