::::धारण करें षोडशी यन्त्र और रहें सुखी- संपन्न ::::
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षोडशी [त्रिपुरसुन्दरी ]दश महाविद्या में से एक प्रमुख महाविद्या है और श्री कुल की अधिष्ठात्री हैं ,इनकी साधना से धर्म-अर्थ-काम और मोक्ष चारो पुरुषार्थो की प्राप्ति होती है ,ऐसा कुछ भी नहीं जो ये देने में सक्षम नहीं ,ब्रह्मा-विष्णु-रूद्र और यम चारो इनके अधीन हैं ,ये अन्य साधनाओ में भी पूर्णता देने में समर्थ हैं |दुःख-दैन्य-किसी प्रकार की न्यूनता ,अभाव ,पीड़ा ,बाधा सभी को एक ही बार में समाप्त करने में सक्षम हैं ,इनकी साधना से कायाकल्प भी होता है ,यह सौंदर्य ,पुरुषत्व,हिम्मत, साहस ,बल ,ओज ,भी देती हैं |
षोडशी यन्त्र भगवती त्रिपुरसुंदरी [श्री विद्या ] का यन्त्र है ,जिसमे उनका अपने परिवार देवताओं के साथ वास होता है ,यह यन्त्र विशिष्ट मुहूर्त में और श्री विद्या साधक द्वारा ही निर्मित होता है ,तत्पश्चात प्राण प्रतिष्ठा ,मंत्र जप और हवन से इसे उर्जिकृत किया जाता है ,,यन्त्र धारण से शारीरिक उर्जा ,धन-संमृद्धि-संपत्ति ,साधन सम्पन्नता ,हिम्मत, साहस, बल, ओज, पौरुष, प्राप्त होता है , ,आय के नए स्रोत बनते है ,अकस्मात् धन प्राप्ति की सम्भावना बनती है, दुःख-दारिद्र्य .रोग-शोक, समाप्त होते हैं ,सुरक्षा प्राप्त होती हैं ,किसी प्रकार की अशुभता का शमन होता है ,सौभाग्य वृद्धि होती है ,ग्रह बाधा का शमन होता है ,रुकावटें दूर होती हैं ,विजय प्राप्त होती है ,यश-मान सम्मान-प्रतिष्ठा ,पुत्र पौत्रादि की उन्नति प्राप्त होती है ,कलह -कटुता का प्रभाव कम होकर खुशहाली प्राप्त होती है ,मानसिक शांति प्राप्त होती है |
यदि आप पर या घर पर नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव है ,दुःख-दरिद्रता से ग्रस्त हैं ,बनते काम बिगड़ रहे हैं ,रोग-शोक-कलह बढ़ गए हों ,आर्थिक-व्यावसायिक समस्याएं उत्पन्न हों ,अनेकानेक समस्याएं घर-परिवार में उत्पन्न हों तो एक बार अवश्य किसी अच्छे साधक से भोजपत्र पर निर्मित षोडशी यन्त्र चांदी के कवच में धारण करें |आपकी सारी समस्याएं क्रमशः दूर होने लगेंगी |यह अनेक बार हमारे द्वारा अनुभूत और परीक्षित है |हमने अनेकों को विभिन्न समस्याओं में इसे धारण कराया है और अब तक शत-प्रतिशत सफलता मिली है |बिगड़े बच्चों को धारण कराने से उनमे सुधार आया है जो की परिवार के सम्मान को ठेस लगाकर गलत कार्य की और झुके थे ,व्यावसायिक उतार-चढ़ाव से ग्रस्त लोगों को धारण करने पर उनके कार्य-व्यवसाय में स्थिरता प्राप्त हुई है ,पारिवारिक समस्याओं में उत्तम परिणाम प्राप्त हुए हैं |प्रत्येक क्षेत्र में सफलता बढ़ी है |घर के कलह-तनाव को दूर करने में मदद मिली है ,आया के नए स्रोत बनाने अथवा परीक्षा-शिक्षा में सफलता बढ़ी है |अतः यह अनुभूत प्रयोग है |यह अगर श्री विद्या के सिद्ध साधक द्वारा स्वयं बनाया जाता है और षोडशी मंत्र से अभिमंत्रित किया जाता है तो इससे अद्भुत परिणाम मिलते हैं |आश्चर्यजनक रूप से स्थितियां नियंत्रण में आती हैं और लाभ प्राप्त होते हैं जीवन के हर क्षेत्र में |,......................................................हर-हर महादेव
