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चित बदला एक पौधे और उसके फल का नाम तंत्र जगत में जाना जाता है |इसका वानस्पतिक नाम और भातीय नाम तो हमें भी नहीं पता पर इसके प्रयोग के किस्से हम बचपन से ही अपने गाँव के जीवन से सुनते आ रहे हैं |यह पारंपरिक गाँव आदि के तांत्रिकों द्वारा विशेष रूप से प्रयोग की जाने वाली तांत्रिक वनस्पति है जिसके पूरे पौधे का ही प्रयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए होता है विशेषकर वशीकरण और चित्त बदलने के लिए |इसके प्रयोग की एक विशेष तकनीक है और यह खिलाने -पिलाने की वस्तु के रूप में प्रयोग की जाती है |हमारे खानदान के पूर्व के साधक इसका प्रयोग करते रहे हैं |
इसको विशेष तांत्रिक पद्धति से खिलाने के बाद व्यक्ति की सोच ,स्वभाव खिलाने वाले के प्रति बदल जाती है |तंत्र जगत में आने के बाद हमने इसका प्रयोग अनेक बार करवाया है और लगभग अधिकतर मामलों में सफलता मिली है |चितबदला के नाम से कई वनस्पतियाँ बाजार और तांत्रिक जड़ी बूटी वालों के यहाँ मिलती हैं |इसको पहचानना और उसका पूर्ण उपयोग जानना ही महत्वपूर्ण है |लकड़ी रूप में ,फल रूप में ,छोटी जड़ी रूप में भी यह मिलता है |फल में भी नर -मादा दोनों होते हैं |दोनों का प्रयोग अलग -अलग होता है और दोनों स्त्री या पुरुष को अलग अलग दी जाती हैं |जड़ का प्रयोग अलग और फल का प्रयोग अलग होता है |
चितबदला का प्रयोग सास -ससुर ,पति अथवा पत्नी ,मित्र ,विरोधी किसी के लिए भी किया जा सकता है |इसके प्रयोग के बाद व्यक्ति को पता भी नहीं चलता और वह अपने स्वयं के चेतन में सबकुछ जानते समझते हुए भी खिलाने -पिलाने वाले के प्रति वशीभूत होने लगता है |उसके स्वभाव में परिवर्तन आने लगता है और उसका चित्त अर्थात मन बदलने लगता है |इसके प्रयोग में एक विशेष मंत्र का प्रयोग अभिमन्त्रण में किया जाता है जिसे हम यहाँ पर समाज हित में नहीं दे रहे ताकि कोई इसका दुरुपयोग न कर सके |इसी प्रकार इसको सप्ताह के विशेष दिन खिलाने पिलाने पर अधिक प्रभाव प्राप्त होता है |तांत्रिक प्रयोग के लिए इसका संग्रह भी विशेष दिन और विशेष तांत्रिक पद्धति से किया जाता है |................................................हर-हर महादेव
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