आप परेशान हैं और आपकी समस्या ऐसी तो नहीं ?
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आपके जीवन में उलझनें ,समस्याएं ,कठिनाइयाँ ,असफलता ,विवाद ,अवनति है तो इनके कारण ग्रह दशा के साथ कुछ और भी शक्तियां हो सकती हैं |यदि बाहर से घर में पहुँचने पर सर भारी हो जाये ,घर में अशांति का वातावरण हो ,कलह होता हो ,पूजा पाठ व्यर्थ लगता हो या इनमे मन न लगता हो ,पूजा पाठ करने पर और समस्या बढ़ जाती हो ,पूजा पाठ करते समय सर भारी हो जाए अथवा जम्हाई ,निद्रा ,सुस्ती आये ,कभी लगे की कोई आसपास है ,पूजा पाठ करने से दुर्घटनाएं अथवा परेशानियां और बढ़ जाएँ ,पूजा पाठ अथवा धार्मिक अथवा मांगलिक क्रियाओं में अवरोध उतपन्न हो ,पति -पत्नी में अनावश्यक कलह हो तो मान लीजिए की आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति का प्रभाव है जिसका निराकरण आपकी पूजा पाठ से नहीं हो पा रहा ।
यदि घर में बार बार बीमारियों का आक्रमण हो रहा हो ,डाक्टर के अनुसार कोई बीमारी न हो किंतु फिर भी कोई सदस्य बीमार हो ,आय व्यय का संतुलन बिगड़ा हो ,आकस्मिक दुर्घटनाएं अधिक होती हों ,रोग हो किंतु कारण पता न चले ,सदस्यों में मतभेद हो ,मन हमेशा अशांत रहता हो ,सब ठीक लगने पर भी मन अशांत रहे अथवा अनजाना भय लगे ,घर में खुशहाली न दिखे जबकि सब सुविधा उपलब्ध हों ,प्रगति रुकी लगे अथवा अवनति होने लगे तो समझ लीजिए की आपके घर में किसी प्रकार की नकारात्मक शक्ति का प्रवेश हो चूका है ।
यदि सन्तान बिगड़ने लगे ,संतानें विरुद्ध जाने लगे ,उनके भविष्य असुरक्षित लगने लगे ,उनकी उन्नति यथायोग्य न हो पा रही हो अथवा घर में संतानहीनता की स्थिति उतपन्न हो ,संतानों के विवाह आदि मांगलिक कार्यों में व्यवधान आ रहे हों ,कभी अपने ही घर में भय लगे अथवा अकेले में लगे की कोई और है घर में या आसपास ,अधिक त्वचा रोग हो ,बार बार अपशकुन हो ,अनावश्यक आग आदि लगे ,नौकरी अथवा व्यवसाय में उन्नति रुक जाए ,कार्य व्यवसाय के प्रति उत्साहहीनता हो अथवा उसमे मन उचट जाए ,कर्मचारियों -सहयोगियों -अधिकारियों से मतभेद हो अधिक समय तक ,स्वभाव में कटुता अथवा चिड़चिड़ापन बना रहे ,असंतुष्टि हमेशा हावी रहे ,आय व्यय का संतुलन बिगड़ा रहे ,कर्ज हो जाए और उतर न पा रहा हो ,बार बार नौकरी अथवा काम छूट रहा हो और मन माफिक न मिल पा रहा हो तो समझिए आप और घर नकारात्मक शक्ति अथवा ऊर्जा से प्रभावित हैं ।
यदि आप द्वारा अक्सर अथवा रोज पूजा पाठ करने ,मंदिर आदि जाने ,धर्म कर्म करने ,सदाचार बरतने ,किसी का अहित न करने पर भी आप सुखी न हों ,आपके पत्नी -पति अथवा बच्चे सुखी न हों ,कन्याएं अपने ससुराल में और पुत्र अपने कार्य व्यवसाय परिवार में सुखी न हों ,किसी का वैवाहिक जीवन बिगड़ रहा तो किसी का व्यावसायिक जीवन ,किसी को संतान नहीं हो रही तो किसी की होकर भी योग्य बन रही ,कोई रोग से परेशान तो कोई शत्रु -दुर्घटना से तो मान लीजिये की समस्या पुरानी और गंभीर हो चुकी है जो अब पीढ़ियों को कष्ट देने लगी है |आपने समय पर ध्यान नहीं दिया था और आपकी ही गलती से आज आपकी पीढियां यह भुगत रही |कुछ ऐसे दोष हैं जो पूरे परिवार को कष्ट दे रहे अलग अलग रूपों में |
यह समस्या कुलदेवता / देवी दोष ,पित्र दोष ,स्थान दोष ,वास्तु दोष ,ग्रह दोष ,अभिचार दोष ,भूत प्रेत दोष ,पूजा पाठ में हुई गलतियों से उतपन्न विक्षोभ ,किसी वाह्य शक्ति के कुलदेवता आदि का स्थान लेने आदि से हो सकती है ।किसी पूर्वज द्वारा की गयी किसी गलती के कारण किसी शक्ति के परिवार को प्रभावित करने के कारण हो सकत है |किसी द्वारा अपनी समस्या किसी अन्य परिवार पर भेजने या उलटने से हो सकती है |किसी जमीन में दबी किसी शक्ति के रुष्ट होने से हो सकती है |किसी गलती के कारण किसी शक्ति के साथ लग जाने से हो सकती है |बेहतर है किसी अच्छे जानकार से विश्लेषण कराएं अथवा कुछ ऐसा उपाय करें की समस्या कहीं से भी हो समाप्त हो जाए ,क्योकि जितने लोगों से मिलेंगे उतने तरह के दोष बताए जा सकते हैं अगर वास्तविक जानकार बताने वाला न हुआ तो ।..................................हर हर महादेव