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षोडशी [त्रिपुरसुन्दरी ]दश महाविद्या में से एक प्रमुख महाविद्या है और श्री कुल की अधिष्ठात्री हैं ,इनकी साधना से धर्म-अर्थ-काम और मोक्ष चारो पुरुषार्थो की प्राप्ति होती है ,ऐसा कुछ भी नहीं जो ये देने में सक्षम नहीं ,ब्रह्मा-विष्णु-रूद्र और यम चारो इनके अधीन हैं ,ये अन्य साधनाओ में भी पूर्णता देने में समर्थ हैं |दुःख-दैन्य-किसी प्रकार की न्यूनता ,अभाव ,पीड़ा ,बाधा सभी को एक ही बार में समाप्त करने में सक्षम हैं ,इनकी साधना से कायाकल्प भी होता है ,यह सौंदर्य ,पुरुषत्व,हिम्मत, साहस ,बल ,ओज ,भी देती हैं |
षोडशी यन्त्र भगवती त्रिपुरसुंदरी [श्री विद्या ] का यन्त्र है ,जिसमे उनका अपने परिवार देवताओं के साथ वास होता है ,यह यन्त्र विशिष्ट मुहूर्त में और श्री विद्या साधक द्वारा ही निर्मित होता है ,तत्पश्चात प्राण प्रतिष्ठा ,मंत्र जप और हवन से इसे उर्जिकृत किया जाता है ,,यन्त्र धारण से शारीरिक उर्जा ,धन-संमृद्धि-संपत्ति ,साधन सम्पन्नता ,हिम्मत, साहस, बल, ओज, पौरुष, प्राप्त होता है , ,आय के नए स्रोत बनते है ,अकस्मात् धन प्राप्ति की सम्भावना बनती है, दुःख-दारिद्र्य .रोग-शोक, समाप्त होते हैं ,सुरक्षा प्राप्त होती हैं ,किसी प्रकार की अशुभता का शमन होता है ,सौभाग्य वृद्धि होती है ,ग्रह बाधा का शमन होता है ,रुकावटें दूर होती हैं ,विजय प्राप्त होती है ,यश-मान सम्मान-प्रतिष्ठा ,पुत्र पौत्रादि की उन्नति प्राप्त होती है ,कलह -कटुता का प्रभाव कम होकर खुशहाली प्राप्त होती है ,मानसिक शांति प्राप्त होती है |
यदि आप पर या घर पर नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव है ,दुःख-दरिद्रता से ग्रस्त हैं ,बनते काम बिगड़ रहे हैं ,रोग-शोक-कलह बढ़ गए हों ,आर्थिक-व्यावसायिक समस्याएं उत्पन्न हों ,अनेकानेक समस्याएं घर-परिवार में उत्पन्न हों तो एक बार अवश्य किसी अच्छे साधक से भोजपत्र पर निर्मित षोडशी यन्त्र चांदी के कवच में धारण करें |आपकी सारी समस्याएं क्रमशः दूर होने लगेंगी |यह अनेक बार हमारे द्वारा अनुभूत और परीक्षित है |हमने अनेकों को विभिन्न समस्याओं में इसे धारण कराया है और अब तक शत-प्रतिशत सफलता मिली है |बिगड़े बच्चों को धारण कराने से उनमे सुधार आया है जो की परिवार के सम्मान को ठेस लगाकर गलत कार्य की और झुके थे ,व्यावसायिक उतार-चढ़ाव से ग्रस्त लोगों को धारण करने पर उनके कार्य-व्यवसाय में स्थिरता प्राप्त हुई है ,पारिवारिक समस्याओं में उत्तम परिणाम प्राप्त हुए हैं |प्रत्येक क्षेत्र में सफलता बढ़ी है |घर के कलह-तनाव को दूर करने में मदद मिली है ,आया के नए स्रोत बनाने अथवा परीक्षा-शिक्षा में सफलता बढ़ी है |अतः यह अनुभूत प्रयोग है |यह अगर श्री विद्या के सिद्ध साधक द्वारा स्वयं बनाया जाता है और षोडशी मंत्र से अभिमंत्रित किया जाता है तो इससे अद्भुत परिणाम मिलते हैं |आश्चर्यजनक रूप से स्थितियां नियंत्रण में आती हैं और लाभ प्राप्त होते हैं जीवन के हर क्षेत्र में |,......................................................हर-हर महादेव
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