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यह एक प्रकार की जड़ी [पौधे की जड़ ]है
,परन्तु अपनी अद्भुत रूपाकृति और विचित्र संरचना के कारण किसी पक्षी के पैरों जैसा
आभास देता है |यह जड़ अद्भुत चमत्कारों की कारक होती है यदि इसे शुभ मुहूर्त में
लाकर विधिवत पूजन -प्राण प्रतिष्ठा करके सिद्ध कर लिया जाए |यह भौतिक जगत की अनेक
कठिनाइयों और समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है |
हत्थाजोड़ी आकार में भले छोटी हो या बड़ी
,लेकिन वह सुडौल ,सम्पूर्ण ,पुष्ट ,आभायुक्त ,आकर्षक और सुदृढ़ होनी चाहिए |छिन्न
,भग्न ,कटी ,टूटी ,छेद्युक्त ,विकृत नहीं होनी चाहिए |यह पानी में भीगने पर खराब
हो जाती है अतः इसे पानी से बचाना चाहिए |चूंकि यह सर्वत्र सुलभ नहीं होता ,अतः
इसे निमंत्रित करके निकालकर लाना मुश्किल होता है अतः जब जहाँ सही मिल जाए इसे
सुरक्षित रख लिया जाए और शुभ मुहूर्त में इसकी पूजा प्राण प्रतिष्ठा की जाए यही
उपयुक्त होता है |
हत्थाजोड़ी में माता चामुंडा का वास माना
जाता है |इस जड़ी का सर्वाधिक प्रभाव इसकी सम्मोहंनशीलता है | साधक [व्यक्ति] इसे लेकर कही भी जाये उसका विरोध नहीं होगा
|सम्बंधित मनुष्य उसके अनुकूल आचरण और व्यवहार करेगा |इस जड़ी के इसी गुण
[सम्मोहनशीलता ]के कारण ही बहुत से लोग इसका प्रयोग प्रेम सम्बन्धी मामलों में भी
करते हैं |पति-पत्नी के मामलों में यह अत्यंत उपयोगी भी है और सदुपयोगी भी |सम्मोहन ,आकर्षण और
वशीकरण के अतिरिक्त इसका प्रयोग धन वृद्धि ,सुरक्षा ,सौभाग्य
वृद्धि ,व्यापार बाधा हटाने आदि में भी किया जाता है और यह सभी प्रयोगों में बेहद प्रभावी भी है | यह तभी
प्रभावी होती है जबकि इसे विधिविधान से सिद्ध किया गया हो |यद्यपि यह एक सस्ती
किन्तु दुर्लभ वस्तु है पर इसकी सम्पूर्ण विधि पूर्वक प्राण-प्रतिष्ठा इसे अमूल्य बना देती है |
दुहथिया की साधना से साधक चामुंडा देवी
का कृपापात्र हो जाता है |धारक या साधक यात्रा ,विवाद ,प्रतियोगिता ,साक्षात्कार
,द्युतक्रीडा ,और युद्धादी में यह साधक की रक्षा करके उसे विजय प्रदान करती है
|भूत-प्रेत आदि वायव्य बाधाओं का
उसे कोई भय नहीं रहता ,धन-संपत्ति
देने में भी यह बहुत चमत्कारी सिद्ध होती है |इस पर विभिन्न प्रकार के वशीकरण-आकर्षण-सम्मोहन के प्रयोग किये जाते हैं ,विदेश यात्रा की रुकावटें दूर करने की
क्रियाएं होती हैं ,घर की सुरक्षा की क्रियाएं होती हैं ,धन-संपत्ति-आकस्मिक लाभ सम्बन्धी क्रियाएं होती हैं ,व्यापार वृद्धि प्रयोग होते हैं
,मुकदमे में विजय ,विरोधियों की पराजय की क्रियाएं होती है ,,इसे जेब में रखा जाये
तो सम्मान-सम्मोहंशीलता-प्रभाव बढ़ता है ,सामने के व्यक्ति का वाकस्तम्भन
होता है ,आकस्मिक आय के स्रोत बनते हैं
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आकर्षण ,वशीकरण और मोहन आदि के प्रयोगों में पद्धति ,मंत्र औ उद्देश्य के अनुसार वस्त्र ,आसन ,पत्र ,पुष्प ,नैवेद्य का प्रयोग किया जाता है |इसके समस्त प्रयोग तांत्रिक होते हैं अतः प्रयोगों में अति सावधानी की आवश्यकता होती है |इस पर किये गए प्रयोग बहुत ही शीघ्र प्रभाव दिखाते हैं क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से सम्मोहंशीलता बढाने वाली और आकर्षण -वशीकरण का प्रभाव उत्पन्न करने वाली जड़ी है |इसके इसी गुण के कारण यह हमारे केंद्र द्वारा निर्मित चमत्कारी दिव्य गुटिका का मुख्या अवयव होता है |दिव्य गुटिका पर दिए गए सभी आकर्षण -वशीकरण के प्रयोग इस पर किये जा सकते हैं |इसलिए हम इसके अलग से प्रयोग नहीं लिख रहे |मंत्र आदि का चयन सोच समझकर ,योग्य की परामर्श के बाद ,सम्पूर्ण पद्धति समझकर किया जाना चाहिए |इस पर पति वशीकरण ,पत्नी वशीकरण ,प्रेमी -प्रेमिका वशीकरण ,दूर गए व्यक्ति का आकर्षण ,रूठे को मनाने की क्रिया ,बिगड़े को वशीकृत कर सुधारने की क्रिया ,अधिकारी आकर्षण -वशीकरण आदि बहुत से प्रयोग किये जा सकते हैं |........................................................................हर-हर महादेव
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