क्या आपके साथ ऐसा होता है
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कभी कभी कुछ लोगों को अहसास होता है कि उनके आस पास कोई और भी है ,पर नजरें घुमाने पर कोई दिखाई नहीं देता ।कभी अकेले कमरे या एकांत में महसूस होता है कि कमरे में आपके अलावा भी कोई है जबकि वास्तव में सशरीर केवल आप वहां होते हैं ।ऐसा कभी एकाध बार तो बहुतों को महसूस होता है ,किंतु कुछ लोगों को बार बार या कई बार ऐसा महसूस होता है ।जिन्हें बार बार ऐसा महसूस होता है उसे कोई न कोई कमी या समस्या भी परेशान करती है ,चाहे घर परिवार की हो ,कमाई धंधे की हो ,सन्तान की हो ,स्वास्थ्य की हो या किसी और प्रकार की ।एकाध बार की अनुभूति तो भ्रम से भी हो सकती है ,किंतु बार बार का महसूस होना भ्रम नहीं होता ।इसके अपने कारण होते हैं ।यद्यपि यहाँ तक की समस्या बहुत गम्भीर नहीं होती ,क्योकि कोई प्रत्यक्ष शरीर को प्रभावित नहीं कर रहा होता ।
कभी कभी किसी किसी को महसूस होता है कि कोई उसे छू गया ,कभी किसी को महसूस होता है कि कोई आगे से चला गया ,कोई पीछे से चला गया ।कभी कभी पूजा करते समय भी ऐसा महसूस हो सकता है ।कभी किसी किसी को सोते समय अर्ध निद्रा में महसूस होता है कि कोई सीने पर आकर बैठ गया ,कभी किसी को लगता है कि कोई गला दबा रहा है ।कभी किसी को लगता है की कोई छाया सी आकर उस पर छा गयी या उसे दबा लिया ।यहाँ तक की स्थिति थोड़ी गम्भीर हो जाती है और यह किसी अशरीरी के जुड़ाव या प्रभाव की ओर संकेत करता है ।
कभी कभी किसी किसी को सोते समय अपने बिस्तर पर किसी की उपस्थिति महसूस होती है ।कभी कभी किसी किसी को सीधे स्पर्श भी महसूस होता है ।किसी को अंग विशेष तो किसी को हाथ ,किसी किसी को पूरा शरीर का स्पर्श महसूस होता है ।कुछ मामलों में देखा गया है कि कोई अशरीरी जी दिखाई तो नहीं देता पर जिसका अनुभव होता है ,किसी के साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाता है ।किसी को इससे अपार कष्ट तो किसी को बेहद सुखद अनुभूति होती है ।कभी किसी गिर कर चोट खाने वाले को लगता है कि किसी ने अनायास धक्का दे दिया ,जबकि वहां कोई ऐसा नहीं होता ।यहाँ तक की स्थिति बेहद गम्भीर हो जाती है और इनका निराकरण बड़े बड़े स्वनाम धन्य तांत्रिक ,सिद्ध भी नहीं कर पाते ।
उपरोक्त अनुभव विभिन्न क्रम की शक्तियों द्वारा व्यक्ति विशेष को प्रभावित करने के कारण होते हैं ।प्रथम चरण की अनुभूतियां सामान्य नकारात्मक शक्तियों जो घर परिवार के आस पास होती है उनके कारण होती हैं ।जबकि दूसरे तरह की अनुभूतियों और तीसरे तरह की अनुभूतियों के कई कारण हो सकते हैं ।यह शक्ति सम्पन्न शक्तियों के प्रभाव होते हैं जो किसी उद्देश्य से प्रभावित कर रही होती हैं ।द्वितीय और तृतीय प्रकार के मामलों में सामाय पूजा पाठ ,जप आदि काम नहीं करते ।तृतीय प्रकार में केवल अत्यंत उच्च शक्ति सम्पन्न साधक का ही प्रभाव पड़ता है ।यदि ऐसा कुछ महसूस हो तो बजाय खुद कोई उपाय करने के किसी अच्छे साधक ,तांत्रिक से सम्पर्क करना चाहिए ।खुद के छोटे मोटे उपाय ,पूजा जप आदि किसी शक्ति को छेड़कर छोड़ देने जैसे हो जाते हैं ,जिससे वह और अधिक उग्र हो क्षति की या प्रभावित कोशिश करता है ।अतः खूब सोच समझकर योग्य साधक के मार्गदर्शन में ही उपाय करने और करवाने चाहिए ....................................हर हर महादेव