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आपके जीवन में उलझनें ,समस्याएं ,कठिनाइयाँ ,असफलता ,विवाद ,अवनति है तो इनके कारण ग्रह दशा के साथ कुछ और भी शक्तियां हो सकती हैं |यदि बाहर से घर में पहुँचने पर सर भारी हो जाये ,घर में अशांति का वातावरण हो ,कलह होता हो ,पूजा पाठ व्यर्थ लगता हो या इनमे मन न लगता हो ,पूजा पाठ करने पर और समस्या बढ़ जाती हो ,पूजा पाठ करते समय सर भारी हो जाए अथवा जम्हाई ,निद्रा ,सुस्ती आये ,कभी लगे की कोई आसपास है ,पूजा पाठ करने से दुर्घटनाएं अथवा परेशानियां और बढ़ जाएँ ,पूजा पाठ अथवा धार्मिक अथवा मांगलिक क्रियाओं में अवरोध उतपन्न हो ,पति -पत्नी में अनावश्यक कलह हो तो मान लीजिए की आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति का प्रभाव है जिसका निराकरण आपकी पूजा पाठ से नहीं हो पा रहा ।
यदि घर में बार बार बीमारियों का आक्रमण हो रहा हो ,डाक्टर के अनुसार कोई बीमारी न हो किंतु फिर भी कोई सदस्य बीमार हो ,आय व्यय का संतुलन बिगड़ा हो ,आकस्मिक दुर्घटनाएं अधिक होती हों ,रोग हो किंतु कारण पता न चले ,सदस्यों में मतभेद हो ,मन हमेशा अशांत रहता हो ,सब ठीक लगने पर भी मन अशांत रहे अथवा अनजाना भय लगे ,घर में खुशहाली न दिखे जबकि सब सुविधा उपलब्ध हों ,प्रगति रुकी लगे अथवा अवनति होने लगे तो समझ लीजिए की आपके घर में किसी प्रकार की नकारात्मक शक्ति का प्रवेश हो चूका है ।
यदि सन्तान बिगड़ने लगे ,संतानें विरुद्ध जाने लगे ,उनके भविष्य असुरक्षित लगने लगे ,उनकी उन्नति यथायोग्य न हो पा रही हो अथवा घर में संतानहीनता की स्थिति उतपन्न हो ,संतानों के विवाह आदि मांगलिक कार्यों में व्यवधान आ रहे हों ,कभी अपने ही घर में भय लगे अथवा अकेले में लगे की कोई और है घर में या आसपास ,अधिक त्वचा रोग हो ,बार बार अपशकुन हो ,अनावश्यक आग आदि लगे ,नौकरी अथवा व्यवसाय में उन्नति रुक जाए ,कार्य व्यवसाय के प्रति उत्साहहीनता हो अथवा उसमे मन उचट जाए ,कर्मचारियों -सहयोगियों -अधिकारियों से मतभेद हो अधिक समय तक ,स्वभाव में कटुता अथवा चिड़चिड़ापन बना रहे ,असंतुष्टि हमेशा हावी रहे ,आय व्यय का संतुलन बिगड़ा रहे ,कर्ज हो जाए और उतर न पा रहा हो ,बार बार नौकरी अथवा काम छूट रहा हो और मन माफिक न मिल पा रहा हो तो समझिए आप और घर नकारात्मक शक्ति अथवा ऊर्जा से प्रभावित हैं ।
यदि आप द्वारा अक्सर अथवा रोज पूजा पाठ करने ,मंदिर आदि जाने ,धर्म कर्म करने ,सदाचार बरतने ,किसी का अहित न करने पर भी आप सुखी न हों ,आपके पत्नी -पति अथवा बच्चे सुखी न हों ,कन्याएं अपने ससुराल में और पुत्र अपने कार्य व्यवसाय परिवार में सुखी न हों ,किसी का वैवाहिक जीवन बिगड़ रहा तो किसी का व्यावसायिक जीवन ,किसी को संतान नहीं हो रही तो किसी की होकर भी योग्य बन रही ,कोई रोग से परेशान तो कोई शत्रु -दुर्घटना से तो मान लीजिये की समस्या पुरानी और गंभीर हो चुकी है जो अब पीढ़ियों को कष्ट देने लगी है |आपने समय पर ध्यान नहीं दिया था और आपकी ही गलती से आज आपकी पीढियां यह भुगत रही |कुछ ऐसे दोष हैं जो पूरे परिवार को कष्ट दे रहे अलग अलग रूपों में |
यह समस्या कुलदेवता / देवी दोष ,पित्र दोष ,स्थान दोष ,वास्तु दोष ,ग्रह दोष ,अभिचार दोष ,भूत प्रेत दोष ,पूजा पाठ में हुई गलतियों से उतपन्न विक्षोभ ,किसी वाह्य शक्ति के कुलदेवता आदि का स्थान लेने आदि से हो सकती है ।किसी पूर्वज द्वारा की गयी किसी गलती के कारण किसी शक्ति के परिवार को प्रभावित करने के कारण हो सकत है |किसी द्वारा अपनी समस्या किसी अन्य परिवार पर भेजने या उलटने से हो सकती है |किसी जमीन में दबी किसी शक्ति के रुष्ट होने से हो सकती है |किसी गलती के कारण किसी शक्ति के साथ लग जाने से हो सकती है |बेहतर है किसी अच्छे जानकार से विश्लेषण कराएं अथवा कुछ ऐसा उपाय करें की समस्या कहीं से भी हो समाप्त हो जाए ,क्योकि जितने लोगों से मिलेंगे उतने तरह के दोष बताए जा सकते हैं अगर वास्तविक जानकार बताने वाला न हुआ तो ।..................................हर हर महादेव
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