Sunday, 18 February 2018

दाम्पत्य जीवन और वशीकरण

दाम्पत्य जीवन और वशीकरण
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दाम्पत्य जीवन में तंत्र के षटकर्मों में से वशीकरण का प्रयोग ही हमेशा से सबसे आधिक होता रहा है |कारण मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है |मनुष्य की प्रवृत्ति और सामाजिक /पारिवारिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही प्राचीन ऋषियों -मुनियों ने षट्कर्म की अवधारणा विकसित की थी |इनमे से दाम्पत्य में वशीकरण का प्रयोग अधिक हुआ |स्त्री या पुरुष का मन अक्सर भटकता है और वह कभी भी कहीं भी किसी और से जुड़ सकता है |ऐसे में दाम्पत्य जीवन पर संकट उत्पन्न हो जाता है और वहां बिखराव की स्थिति उत्पन्न होने लगती है |पारिवारिक सदस्यों की स्थिति भी विषम होने लगती है |बहुत कम ऐसे होते हैं जो एक निष्ठ जीवन जीते हैं जबकि अधिकतर को मौका मिले तो मन भटक सकता है |सामाजिक वर्जनाएं कम होने और आधुनिकता के विकास के साथ आधुनिक समय में यह अधिक होने लगा है की कोई किसी और से जुड़ जा रहा है ,जबकि पहले यह सब अधिकतर चोरी छिपे था |इस स्थिति के नियंत्रण के लिए ही सामाजिक वशीकरण को विकसित किया गया था ,यद्यपि वशीकरण तो देवी -देवताओं और लोकेत्तर शक्तियों का भी होता है |
हमसे अथवा अन्य तांत्रिको से संपर्क करने वाली अधिकतर महिलाओं की समस्या कहीं न कहीं उनके दाम्पत्य जीवन से जुडी होती है किसी न किसी रूप से |किसी का पति किसी और के प्रति आकृष्ट होता है अथवा किसी और से जुड़ा होता है तो किसी के पति पर किसी अपने ही द्वारा अथवा किसी और द्वारा कोई तांत्रिक क्रिया की गयी होती है |कोई अपने किसी सहकर्मी से तो कोई अपने किसी अधीनस्थ कर्मचारी से जुड़ा होता है |कोई बिगडैल होता है तो कोई दुर्व्यसनी या नशेडी |कोई किसी की भावना को नहीं समझता तो कोई अपने परिवार वालों को कष्ट देता है |कोई ठीक से कमाता धमाता नहीं तो कोई घर का पैसा उडाता है |कभी कभी यह स्थितियां कुछ पुरुषों के सामने भी उनकी पत्नियों को लेकर उत्पन्न होती हैं |कभी कभी कुछ पुरुष अथवा महिलायें अपने पत्नी या पति के होते हुए भी किसी विवाहित या अविवाहित से सुख की लालसा में खुद संपर्क बना लेते हैं तो कभी कभी कोई उन्हें अपनी ओर आकृष्ट कर लेता है |इन सभी मामलों में वशीकरण की भूमिका है और इन सभी मामलों में वशीकरण कर व्यक्ति को सुधारा जा सकता है |

जब दाम्पत्य टूटने लगे ,अपना कोई दूर जाने लगे ,किसी और से जुड़ने लगे ,पारिवारिक स्थिति बिगड़ने लगे ,लोगों के भविष्य असुरक्षित होने लगें ,कोई रास्ते से भटकने लगे ,कोई नैतिक रूप से पतित होने लगे तो वशीकरण एक ऐसा माध्यम है जिससे उस व्यक्ति को सुधारा जा सकता है |पुनः अपनी ओर आकृष्ट किया जा सकता है |किसी और से संपर्क हटा पुनः खुद से जोड़ा जा सकता है |पारिवारिक और दाम्पत्य जीवन को बचाने के लिए यह किया जाना पूरी तरह उचित भी है और उपयुक्त भी |इस माध्यम से बिगड़े को सुधारा जा सकता है ,किसी को अपनी ओर आकृष्ट कर उसे वशीभूत कर अपनी बात मनवाई जा सकती है जिससे उसका स्वभाव परिवर्तन भी किया जा सकता है और दुर्गुण ,दुर्व्यसन छुडाया जा सकता है |उसे उसकी जिम्मेदारियों का अहसास कराया जा सकता है |उसे किसी के चंगुल से छुड़ा अपनी ओर मोड़ा जा सकता है |उसे वापस अपनी ओर कर परिवार और दाम्पत्य को बचाया जा सकता है |..............................................हर हर महादेव 

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