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कभी कभी कुछ लोगों को अहसास होता है कि उनके आस पास कोई और भी है ,पर नजरें घुमाने पर कोई दिखाई नहीं देता ।कभी अकेले कमरे या एकांत में महसूस होता है कि कमरे में आपके अलावा भी कोई है जबकि वास्तव में सशरीर केवल आप वहां होते हैं ।ऐसा कभी एकाध बार तो बहुतों को महसूस होता है ,किंतु कुछ लोगों को बार बार या कई बार ऐसा महसूस होता है ।जिन्हें बार बार ऐसा महसूस होता है उसे कोई न कोई कमी या समस्या भी परेशान करती है ,चाहे घर परिवार की हो ,कमाई धंधे की हो ,सन्तान की हो ,स्वास्थ्य की हो या किसी और प्रकार की ।एकाध बार की अनुभूति तो भ्रम से भी हो सकती है ,किंतु बार बार का महसूस होना भ्रम नहीं होता ।इसके अपने कारण होते हैं ।यद्यपि यहाँ तक की समस्या बहुत गम्भीर नहीं होती ,क्योकि कोई प्रत्यक्ष शरीर को प्रभावित नहीं कर रहा होता ।
कभी कभी किसी किसी को महसूस होता है कि कोई उसे छू गया ,कभी किसी को महसूस होता है कि कोई आगे से चला गया ,कोई पीछे से चला गया ।कभी कभी पूजा करते समय भी ऐसा महसूस हो सकता है ।कभी किसी किसी को सोते समय अर्ध निद्रा में महसूस होता है कि कोई सीने पर आकर बैठ गया ,कभी किसी को लगता है कि कोई गला दबा रहा है ।कभी किसी को लगता है की कोई छाया सी आकर उस पर छा गयी या उसे दबा लिया ।यहाँ तक की स्थिति थोड़ी गम्भीर हो जाती है और यह किसी अशरीरी के जुड़ाव या प्रभाव की ओर संकेत करता है ।
कभी कभी किसी किसी को सोते समय अपने बिस्तर पर किसी की उपस्थिति महसूस होती है ।कभी कभी किसी किसी को सीधे स्पर्श भी महसूस होता है ।किसी को अंग विशेष तो किसी को हाथ ,किसी किसी को पूरा शरीर का स्पर्श महसूस होता है ।कुछ मामलों में देखा गया है कि कोई अशरीरी जी दिखाई तो नहीं देता पर जिसका अनुभव होता है ,किसी के साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाता है ।किसी को इससे अपार कष्ट तो किसी को बेहद सुखद अनुभूति होती है ।कभी किसी गिर कर चोट खाने वाले को लगता है कि किसी ने अनायास धक्का दे दिया ,जबकि वहां कोई ऐसा नहीं होता ।यहाँ तक की स्थिति बेहद गम्भीर हो जाती है और इनका निराकरण बड़े बड़े स्वनाम धन्य तांत्रिक ,सिद्ध भी नहीं कर पाते ।
उपरोक्त अनुभव विभिन्न क्रम की शक्तियों द्वारा व्यक्ति विशेष को प्रभावित करने के कारण होते हैं ।प्रथम चरण की अनुभूतियां सामान्य नकारात्मक शक्तियों जो घर परिवार के आस पास होती है उनके कारण होती हैं ।जबकि दूसरे तरह की अनुभूतियों और तीसरे तरह की अनुभूतियों के कई कारण हो सकते हैं ।यह शक्ति सम्पन्न शक्तियों के प्रभाव होते हैं जो किसी उद्देश्य से प्रभावित कर रही होती हैं ।द्वितीय और तृतीय प्रकार के मामलों में सामाय पूजा पाठ ,जप आदि काम नहीं करते ।तृतीय प्रकार में केवल अत्यंत उच्च शक्ति सम्पन्न साधक का ही प्रभाव पड़ता है ।यदि ऐसा कुछ महसूस हो तो बजाय खुद कोई उपाय करने के किसी अच्छे साधक ,तांत्रिक से सम्पर्क करना चाहिए ।खुद के छोटे मोटे उपाय ,पूजा जप आदि किसी शक्ति को छेड़कर छोड़ देने जैसे हो जाते हैं ,जिससे वह और अधिक उग्र हो क्षति की या प्रभावित कोशिश करता है ।अतः खूब सोच समझकर योग्य साधक के मार्गदर्शन में ही उपाय करने और करवाने चाहिए ....................................हर हर महादेव
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